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अन्तर्राष्ट्रीय

तुर्की में बम विस्फोट, छह पुलिसकर्मियों की मौत

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दक्षिण-पूर्वी तुर्की, बम विस्फोट, छह पुलिसकर्मियों की मौत, तुर्की के बिंगोल हवाईअड्डे, प्रतिबंधित कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी

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दक्षिण-पूर्वी तुर्की, बम विस्फोट, छह पुलिसकर्मियों की मौत, तुर्की के बिंगोल हवाईअड्डे, प्रतिबंधित कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी

bomb blast in turkey

अंकारा। दक्षिण-पूर्वी तुर्की में सोमवार को एक बम हमले में छह पुलिस अधिकारियों की मौत हो गई, जबकि चार अन्य घायल हो गए।

समाचार एजेंसी ‘दोगन’ की रिपोर्ट के अनुसार, बिंगोल प्रांत में स्थानीय समयनुसार शाम 5.45 बजे प्रतिबंधित कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी (पीकेके) के आतंकवादियों के एक संदिग्ध ट्रक ने पुलिस बस को टक्कर मार दी, जिसके बाद विस्फोट हुआ।

तुर्की के बिंगोल हवाईअड्डे से 15 किलोमीटर दूर स्थित रिंग रोड घटनास्थल पर एंबुलेंस और दमकल विभाग के कर्मी तुरंत पहुंचे।

घायलों को बिंगोल स्टेट हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है और हमले की जांच शुरू कर दी गई है। इस बीच, सोशल मीडिया अकाउंट पर एक कुर्दिश लड़ाके ‘मितानी’ ने हमले की जिम्मेदारी ली है।

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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