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मुख्य समाचार

अपने शासन काल में बिजली न देने वाले फ्री बिजली की बात करते हैंः सीएम योगी

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनता से अपील है कि वह प्रदेश कल्याण के हित में विधान सभा चुनाव में बीजेपी, मोदी जी और योगी के नाम पर वोट दे। मुख्यमंत्री ने एक इंटरव्यू में यह अपील की जब उनसे पूछा गया कि कुछ विधायकों के सामने एंटी-इंकम्बेंसी का संकट है।

उन्होेंने कहा कि संभव है अधिक अपेक्षाओं के चलते कुछ विधायक जनता की असंतुष्टि झेल रहे हों लेकिन मेरी अपील है कि जनता भाजपा के चुनाव चिन्ह और मोदीजी और योगी के नाम पर वोट दें।

उन्होंने कहा कि इस अपील का आधार यह है कि जिस तरह भाजपा की डबल इंजन की सरकार ने बिना किसी भेदभाव के जनकल्याणकारी योजनाओं को अमली जामा पहनाया, उससेे जनता खुश है। भाजपा ने गरीबों को मकान, बिजली, मुफ्त राशन जैसी तमाम सुविधाएं दी और प्रदेश में विकास सुनिश्चित किया।

सीएम योगी ने कहा कि इन कामों को देखते हुए जनता भाजपा, मोदी और योगी के नाम पर वोट दे। एक अन्य सवाल के उत्तर में उन्होंने कहा कि मोदी और योगी भी भाजपा के ही नाम पर हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव वैसे भी पार्टी लड़ रही है व्यक्ति नही। मुझे पूर्ण विश्वास है कि चुनाव में मतदान भाजपा के पक्ष में होगा।

पुरानी पेंशन योजना बुरी थी तो सपा सरकार ने लागू क्योँ की

मुख्यमंत्री ने अखिलेश यादव द्वारा पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की बात पर उनको लताड़ा। सीएम योगी ने कहा कि यह योजना तो मुलायम सिंह यादव के मुख्यमंत्रित्व काल में 2004 में लायी गयी थी। अगर बुरी थी तो लागू क्यों की और 2012 से 2017 तक अखिलेश ने क्यों मौन साधा रहा। अब चुनाव के समय ही अखिलेश ने यह मामला क्यों उठाया।

उन्होंने कहा की अखिलेश ने हमेशा कर्मचारियों के हितों के विपरीत का किया। भाजपा सरकार ने सपा सरकार के समय बंद की गयीं वृद्ध, दिव्यांग, विधवा पेंशन शुरू करने का बीड़ा उठाया।

बिजली न देने वाले फ्री बिजली की बात करते हैं

सीएम योगी ने फ्री बिजली देने की बात पर भी सपा को आड़े हाथ लिया और कहा की अपने शासन काल में बिजली न देने वाली सपा मुफ्त बिजली की बात का रही है।

उन्होंने आरोप लगाया कि अखिलेश सरकार का घोटाला ही था जिसके तहत 16 रुपए तक प्रति यूनिट बिजली खरीद की गयी। उन्होंने कहा कि 2017 में भाजपा सरकार के आने के बाद वही बिजली एक तिहाई दाम पर खरीदी गयी।

नेशनल

जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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