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मुख्य समाचार

अस्‍पतालों, गौशालाओं व रैन बसेरों का अधिकारी करें निरीक्षण-सीएम योगी

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लखनऊ। कोविड से बचाव के इंतजाम, शीतलहर और ओलावृष्टि की स्थिति में जिलों की व्यवस्थाओं की पड़ताल के लिए मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने आला अधिकारियों को सोमवार की टीम-9 की उच्‍चस्‍तरीय बैठक में निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि शीतलहर और कोविड को देखते हुए असहाय, निराश्रित लोगों, अकेले रह रहे बुजुर्ग जनों, दिव्यांगजनों पर विशेष ध्यान दिया जाए। रैन बसेरों में समुचित प्रबंध रखे जाएं। पुलिस, राजस्व और नगर विकास और स्वास्थ्य विभाग की टीम इनके इलाज, भोजन की व्यवस्था करें। इनमें अगर संक्रमण की पुष्टि हो तो अतिरिक्त संवेदनशीलता का भाव रखा जाए।

सीएम ने कहा कि जिलों में कोविड ट्रेसिंग, टेस्टिंग, टीकाकरण, अस्पतालों की व्यवस्था, गौशालाओं के प्रबंधन, रैन बसेरों के इंतजाम आदि का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं को दुरुस्त कराएं। मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि जनपदों में इंटीग्रेटेड कोविड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (आईसीसीसी) को 24×7 एक्टिव रखा जाए। कोरोना की पहली और दूसरी लहर की तरह ही वहां नियमित बैठकें आयोजित की जाएं। आईसीसीसी में विशेषज्ञ चिकित्सकों का पैनल मौजूद रहे।

बारिश, ओलावृष्टि की चपेट में आए जिलों में पहुंचाए राहत-योगी

सीएम ने अधिकारियों को आदेश देते हुए कहा कि प्रदेश के जो जिले बारिश और ओलावृष्टि के कारण प्रभावित हैं वहां तत्‍काल सुविधाएं पहुंचाए। वहीं, जिन जिलों से जन-धन की क्षति होने की सूचना मिली है वहां राहत विभाग पूरी तत्परता और संवेदनशीलता के साथ प्रभावित लोगों से संपर्क करें। लोगों को तत्काल सहायता मुहैय्या कराए।

घर-घर संपर्क अभियान चलाकर टीका की डोज न लेने वालों को करें चिन्हित-योगी

उन्‍होंने बैठक में कहा कि गांवों में प्रधान के नेतृत्व में और शहरी वार्डो में पार्षदों के नेतृत्व में निगरानी समितियां क्रियाशील रहें। घर-घर संपर्क कर बिना टीकाकरण वाले लोगों को चिन्हित कर उनकी सूची जिला प्रशासन को दी जाए। जरूरत के मुताबिक लोगों को मेडिसिन किट उपलब्ध कराई जाए। कोविड के उपचार में उपयोगी जीवनरक्षक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कर ली जाए। इसके साथ ही लोगों को टेलीकन्सल्टेशन की सुविधा दी जाए। आईसीसीसी हेल्पनंबर सार्वजनिक कर इसका व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। ताकि लोग किसी जरूरत पर तत्काल वहां संपर्क कर सकें। उन्होंने कहा कि निगरानी समिति और इंटीग्रेटेड कोविड कमांड सेंटर को पूरी तरह सक्रिय किया जाए।

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नेशनल

कोर्ट ने बृजभूषण से पूछा- आप गलती मानते हैं, बोले- सवाल ही उठता, मेरे पास बेगुनाही के सारे सबूत

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नई दिल्ली। महिला पहलवानों से यौन शोषण मामले में भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह मंगलवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश हुए। कोर्ट ने उन्हें उनके खिलाफ तय किए आरोप पढ़कर सुनाए। इसके बाद कोर्ट ने बृजभूषण से पूछा कि आप अपने ऊपर लगाए गए आरोप स्वीकार करते हैं? इस पर बृजभूषण ने कहा कि गलती की ही नहीं मानने का सवाल ही नहीं उठता। इस दौरान कुश्ती संघ के पूर्व सहायक सचिव विनोद तोमर ने भी स्वयं को बेकसूर बताया। तोमर ने कहा कि हमनें कभी भी किसी पहलवान को घर पर बुलाकर न तो डांटा है और न ही धमकाया है। सभी आरोप झूठे हैं।

मीडिया द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या आरोपों के कारण उन्हें चुनावी टिकट की कीमत चुकानी पड़ी, इस पर बृजभूषण सिंह ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “मेरे बेटे को टिकट मिला है।” बता दें कि उत्तर प्रदेश से छह बार सांसद रहे बृजभूषण शरण सिंह को इस बार भाजपा ने टिकट नहीं दिया है। पार्टी उनकी बजाय, उनके बेटे करण भूषण सिंह को कैसरगंज सीट से टिकट दिया है, जिसका बृजभूषण तीन बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।

बृजभूषण सिंह ने सीसीटीवी रिकाॅर्ड और दस्तावेजों से जुड़े अन्य विवरण मांगने के लिए बृजभूषण सिंह ने आवेदन दायर किया है। उनके वकील ने कहा कि उनके दौरे आधिकारिक थे। मैं विदेश में उसी होटल में कभी नहीं ठहरा जहां खिलाड़ी स्टे करते थे। वहीं दिल्ली कार्यालय की घटनाओं के दौरान भी मैं दिल्ली में नहीं था। बता दें कि कोर्ट इस मामले में जल्द ही अपना फैसला सुना सकता है। कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि एमपी-एमएलए मामलों में लंबी तारीखें नहीं दी जाएं। हम 10 दिन से अधिक की तारीख नहीं दे सकते।

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