प्रादेशिक
बिहार में बाढ़ का प्रकोप, 17 लाख लोग प्रभावित
पटना| बिहार के आठ जिलों में बाढ़ की स्थिति भयावह हो चुकी है। नेपाल के तराई इलाकों और उत्तर व पूर्वी बिहार में बारिश के कारण राज्य के विभिन्न जिलों में बाढ़ का संकट गहरा गया है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, राज्य के 43 प्रखंडों के 1500 गांवों में बाढ़ से हालात गंभीर हो चुके हैं, जिससे 17 लाख से ज्यादा की आबादी प्रभावित है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गुरुवार को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण कर रहे हैं, वह पूर्णिया में अधिकारियों के साथ बाढ़ की स्थिति की समीक्षा भी करेंगे। अब तक बाढ़ के पानी में डूबने से 17 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 10 हजार से ज्यादा घर तबाह हो चुके हैं।
पटना स्थित बाढ़ नियंत्रण कक्ष के मुताबिक, बिहार की प्रमुख नदियों के जलस्तर में वृद्घि दर्ज की जा रही है, जबकि वीरपुर बैराज में कोसी नदी का जलस्तर स्थिर बना हुआ है।
नियंत्रण कक्ष में प्रतिनियुक्त सहायक अभियंता विवेक मंडल ने गुरुवार को आईएएनएस को बताया कि सुबह 10 बजे वीरपुर बैराज में कोसी नदी का जलस्तर 2.28 लाख क्यूसेक दर्ज किया गया, जबकि वाल्मीकिनगर बैराज में गंडक का जलस्तर 2.48 लाख क्यूसेक था।
उन्होंने बताया कि बागमती, बेनीबाद और कमला बलान नदी भी झंझारपुर में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।
राज्य में पूर्णिया, किशनगंज, अररिया, दरभंगा, मधेपुरा, भागलपुर, कटिहार और सुपौल जिले बाढ़ से प्रभावित हैं। कई इलाकों में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है, जबकि सीतामढ़ी, शिवहर सहित कई जिलों में बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो चुका है।
आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव व्यास जी ने गुरुवार को बताया कि बाढ़ से प्रभावित इलाकों की स्थिति पर नजर रखी जा रही है, जरूरत पड़ने पर सेना की मदद ली जाएगी।
बाढ़ का सबसे ज्यादा असर पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज एवं अररिया जिले में है। कटिहार के हालात पर सेना की भी नजर है। इन जिलों में बाढ़ से लगभग तीन लाख से ज्यादा आबादी प्रभावित है। कदवा, आजमनगर, बलरामपुर व प्राणपुर प्रखंड क्षेत्र में स्थिति विकराल हो गई है। महानंदा नदी में उफान से तटबंध के अंदर मौजूद लगभग तीन दर्जन से अधिक पंचायत जलमग्न है।
महानंदा, बखरा, कंकई, परमार एवं कोसी नदियों में उफान से पूर्णिया, किशनगंज, अररिया, दरभंगा, मधेपुरा, भागलपुर, कटिहार एवं सुपौल जिलों की स्थिति खराब है। प्रभावित गांवों में राहत एवं बचाव के लिए सात सौ से अधिक नावों को तैनात किया गया है। एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ की टीमें बाढ़ प्रभावित इलाकों में तैनात की गई हैं।
आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक, बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए बनाए गए 292 राहत शिविरों में 1़ 16 लाख लोग शरण लिए हुए हैं। अब तक आठ जिलों के 43 प्रखंडों की 443 ग्राम पंचायतों में बाढ़ का पानी घुस गया है, जिनमें 165 ग्राम पंचायतें पूरी तरह से जलमग्न हो गई हैं।
बाढ़ से घिरे लोगों को बाहर निकालने के लिए 711 नावों की सेवाएं ली जा रही हैं।
उत्तर प्रदेश
सीएम योगी का विपक्ष पर हमला, कहा- आतंकवादियों की पैरवी करने वालों को तो राम मंदिर बुरा ही लगेगा
गोरखपुर। सीएम योगी ने शुक्रवार को गोरखपुर संसदीय क्षेत्र से सांसद और भाजपा प्रत्याशी रविकिशन शुक्ल के नामांकन के बाद, उनके पक्ष में महंत दिग्विजयनाथ पार्क में एक जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि तीसरे चरण के मतदान तक हताश हो चुके विपक्ष के नेता अब भगवान राम पर टिप्पणी करने लगे हैं। कोई कहता है कि राम मंदिर बेकार है तो कोई कहता है कि राम मंदिर से जनता को क्या लाभ है। योगी ने कहा कि आतंकवादियों की पैरवी करने वालों को तो राम मंदिर बुरा ही लगेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि तीसरे चरण में लोकसभा का चुनाव अब उस मोड़ पर पहुंच गया है जहां विपक्ष ने हार मान ली है। कांग्रेस, सपा बसपा सबने हार स्वीकार कर ली है। तीन चरणों में 285 सीटों पर यानी पूरे देश के अंदर आधा चुनाव संपन्न हो चुका है। योगी ने कहा कि चुनाव प्रचार में देश के अंदर उन्हें नौ राज्यों में जाने का अवसर प्राप्त हुआ है। पूरे देश के अंदर एक ही स्वर गूंज रहा है, “फिर एक बार मोदी सरकार”। देश की जनता के लिए सारी समस्याओं का समाधान रामराज है और इसी रामराज के लिए जनता बार-बार मोदी सरकार को चुन रही है। जनता यही कह रही है, जो राम को लाए हैं, हम उनको लाएंगे। हम उनको लाएंगे जिन्होंने रामराज की परिकल्पना को साकार किया है।
उन्होंने कहा कि सरकार में रहते हुए आज के विपक्ष ने राम जन्मभूमि पर आतंकी हमला करने वालों के खिलाफ, माफियाओं के खिलाफ कड़े कदम उठाए होते तो संकटमोचन मंदिर और कचहरी पर आतंकी हमले नहीं होते। आतंकवाद के मुद्दे पर घुटना टेकने की नीति का दुष्परिणाम रहा कि इन हमलों में हजारों लोगों को जान गंवानी पड़ी। उन्होंने आगे कहा कि देश की जनता के लिए सारी समस्याओं का समाधान रामराज है और इसी रामराज के लिए जनता बार-बार मोदी सरकार को चुन रही है। जनता यही कह रही है, जो राम को लाए हैं, हम उनको लाएंगे। रामराज का मतलब सबका सम्मान, सबकी सुरक्षा, सबका विकास और गरीब कल्याणकारी योजनाओं का लाभ हर तबके को बिना भेदभाव प्राप्त होना है।
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