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उत्तर प्रदेश

उप्र सरकार की परिवार आईडी योजना को केंद्र की मंजूरी, होंगे कई फायदे

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लखनऊ। केंद्र सरकार ने उप्र सरकार की परिवार आईडी योजना, परिवार कल्याण कार्ड (पीकेसी)  को भारत में राज्य-विशिष्ट यूनिक आईडी योजनाओं की सूची में शामिल करने के लिए अपनी मंजूरी दे दी है। दरअसल, उप्र की योगी सरकार द्वारा राज्य की पारिवारिक इकाइयों का एक व्यापक डेटाबेस स्थापित करने और रोजगार, पेंशन और आवास लाभ सहित इसकी विभिन्न योजनाओं के लिए लाभार्थियों की पहचान करने के लिए की गई है।

पीकेसी प्रत्येक परिवार के लिए एक यूनिक 12 नंबरों का आईडी नंबर प्रदान करेगा और परिवारों के डेटा का शुरुआती कलेक्शन राशन कार्ड के माध्यम से किया जाएगा। अपने 2022 के चुनावी घोषणापत्र में, भारतीय जनता पार्टी ने राज्य के प्रत्येक परिवार के लिए रोजगार का कम से कम एक स्रोत प्रदान करने का वादा किया था।

हालांकि, प्रस्तावित रोजगार योजना सहित अपनी योजनाओं के लिए पात्र परिवारों की पहचान करने में यूपी सरकार को लंबे समय से एक चुनौती का सामना करना पड़ा है। पीकेसी का प्रस्ताव एक ऐसी योजना के रूप में किया गया था जो कि मौजूदा योजनाओं में लीकेज और लाभार्थियों के दोहराव को रोकने का काम करती।

यूपी सरकार ने प्रयागराज में एक पायलट प्रोग्राम भी शुरू किया, जहां जिले के परिवारों को उनके राशन कार्ड डेटा के माध्यम से पहचाना गया और विभिन्न सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों की सफलतापूर्वक मैपिंग की गई। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MEITY) ने आदित्यनाथ-सरकार को आधार डेटा को PKC से जोड़ने की अनुमति दी है।

पीकेसी के लिए प्रारंभिक पंजीकरण स्वैच्छिक रखा गया है और विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने वाले लोग अपने आधार नंबर के साथ पंजीकरण कर सकेंगे। एक बार पंजीकृत होने के बाद, परिवार के प्रत्येक सदस्य के डेटा को केंद्रीकृत डेटाबेस के साथ सत्यापित किया जाएगा और फिर उन्हें उनकी पात्रता के अनुसार विशिष्ट सरकारी योजनाओं से व्यक्तिगत रूप से जोड़ा जाएगा। अगले कुछ हफ्तों में पंजीकरण पोर्टल शुरू होने की उम्मीद है।

योजना विभाग आधार डेटा प्राप्त करने के सटीक कारण के बारे में निवासियों को सूचित और शिक्षित किए बिना और उसके बाद उनकी सहमति प्राप्त किए बिना परिवारों का मैपिंग शुरू नहीं कर सकता है। इसके अलावा, अंतिम चार अंकों को छोड़कर सरकारी वेबसाइटों पर आधार संख्या प्रदर्शित नहीं की जा सकती है।

यूपी के वे निवासी जिनके पास पहले से ही राशन कार्ड हैं, वे उन्हें अपने परिवार की आईडी के रूप में उपयोग कर सकेंगे। वर्तमान में, लगभग 15 करोड़ आधार-सत्यापित राशन-कार्ड धारक (राज्य की आबादी का 60 प्रतिशत) हैं जो इन्हें अपने परिवार के आईडी के रूप में उपयोग कर सकते हैं।

हरियाणा की परिवार पहचान पत्र (PPP), कर्नाटक की कुटुम्बा परिवार आईडी, राजस्थान की भामाशाह योजना और मध्य प्रदेश की समग्र आईडी भी संभावित योजना लाभार्थियों की पहचान के लिए एक समान तरीकों का पालन करते हैं।

उत्तर प्रदेश

दो दिवसीय दौरे पर अयोध्या पहुंचे पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, परिवार संग किए रामलला के दर्शन

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नई दिल्ली। दो दिवसीय दौरे पर अयोध्या पहुंचे पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को अपने परिवार के साथ रामलला के दर्शन किए। इस दौरान पूर्व राष्ट्रपति मंदिर परिसर में करीब डेढ़ घंटे तक रहे। उन्होंने राम मंदिर निर्माण सहित पूरे परिसर को देखा। इस दो दिवसीय यात्रा में करीब 80 लोगों को समूह उनके साथ है।

उनकी अगवानी के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री चम्पत राय पहले से मंदिर परिसर में थे। पूर्व राष्ट्रपति रामलला के दर्शन-पूजन के बाद कुबेर टीला भी गये और पक्षिराज जटायु की विशाल प्रतिमा के समक्ष श्रद्धापूर्वक नतमस्तक हुए। पूर्व राष्ट्रपति कोविंद शुक्रवार दोपहर बाद ही परिवारजनों के साथ रामनगरी पहुंच गए थे। पहले से निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार वह वंदे भारत ट्रेन से परिवार समेत अयोध्या पहुंचे। अयोध्या कैंट रेलवे स्टेशन से सभी जैन मंदिर पहुंचे। इसके बाद पूरे परिवार के साथ पूर्व राष्ट्रपति मां सरयू के तट पर दर्शन-पूजन के लिए पहुंचे। उन्होंने सरयू की आरती उतारी। फिर हनुमान जी के दरबार पहुंचकर दर्शन किये।

पत्रकारों से बातचीत में पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि सरयू आरती में भाग लेना अपने आप में एक दिव्य अनुभूति है। ऐसा लगता है कि हम 500 वर्ष पूर्व के कालखंड में पहुंच गये हैं। सरयू की कृपा और बहुत सारे कारणों से राम मंदिर का निर्माण संभव हो सका है। जैन मंदिर के व्यवस्थापक विजय कुमार जैन ने बताया कि पूर्व राष्ट्रपति की यह पूर्ण रूप से धार्मिक यात्रा है।

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