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नेशनल

अधीर रंजन चौधरी के निलंबन पर कांग्रेस सख्त, सोनिया गांधी ने बुलाई पार्टी सांसदों की बैठक

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Congress strict on the suspension of Adhir Ranjan Chowdhury

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नई दिल्ली। लोकसभा से अधीर रंजन चौधरी के निलंबन के मुद्दे पर कांग्रेस ने सख्त रुख अपनाया है, इस मुद्दे पर पार्टी सरकार से दो-दो हाथ करने के मूड में नजर आ रही है। कांग्रेस संसदीय समिति की चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने पार्टी के सांसदों की आज सुबह बैठक बुलाई है। यह बैठक अधीर रंजन चौधरी के लोकसभा से निलंबन के मुद्दे पर होगी।

बता दें कि गुरुवार को संसदीय मामलों के मंत्री प्रहलाद जोशी ने एक प्रस्ताव पास किया, जिसमें अधीर रंजन चौधरी के लोकसभा से निलंबन का प्रस्ताव दिया गया। जिसे ध्वनिमत से मंजूरी दी गई।

पीएम मोदी पर की थी टिप्पणी

बता दें कि सदन में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान अधीर रंजन चौधरी ने अपने संबोधन में महाभारत के एक संदर्भ का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री के खिलाफ टिप्पणी की थी। जिस पर सत्ता पक्ष के सांसदों ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी भी सदन में मौजूद थे। इसी के चलते प्रहलाद जोशी ने अधीर रंजन के खिलाफ निलंबन प्रस्ताव पेश किया। फिलहाल यह मामला विशेषाधिकार समिति के पास भेजा गया है, तब तक अधीर रंजन चौधरी सदन से निलंबित रहेंगे।

अधीर रंजन चौधरी ने दी सफाई

वहीं, इस विवाद पर अधीर रंजन चौधरी ने सफाई पेश करते हुए कहा कि मैंने प्रधानमंत्री का अपमान नहीं किया है। मोदी जी हर बात पर बोलते हैं लेकिन मणिपुर मुद्दे पर वह ‘नीरव’ बैठे हैं। जिसका मतलब है ‘चुप बैठना’। पीएम मोदी को नहीं लगा कि उनका अपमान किया गया लेकिन उनके दरबारियों को ऐसा लगा और वह मेरे खिलाफ निलंबन प्रस्ताव लाए।

कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने भी अधीर रंजन के निलंबन को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। मनीष तिवारी का कहना है कि यह संविधान के अनुच्छेद 105 (1) का खुला उल्लंघन है। इसका लोकतंत्र और संसद में बोलने की आजादी और विधायिका पर असर होगा। मनीष तिवारी ने संकेत दिए कि पार्टी इस मामले को कोर्ट में चुनौती दे सकती है।

भाजपा बोली- यह उनकी आदत बन गई है

वहीं, संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि यह उनकी (अधीर) आदत बन गई है। वह कांग्रेस पार्टी के सदन में नेता हैं लेकिन बार-बार चेतावनी के बावजूद वह खुद में सुधार नहीं करते। हमेशा अपने भाषणों में वह आधारहीन आरोप लगाते हैं और सरकार के मान को कम करने की कोशिश करते हैं।

उनके तर्कों में कोई तथ्य नहीं होते और वह कभी माफी भी नहीं मांगते। हम मांग करते हैं कि वह माफी मांगे। जब गृहमंत्री अमित शाह ने सदन को संबोधित किया था, उस वक्त भी उन्होंने (अधीर रंजन) ऐसा ही किया था।

नेशनल

मणिशंकर अय्यर ने 1962 में हुए चीनी हमले को बताया कथित, कांग्रेस के लिए किया सेल्फ गोल

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नई दिल्ली। कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने एक बार ऐसी टिप्पणी की है जिसपर विवाद होना तय है। हालांकि बाद में उन्होंने अपने बयान पर माफी भी मांग ली है। दरअसल फॉरेन कॉरेस्पोंडेंट्स क्लब’ में एक कार्यक्रम में अय्यर ने एक किस्सा सुनाते हुए कहा कि अक्टूबर 1962 में चीनियों ने कथित तौर पर भारत पर आक्रमण किया।

अय्यर के इस बयान के बाद बीजेपी ने उनपर हमला बोल दिया। हालांकि बवाल बढ़ता देख अय्यर ने अपने इस बयान पर माफी मांग ली। मणिशंकर अय्यर ने एक संक्षिप्त बयान में कहा, ‘‘आज शाम ‘चीनी आक्रमण’ से पहले गलती से ‘कथित’ शब्द का इस्तेमाल करने के लिए मैं पूरी तरह से माफी मांगता हूं।’’ वैसे मणिशंकर अय्यर और विवादों का चोली दामन का साथ है। वो इसके पहले भी कई विवादित बयान दे चुके हैं। बीते दिनों उन्होंने कहा था कि भारत को पाकिस्तान का सम्मान करने की जरूरत है, क्योंकि उसके पास एटम बम है

मीडिया से बातचीत के दौरान मणिशंकर अय्यर का कहना था, ‘भारत को पाकिस्तान की इज्जत करने की जरूरत है क्योंकि उसके पास परमाणु बम है। अगर हम उनकी इज्जत नहीं करेंगे, बातचीत नहीं करेंगे तो वे भारत के खिलाफ एटम बम का उपयोग करने के बारे में सोचेंगे। उन्होंने कहा, मस्कुलर नीति दिखाने वाले भारत को यह नहीं भूलना चाहिए कि पाक के पास दभी कहुटा (रावलपिंडी) में मसल (परमाणु बम) है। मणिशंकर अय्यर के इस बयान के बाद भाजपा ने पूरी ताकत के साथ कांग्रेस पर हमला बोला है। उनका यह बयान काफी वायरल हो रहा है।

मणिशंकर अय्यर का कहना है, ‘पाकिस्तान भी एक संप्रभु मुल्क है। उनकी भी इज्जत है। उनकी इज्जत को कायम रखते हुए उनसे जितनी कड़ी बात हो करनी चाहिए। मगर बात तो करनी ही चाहिए। बंदूक से कोई हल नहीं मिलेगा। अगर तनाव बढ़ता है तो कोई भी पागल वहां पर आ जाए तो क्या होगा देश का। उनके पास एटम बम है। हमारे पास भी मौजूद है। मगर किसी पागल ने हमारे बम को लाहौर स्टेशन में छोड़ा तो आठ सेकेंड के अंदर उसकी रेडियो एक्टिविटी अमृतसर तक पहुंचेगी। इसके इस्तेमाल को रोकना होगा। मगर आपने उससे बात की, उसको इज्जत दी तो तभी जाकर वह अपने बम के बारे में नहीं सोचेंगे। मगर आप ने उसे ठुकरा दिया तो फिर क्या होने वाला है।

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