अन्तर्राष्ट्रीय
बुर्किना फासो हमले में कनाडा के छह नागरिकों की मौत
ओटावा। बुर्किना फासो के एक होटल में शुक्रवार रात हुए आतंकवादी हमले में मरने वाले 23 लोगों में कनाडा के छह नागरिक भी शामिल हैं। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन टड्रो ने शनिवार को इसकी पुष्टि की। इस संबंध में शनिवार को जारी बयान में टड्रो ने कहा है, “कनाडा, बुर्किना फासो में आतकंवादी हमले की कड़ी निंदा करता है।” उन्होंने कहा, “हम कनाडा के सभी नागरिकों की ओर से इस हमले में मारे गए लोगों के परिजनों, दोस्तों और सहकर्मियों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं और घायलों के जल्द ठीक होने की कामना करते हैं। हम इस जघन्य अपराध में मारे गए निर्दोष लोगों की मौत से बहुत दुखी हैं।” प्रधानमंत्री ने कहा, “हमने इस हमले की जांच में सहयोग के लिए बुर्किना फासो प्रशासन को मदद देने की पेशकश की है।” गौरतलब है कि बुर्किना फासो के स्पलेंडिड होटल में शुक्रवार को आतंकवादी हमले में 18 देशों के 23 लोगों की जान चली गई, जबकि कई अन्य घायल हो गए। अल कायदा से संबद्ध आतकंवादी संगठन इस्लामिक मगरेब ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है।
अन्तर्राष्ट्रीय
कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित
नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।
एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।
कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।
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