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केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे का विवादित बयान, राहुल गांधी की तुलना नाली के कीड़े से की
पटना। भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने ऐसा विवादित बयान दिया है जिससे सियासी भूचाल आ सकता है। शनिवार को चौबे कांग्रेस अध्यक्ष पर हमला बोलते समय अपनी मर्यादा भूल गए और राहुल गांधी की तुलना नाली के कीड़े से कर दी। उन्होंने कहा कि ‘मोदी का आकार गगन के जैसा है, जबकि राहुल गांधी का नाली के कीड़े जैसा।’
आपको बता दें कि चौबे अपने विवादित बयानों की वजह से अक्सर सुर्खियों में रहते हैं। अपने बयान में चौबे ने राहुल गांधी को मानसिक रूप से बीमार बताते हुए कहा, “ऐसा लगता है कि राहुल गांधी को मेंटल सिजोफ्रेनिया (एक प्रकार का पागलपन) बीमारी हो गई है। वह जिस तरह की बात करते हैं, ऐसा लगता है कि उनका मानसिक संतुलन ठीक नहीं है, उन्हें इलाज की जरूरत है।”
गौरतलब है कि आरबीआई की रिपोर्ट आने के बाद राहुल गाधी ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा था। उन्होंने मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले को घोटाला करार देते हुए कहा था कि यह कुछ उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए पूरे देश पर जबरदस्ती थोपा गया था।
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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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