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संसद की सुरक्षा में सेंध: स्पेशल सेल ने आरोपियों का कराया आमना-सामना, आज खत्म हो रही है हिरासत

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Breach in Parliament security

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नई दिल्ली। संसद भवन की सुरक्षा में सेंध लगाने वाले सभी छह आरोपियों का आमना-सामना कराया गया। आरोपी मनोरंजन, अमोल, सागर और नीलम की सात दिन की हिरासत आज खत्म हो रही है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल आरोपियों को कोर्ट में पेश कर फिर से रिमांड मांगेगी। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अभी तक साजिश की वजह सामने नहीं आई है। मामले की तह तक पहुंचने के लिए पूछताछ जारी है।

स्पेशल सेल की टीम ने आरोपियों द्वारा साझा की गई जानकारी का मिलान करने के लिए ऐसा किया। सभी छह आरोपियेां को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पांच अलग-अलग इकाइयों में रखा गया है, जहां उनसे कई बार पूछताछ कर चुकी है।

सूत्रों ने बताया कि बुधवार को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के ‘काउंटर इंटेलिजेंस’ (सीआई) कार्यालय ले जाया गया। यहां एक-दूसरे आरोपी का आमना-सामना कराया गया। वहीं, आरोपी मनोरंजन, अमोल, सागर और नीलम की सात दिन की हिरासत आज खत्म हो रही है।

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल आरोपियों को कोर्ट में पेश कर फिर से रिमांड मांगेगी। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अभी तक साजिश की वजह सामने नहीं आई है। मामले की तह तक पहुंचने के लिए पूछताछ जारी है।

उधर, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की जांच में ये बात सामने आई है कि संसद भवन की सुरक्षा में सेंध लगाने वाले आरोपी मनोरंजन डी व नीलम राजनीति में कदम रखना चाहते थे। इसके लिए वह मीडिया का सहारा लेकर सुर्खियों में आना चाहते थे, ताकि उनकी पहचान बन सके।

दूसरी तरफ आरोपियों की साजिश से जल्द से जल्द पर्दा उठाने के लिए दिल्ली पुलिस की पूरी स्पेशल सेल को लगा दिया गया है। सेल की हर यूनिट को पूछताछ व जांच के एक-एक आरोपी को दिया गया है।

गृहमंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नीलम व मनोरंजन डी का कहना है कि वह ऐसा करना चाहते थे कि ताकि उनकी पहचान बन सके। इसके बाद वह जेल से बाहर आए और सभा का आयोजन करें तो उनका भाषण सुनने को भीड़ एकत्रित हो। नीलम कांग्रेस के लिए पहले वोट मांग चुकी हैं।

पुलिस अधिकारियों के अनुसार, आरोपियों के पास कुल पांच स्मोक केन थे। सागर व मनोरंजन डी एक-एक अंदर ले गए। नीलम व अमोल शिंद तीन ले गए। इन्होंने दो चला दिए थे, मगर एक को चला नहीं पाए थे। दूसरी तरफ पुलिस ने संसद भवन से सीसीटीवी फुटेज ले ली है। उसे पता लग रहा है कि वह विजिटर गैलरी में 10 से 15 मिनट रुके थे।

अधिकारियों के अनुसार, ललित झा ने मौके से फरार होने के बाद किसी को वीडियो व फुटेज नहीं भेजे थे। उसने वीडियो व फोटो अपने इंस्टाग्राम पर डाल दिए थे। पुलिस को जांच में पता लगा है कि आरोपी जब रेकी करने नई संसद के अंदर गए थे, तभी उन्हें पता लगा कि जूतों की चेकिंग नहीं होती है। ऐसे में वह जूतों में स्मोक केन आसानी से छिपाकर ले जा सकते हैं। जल्द ही सांसद के निजी सचिव सागर से पूछताछ की जाएगी।

स्पेशल सेल को जांच में लगाया गया

मामला देश की संसद व प्रतिष्ठा से जुड़ा हुआ हैं। ऐसे में दिल्ली पुलिस आरोपियों की साजिश से जल्द ही जल्द पर्दा उठाना चाहती है। इसलिए स्पेशल सेल की सभी यूनिट सदर्न रेंज, नार्दन रेंज, ट्रांस यमुना रेंज, साउथ-वेस्टर्न रेंज व एनडीआर रेंज को जांच में लगाया गया है। हर रेंज एक-एक आरोपी से पूछताछ व जांच कर रही है।

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पश्चिम बंगाल में हुए रेल हादसे पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जताया दुःख, दार्जिलिंग रवाना

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कोलकाता। पश्चिम बंगाल में हुए रेल हादसे पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दुःख जताया है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल X पर लिखा है, NFR जोन में दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना हुई है। बचाव कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। रेलवे, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ मिलकर काम कर रहे हैं। घायलों को अस्पताल पहुंचाया जा रहा है। वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गए हैं।

बता दें कि इस हादसे में आठ लोगों की मौत हो गई है। मृतकों में ट्रेन के लोको पायलट भी शामिल हैं। मृतकों का आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है। कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन दुर्घटना एनएफ रेलवे के सीपीआरओ सब्यसाची डे का कहना है कि लगभग 25 लोग घायल हो गए हैं और उन्हें पास के अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया है। बचाव अभियान युद्ध स्तर पर चल रहा है। हम बचाव अभियान को समाप्त करने की कोशिश कर रहे हैं। वरिष्ठ अधिकारी पहले ही घटनास्थल पर पहुंच चुके हैं। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार कंचनजंगा को एक मालगाड़ी ने पीछे से टक्कर मार दी है। हमें 8 लोगों की मौत की जानकारी मिली है।

पश्चिम बंगाल में कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन दुर्घटना पर पूर्व रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी का बयान भी सामने आया है। उन्होंने कहा कि अभी इसके कारण के बारे में बात करना जल्दबाजी होगी लेकिन आधुनिक समय में इसकी जांच और गहन सुधार की आवश्यकता है। मैं अनुमान लगा रहा हूं कि संभवतः यह इंजन ‘कवच’ (एक स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (एटीपी) प्रणाली) नहीं थी। मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि सरकार सुधारात्मक कार्रवाई करेगी।

 

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