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सपा मुखिया अगर अर्थशास्त्र ही पढ़े होते, तो दुनिया में किसी वर्ल्ड बैंक में अर्थशास्त्री होते, यूपी के लिए अनर्थकारी नहीं बनते: सीएम योगी
बुलंदशहर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को सपा, बसपा और कांग्रेस की सरकारों पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में आपने देखा होगा, विपक्ष के नेता जब घर में बैठे हुए थे, तब मैं, हमारे मंत्री, हमारे पदाधिकारी, एक एक व्यक्ति के जीवन को बचाने के लिए, वहां तक शासन की योजना पहुंचाने के लिए, उनकी सहायता करने के लिए कार्य कर रहे थे। जो संकट का साथ ही है, वही असली साथी है, शेष तो अवसरवादी हैं।
सीएम योगी ने बुलंदशहर जिले में महाराजा अग्रसेन पब्लिक स्कूल और शिकारपुर में प्रभावी मतदाता संवाद कार्यक्रम को संबोधित किया। इससे पहले उन्होंने सेठ सूरजमल जठिया राजकीय कोविड चिकित्सालय का निरीक्षण किया और अस्पताल में भर्ती संक्रमितों का कुशलक्षेम भी जाना। सीएम योगी ने कहा कि दो विधानसभा क्षेत्रों के माध्यम से पूरे बुलंदशहर वासियों का विशेष रूप से आह्वान करने के लिए आया हूं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में किस-किस प्रकार के लोगों को पिछली सरकारें प्रश्रय देती थीं। पांच साल तक जो अपने बिलों के अंदर दबे हुए थे, चुनाव आते ही फिर सिर उठाकर गर्मी दिखाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन उनको यह नहीं मालूम 10 मार्च के बाद यह गर्मी शांत हो जाएगी। क्योंकि डबल इंजन की सरकार में माफिया, अपराधी के लिए कोई जगह नहीं है।
यहां पर तो सुरक्षा सबको, सम्मान सबको, लेकिन तुष्टीकरण किसी का नहीं। गरीब की सुनवाई होगी। महिलाओं की सुरक्षा होगी, नौजवानों के लिए रोजगार होगा और किसान के उन्नयन के लिए कार्य होगा। यही भाजपा की पहचान है, लेकिन बेटी की सुरक्षा के साथ किसी ने प्रयास किया तो अगले दिन उसके गले में तख्ती लटकती हुई दिखाई देगी। इस दौरान मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह, अनिल शर्मा, सांसद भोला सिंह, जिला पंचायत अध्यक्ष अतुल तेवतिया, जिला प्रभारी सुनीता दयाल और जिलाध्यक्ष अनिल सिसौदिया आदि मौजूद थे।
जब बिजली देंगे ही नहीं, तो फ्री करेंगे कहां से, वह तो फ्री ही हुई: सीएम
सीएम योगी ने कहा कि क्या सपा सरकार में बिजली मिलती थी। ये तो अंधेरे में रहने के अभ्यस्त हैं। ये तो बिजली देंगे ही नहीं, तो फ्री करेंगे कहां से। वह तो फ्री ही हुई, जब देंगे ही नहीं तो। सपा मुखिया यही बोलते हैं कि मेरे पास एक नया अर्थशास्त्र है। अगर अर्थशास्त्र ही पढ़े होते, तो दुनिया में किसी वर्ल्ड बैंक में होकर अर्थशास्त्री होते। उत्तर प्रदेश के लिए अनर्थकारी नहीं बनते। जो लोग बिजली ही नहीं देते थे, वह आज फ्री में बिजली की बात कर रहे हैं। हमने बिना भेदभाव के बिजली देने का काम किया है। सुरक्षा सबको दी है। दंगा मुक्त प्रदेश बनाया है। भय मुक्त प्रदेश बनाया है और विकास भी दौड़ता हुआ दिखाई दिया।
समस्या का समाधान ही सरकार, अच्छी सरकार समाधान करेगी: सीएम
सीएम योगी ने कहा कि कुछ चीजें हैं, जिस पर कार्य कर रहे हैं। जैसे धनगढ़ और बघेल समाज की समस्या का समाधान है। जैसे, अहेरिया समाज को अनूसुचित जाति में शामिल करने की कार्यवाही है। हमने भारत के रजिस्ट्रार जनरल को पत्र लिखा है और उनसे इस बात का आग्रह किया है कि इनके साथ न्याय होना चाहिए। इसी प्रकार से मीणा समाज की समस्या। समस्या का समाधान ही सरकार है। अच्छी सरकार समाधान करेगी। समस्या का समाधान अच्छे जनप्रतिनिधि करेंगे।
