मनोरंजन
CRIME पेट्रोल के आलोचकों को अनूप सोनी का करारा जवाब, बोले- मैं करूँ अपराध तो….
नई दिल्ली। बॉलीवुड और टेलीविजन पर अक्सर वास्तविक जीवन में होने वाले अपराधों को प्रेरणा देने का आरोप लगता है। लेकिन अभिनेता अनूप सोनी जो लंबे अर्से से वास्तवकि घटनाओं पर आधारित टीवी शो ‘क्राइम पेट्रोल’ की मेजबानी कर रह रहे हैं, उनका कहना है कि टीवी शो को देखकर किसी के द्वारा अपराध कर देना मूखर्तापूर्ण करतूत है।
हालांकि, इस शो का उन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है, अनूप का कहना है कि यह किसी व्यक्ति की अपनी पसंद है कि आखिर में उसे किस राह पर चलना है।
अनूप (42) ने बताया, “अगर कोई इस शो को देखने के बाद अपराध करता है, तो यह उसकी बेवकूफी होगी। इस लिहाज से चूंकि मैं शो के सभी 1,600 एपिसोड का हिस्सा रहा हूं तो ऐसे में सबसे पहले तो मुझे ही अपराध करना चाहिए। ..यह बस एक बहाना है। ”
अनूप ने कहा, “यह आपकी पसंद है कि आपको किस राह पर चलना है। हर ड्रामा में अपराधी आखिर में पकड़ा जाता है, कुछ जल्दी पकड़े जाते हैं, कुछ को पकड़ने में समय लगता है, लेकिन आखिरकार पकड़े जाते हैं। आप हमारे देश के हाई-प्रोफाइल मामलों का उदाहरण ले सकते हैं, जो अब सामने आ रहे हैं..अपराध हमेशा अपना निशान छोड़ जाता है और कभी भी सामने आ सकता है।”
यह पूछे जाने पर कि भारत में होने वाले अपराधों की सच्चाई को दिखाने वाले शो का हिस्सा बनने से क्या वह व्यक्तिगत रूप से प्रभावित होते हैं तो उन्होंने कहा, “शुरू में, मैं बहुत परेशान हो जाता था।”
उन्होंने कहा कि इस तरह की कहानियों वाले शो को करना उनके लिए मुश्किल होता था, लेकिन अब उन्हें लगता है कि उनके जीवन में काफी सकारात्मक बदलाव आया है। जीवन के प्रति उनका नजरिया बदला है और उनके व्यक्त्वि में भी बदलाव आया है।
अभिनेता का मानना है कि यह शो लोगों को जीवन में बदलाव लाया है।
उन्होंने कहा कि दर्शकों ने इसे अच्छे से स्वीकार किया है। यह करीब साढ़े दस साल से प्रसारित हो रहा है और लोगों की सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है। वे ऐसी घटनाओं के प्रति जागरूक हो रहे हैं।
प्रादेशिक
13 साल बाद एक्ट्रेस को मिला इंसाफ, कोर्ट ने हत्यारे बाप को सुनाई फांसी की सजा
मुंबई। एक्ट्रेस लैला खान और उसके पूरे परिवार के हत्यारे सौतेले पिता को मुंबई की सेशन कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है। कोर्ट ने इस महीने की शुरुआत में परवेज टाक को लैला, उनकी मां और चार भाई-बहन की हत्या और सबूतों को नष्ट करने का दोषी ठहराया था। यह मामला 13 वर्ष पुराना है। सौतेले पिता ने लैला, उसकी मां व चार भाई-बहनों की हत्या की थी, इसके बाद शवों को फार्म हाउस में गड्ढा खोदकर दफन कर दिया था।
बता दें कि बीते सप्ताह सरकारी वकील पंकज चव्हाण ने दोषी परवेज टाक के लिए मौत की सजा की मांग की थी। उनका कहना था कि इस हत्या को पूरी तरह से प्लान करके किया गया था, जिसमें एक ही परिवार के छह लोगों को बड़ी ही बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया गया और शवों को ठिकाने लगा दिया गया।
लैला खान हत्याकांड में मंगलवार को कोर्ट में सुनवाई हुई थी। इस दौरान आरोपी के वकील वहाब खान ने दलील पेश की, जिसमें उन्होंने कम से कम आजीवन कारावास की सजा की मांग की। वकील ने कहा कि कोई प्रत्यक्ष सबूत नहीं है और शव उनके कहने पर बरामद किए गए थे। इतना ही नहीं बल्कि दोषी के वकील ने जेल में टाक के अच्छे व्यवहार की ओर इशारा करते हुए कहा कि उसमें सुधार हुआ है और इसलिए उन्होंने इसे भी सजा को कम करने का आधार बताया है। हालांकि कोर्ट ने उनकी एक न सुनी और परवेज टाक को फांसी की सजा सुना दी।
बता दें कि परवेज टाक, लैला का सौतेला पिता है। परवेज ने लैला की मां संग तीसरी शादी की थे। साल 2011 में फरवरी में लैला खान, उनकी मां और चार भाई-बहनों की महाराष्ट्र के नासिक जिले के इगतपुरी स्थित उनके बंगले में हत्या कर दी गई थी। रिपोर्ट्स की मानें तो कहा गया कि संपत्तियों पर बहस के बाद परवेज ने इस घटना को अंजाम दिया था।
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