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जुर्म

बिहार: बाहुबली अनंत सिंह की विधायकी समाप्त, कोर्ट ने सुनाई है 10 साल की सजा

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पटना। बिहार के बाहुबली नेता और मोकामा से विधायक अनंत सिंह की विधानसभा सदस्यता रद्द हो गई है। बिहार विधानसभा ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। अनंत सिंह को पिछले महीने पटना की एमपी एमएलए कोर्ट ने आर्म्स एक्ट में दोषी करार देते हुए 10 साल की जेल की सजा सुनाई थी। अनंत सिंह अभी पटना की बेऊर जेल में बंद हैं।

पुलिस ने 2019 में उनके पैतृक आवास से एके 47, हैंड ग्रेनेड समेत कई हथियार और कारतूस बरामद किए थे। अदालत से सजा मिलने के बाद से उनकी विधायकी पर खतरा मंडरा रहा था।

एमपी-एमएलए कोर्ट की विशेष अदालत ने गुरुवार को एक और आर्म्स एक्ट के मामले में अनंत सिंह को दोषी करार दिया। कोर्ट ने इस आपराधिक मामले में सजा के बिंदु पर सुनवाई के लिए 21 जुलाई को अगली तारीख तय की है। आर्म्स एक्ट का यह मामला साल 2015 का है।

2015 में अनंत सिंह के पटना स्थित सरकारी आवास से छापेमारी में इंसास राइफल की 6 मैगजीन और एक बुलेट प्रूफ जैकेट बरामद हुआ था। इस मामले में उनके खिलाफ 9 गवाह पेश किए। इस केस में सजा पर बहस 21 जुलाई को होगी।

वहीं, 2019 में पटना पुलिस ने सूचना के आधार विधायक अनंत कुमार सिंह के पैतृक आवास बाढ़ थाना के लदवां गांव में 16 अगस्त को छापामारी की थी। छापामारी में अनंत सिंह के पुश्तैनी घर से प्रतिबंधित हथियार एके-47, 33 जिंदा कारतूस और दो ग्रेनेड बरामद हुए थे। इस मामले में कोर्ट उन्हें 10 साल की सजा सुना चुका है।

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उत्तर प्रदेश

मेरी पत्नी से शिक्षक का था अफेयर, इसलिए मार डाला; वकील के कबूलनामे से आया नया ट्विस्ट

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कानपुर। उप्र के कानपुर के पनकी के पतरसा में शिक्षक दयाराम सोनकर की हत्या के आरोप में गिरफ्तार वकील संजीव कुमार के बयान ने पेंच फंसा दिया है। वकील ने जो बयान दिया, उसके मुताबिक शिक्षक के उसकी पत्नी से अवैध संबंध थे। चूंकि शिक्षक वर्तमान में कानपुर देहात में ही रह रहा था।

इसके चलते पत्नी भी कानपुर देहात स्थित मायके में ही थी। इसलिए उसने रविवार को दयाराम को बुलाकर अकेले ही बंद कमरे में जिंदा जलाकर मार डाला। वहीं, मृतक के भाई का कहना है कि भाभी के संबंध ढाबा संचालक से थे। विरोध करने पर भाभी ने प्रेमी और वकील के साथ मिलकर भाई की हत्या कर दी।

मृतक दयाराम के छोटे भाई अनुज ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि भाई दयाराम ने अपने मोबाइल फोन से उन्हें कॉल करके बताया था कि संजीव, पवन और संगीता ने उन्हें कमरे में बंद करके आग लगा दी है और भाग गए हैं। तहरीर के आधार पर पुलिस ने जब वकील संजीव को उठाकर पूछताछ शुरू की तो कहानी में नया मोड़ आ गया।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक संजीव ने बताया कि दयाराम जिस कॉलेज में पढ़ाता था, उसी में संजीव का साला शिक्षक है। दोनों में गहरी दोस्ती थी। दयाराम का संजीव के साले के घर में भी आना-जाना था। संजीव को दयाराम और उसकी पत्नी के बीच अवैध संबंध का शक था।

संजीव के अनुसार, पत्नी को कई बार घर लाने की कोशिश की, लेकिन वो राजी नहीं हुई। पत्नी से संबंधों को लेकर बातचीत के लिए दयाराम को घर बुलाया। इसके बाद पेट्रोल डालकर आग लगा दी। हालांकि, पुलिस को अन्य हत्यारोपियों की घटनास्थल के आसपास लोकेशन भी नहीं मिली है। दोनों कहानियों की तह तक जाने के लिए पुलिस अब सक्ष्यों की मदद ले रही है।

संजीव कई बार बुला चुका था दयाराम को

अनुज ने बताया कि संजीव कई बार दयाराम को फोन करके उसकी पत्नी से समझौता कराने की बात कहकर बुला चुका था। परिवार वालों की राय के बाद वे समझौते के लिए गए थे, वहां सभी ने मिलकर उनके भाई की हत्या कर दी।

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