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अन्तर्राष्ट्रीय

चीन के पड़ोसी देश लाओस में मिले कोरोना संक्रमित चमगादड़, बढ़ाई तीसरी लहर की चिंता

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लाओसः दुनिया भर में कोरोना संक्रमण के फैलने का कारण सबसे पहले चमगादड़ों द्वारा ही पाया गया था। ऐसा कहा गया था कि चीन में चमगादड़ से मनुष्य में कोविड वायरस आया था। 2019 में कोरोना संक्रमण के फैलने से चीन में लाखों लोगों की मौत हो गई थी और बाद में यह संक्रमण चीन के अलवा सभी देशों में भी फैल गया था। अभी तक दुनिया में दो करोड़ से ज्यादा लोगों की मौत हो चूकी है, जबकि करोड़ों लोग अब भी इस बीमारी की चपेट में हैं।

लाओस की गुफाओं में कोरोना संक्रमित चमगादड़

वहीं, वैज्ञानिकों ने एक अध्ययन में नया खुलासा किया है कि लाओस की गुफाओं में जो चमगादड़ मिले हैं, उसमें कोरोना संक्रमण जैसे लक्षण देखे जा रहे हैं। वैज्ञानिकों के इस खुलासे के बाद लोगों के अंदर एक बार फिर से कोरोना की तीसरी लहर को लेकर डर पैदा हो गया है। विशेषज्ञों ने साफ कर दिया है कि यह चमगादड़ मनुष्यों को सीधे संक्रमित कर जान ले सकता है।

वुहान लैब से फैला था कोरोना संक्रमण

बता दें कि कोरोना संक्रमण फैलने के लिए चमगादड़ को ही जिम्मेदार माना जाता है। वहीं वैज्ञानिकों का दावा है कि चीन के वुहान लैब में चमगादड़ों पर किए जा रहे प्रयोग के दौरान लीक होने से कोरोना संक्रमण फैला और बहुत जल्द ही लोगों को अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया।

 

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अन्तर्राष्ट्रीय

इब्राहिम रईसी के निधन पर शोक पीएम मोदी ने जताया शोक, कहा- दुःख की इस घड़ी में भारत ईरान के साथ खड़ा है

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के निधन पर शोक जताया है। इब्राहिम रईसी की रविवार को को एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मौत हो गई थी। पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा, इस्लामी गणतंत्र ईरान के राष्ट्रपति डॉ. सैयद इब्राहिम रायसी के निधन से मुझे गहरा दुख और सदमा लगा है। भारत-ईरान द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। उनके परिवार और ईरान के लोगों के प्रति मेरी संवेदना है। दुख की इस घड़ी में भारत ईरान के साथ खड़ा है।

बता दें कि अजरबैजान के घने और पहाड़ी इलाके में रविवार को राष्ट्रपति का विमान क्रैश हो गया था। इसके बाद ईरान की सेना ने हेलीकॉप्टर की तलाश में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया, जिसमें विमान का मलबा मिल गया। हालांकि, दुर्घटनास्थल पर जीवन के कोई संकेत नहीं मिले हैं। रॉयटर्स की रिपोर्ट्स के मुताबिक, हेलीकॉप्टर दुर्घटना के बाद राष्ट्रपति रईसी के जीवित होने की उम्मीदें न के बराबर हैं।

बता दें कि अजरबैजान के जंगल में खराब मौसम की वजह से इब्राहिम रईसी के विमान की आपात लैंडिंग कराई गई थी, जिससे हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। कई घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद ईरान की जांच एजेंसियों को विमान का मलबा मिला। इसके बाद ईरानी मीडिया ने हेलीकॉप्टर हादसे में राष्ट्रपति और विदेश मंत्री की मौत की पुष्टि की। ईरानी रेड क्रिसेंट प्रमुख ने बताया कि बचाव टीमें दुर्घटनास्थल पर पहुंच चुकी हैं। इस हादसे में विमान का पूरा केबिन जलकर राख हो गया, जिसमें किसी के जिंदा होने के निशान नहीं मिले हैं। इस बीच ईरानी न्यूज एजेंसी ने बताया कि हादसे में किसी के बचने की कोई उम्मीद नहीं है, क्योंकि राष्ट्रपति का चॉपर पूरी तरह से तबाह हो गया।

ईरान के प्रेस टीवी के अनुसार, रेस्क्यू दल ने ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के हेलीकॉप्टर का पता लगा लिया है। दुर्घटनास्थल पर किसी भी जीवित व्यक्ति का कोई सुराग नहीं मिला है। आपको बता दें कि राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी पूर्वी अजरबैजान के दौरे गए थे। वे अपने विमान से राजधानी तेहरान लौट रहे थे, तभी उत्तर-पश्चिम में अजरबैजान देश की सीमा से सटे जुल्फा शहर के पास हादसा हो गया। उनके साथ हेलीकॉप्टर में विदेश मंत्री हुसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन, पूर्वी अजरबैजान प्रांत के गवर्नर और अन्य अधिकारी मौजूद थे।

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