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मुख्य समाचार

गणतंत्र दिवस पर सीएम योगी ने दी प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं, बोले-यूपी में हुआ चतुर्दिक विकास

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 73वें गणतंत्र दिवस पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं। मुख्यमंत्री आवास पर झंडा फहराने के बाद अपने उद्बोधन में सीएम ने प्रदेशवासियों को संविधान प्रदत्त अधिकारों और कर्तव्यों के पालन का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक नागरिक के मौलिक अधिकारों की रक्षा के साथ नागरिकों को कुछ मौलिक कर्तव्य भी भारतीय संविधान ने दिए हैं। अधिकार और कर्त्तव्य के बीच का समन्वय ही भारत के संविधान को दुनिया के अन्य संविधानों की तुलना में विशिष्ट स्थान पर रखता है। भारत के संविधान की मूल भावनाओं का सम्मान करते हुए प्रत्येक नागरिक ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने लग जाएं तो भारत दुनिया के अग्रणी राष्ट्रों में होने के साथ दुनिया की एक महान ताकत बनकर आगे बढ़ेगा।

स्वाधीनता संग्राम सेनानियों और संविधान शिल्पियों के प्रति अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए सीएम ने कहा कि 26 जनवरी 1950 को इस देश ने अपना संविधान लागू किया था, जिसने दुनिया के सामने अपनी विशिष्ट छाप छोड़ी है। विशेष तौर पर, आधी आबादी को देश के पहले आम चुनाव से ही मतदान का अधिकार मिला। उन्होंने कहा कि भारत का संविधान कई मायने में बहुत महत्वपूर्ण है। देश के अनुसूचित जाति व जनजाति के एक बड़े समुदाय को सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से समाज व राष्ट्र की मुख्यधारा के साथ जोड़ने के साथ-साथ उन्हें उनका अधिकार प्राप्त हुआ। वंचितों व दलितों को अधिकार भी भारत के संविधान ने दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सभी को भारतीय होने का गौरव प्रदान करने वाला यह संविधान भारत की मूल भावनाओं का प्रतिनिधित्व भी करता है। तमाम सम-विषम परिस्थितियों के बावजूद हमारा संविधान भारत के प्रत्येक नागरिक को न केवल सम्मान के साथ आगे बढ़ने के लिए सदैव प्रेरित करता रहा है बल्कि दुनिया के सबसे जीवंत लोकतंत्र के रूप में अपनी एक अनवरत यात्रा को आगे बढ़ा रहा है। आज भारत एक उभरती हुई अर्थव्यवस्था के रूप में दुनिया के सामने एक नई मिसाल प्रस्तुत कर रहा है। विश्व में आज भारत को कोई नजरअंदाज नहीं कर सकता। मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत 05 वर्षों के दौरान देश की आबादी के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश ने एक लम्बी यात्रा प्रारम्भ की है। विकास की, समृद्धि की, सुशासन की व जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में आगे बढ़ने की इस यात्रा में उत्तर प्रदेश देश में एक नजीर प्रस्तुत कर रहा है।

गणतंत्र दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री योगी ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, सरदार वल्लभभाई पटेल, नेताजी सुभाषचंद्र बोस व अनेक अमर शहीदों के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए देश की आजादी के लिए सर्वस्व न्यौछावर करने वाले वीर सपूतों के प्रति सम्मान प्रकट किया। साथ ही, विशेष अवसर पर पद्म पुरस्कार हेतु नामित उत्तर प्रदेश के सभी सम्मानित नागरिकों को बधाई भी दी।

नेशनल

जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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