उनके लिए अपना परिवार ही सब कुछ था, हमारे लिए प्रदेश की 25 करोड़ जनता ही परिवार थी: योगी
सीएम ने कहा कि अपने पराए का भेदभाव वह लोग करते हैं, जिनके लिए अपना परिवार ही प्रदेश था। कांग्रेस की सरकार आती थी, तो भाई-बहन की पार्टी हो जाती थी। बहुजन समाज पार्टी की सरकार आती थी, बुआ-भतीजे की पार्टी हो जाती थी। सपा की सरकार आती थी, तो चाचा-भतीजा झोला लेकर वसूली के लिए निकल पड़ते थे, लेकिन पिछले पांच वर्षों में आपने देखा होगा, उनके लिए अपना परिवार ही सब कुछ था। हमारे लिए प्रदेश की 25 करोड़ जनता ही परिवार थी। इसलिए उनके सुख-दुख में सहभागी बना।
गरीबों के हक पर डकैती डालनी हो, तो कांग्रेस, सपा, बसपा में कोई दुराव नहीं होता: सीएम
सीएम ने कहा कि गरीबों की मदद में विपक्ष का कोई सहयोग नहीं मिलता था। शांति और सौहार्द्र में उनका सहयोग नहीं मिलता था, लेकिन कांग्रेस, सपा, बसपा तीनों एकजुट होकर कार्य करते हैं, तब जब गरीब के हक पर डकैती डालनी हो। तब तीनों में कोई दुराव नहीं होता। तीनों को इस कार्य करने में महारत हासिल हैं। उनकी संवेदना गरीब, कमजोर, दलित, वंचित और महिला सुरक्षा के लिए नहीं है। उनकी संवेदना पर्व और त्योहार शांति पूर्ण तरीके से मनाए जाएं, इसमें भी नहीं है। उनकी संवेदना तब जगती है, जब माफिया के ऊपर बुलडोजर चलता है।
पिछली सरकारें अपराध के लिए तमंचा बनवाती थीं, अपराध उनका पेशा और अपराधी उनके मित्र थे: योगी
सीएम ने आरोप लगाया कि पिछली सरकारें अपराध के लिए तमंचा बनवाती थीं, क्योंकि अपराध उनका पेशा था, अपराधी उनके मित्र थे। जनता की गाढ़ी कमाई उनके ईत्र वाले मित्र किसी बड़े बंगले में छुपाकर रखते थे। हमारी सरकार ने वहां भी बुलडोजर और जेसीबी लगाकर उस पैसे को निकालने का काम किया। वह लोग गरीबों की कमाई को लूटते थे। गरीबों का पैसा निकालते थे। पहले गरीबों को न राशन मिलता था, न पेंशन मिलती थी।
हम डिफेंस कारिडोर बनवा रहे और वह डकैती डलवाते थे, व्यापारियों के साथ लूटपाट करते थे: योगी
सीएम योगी ने कहा कि हम लोग बुलंदशहर के पास अलीगढ़ में डिफेंस कारिडोर बना रहे हैं। यहां पर बनी हुई तोप, जब भारत की सीमा पर गरजेगी, तो पाकिस्तान को नाको चने चबाना पड़ेगा। जब बुलंदशहर का नौजवान उस तोप पर बैठकर पाकिस्तान पर दागेगा, तो पूरे भारत के अंदर खुशहाली की लहर होगी। यह कार्य यहां पर बनी हुई तोप से होगा। यही फर्क है पहले और अब में। यह लोग डकैती डलवाते थे। व्यापारियों के साथ लूटपाट करते थे। राहजनी करवाते थे। अब डकैती नहीं होती, लूटपाट नहीं होता, दंगा नहीं होता। अब ये दंगाई अपने गले में तख्ती लटका कर जान की भीख मांगते हुए फिरते हैं।
जो आपदा में आपके साथी नहीं बन सकते, वे मेडिकल कॉलेज क्या खुलवाते?: सीएम
सीएम योगी ने कहा कि सैफई परिवार का विकास उनके लिए सब कुछ था, उससे बाहर ही नहीं निकल सकते थे। बहन जी के लिए भतीजे का विकास ही सब कुछ था। भाई-बहन की पार्टी के लिए जब कोई आपदा आती है, तब उन्हें भारत के नागरिक नहीं, इटली में नानी याद आती है। जो आपदा में आपके साथी नहीं बन सकते, वे मेडिकल कॉलेज क्या खुलवाते? यह तो भाजपा है, जो कहा सो कर के दिखा दिया। 2023 में प्रवेश भी होंगे। यहां के युवाओं को मेडिकल की शिक्षा के लिए भटकना नहीं पड़ेगा।
नेशनल
जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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