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जुर्म

बाहुबली पूर्व विधायक राजन तिवारी बिहार से गिरफ्तार, यूपी में है 20 हजार का इनामी

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मोतिहारी। बिहार के बाहुबली पूर्व विधायक राजन तिवारी को गिरफ्तार कर लिया गया है। मोतिहारी और उप्र पुलिस की साझा कार्रवाई में राजन तिवारी को रक्सौल इलाके से अरेस्ट किया गया है। यह गिरफ्तारी 17 साल पुराने में मामले में हुई है। राजन तिवारी को हरैया ओपी क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया है।

मोतिहारी के एसपी कुमार आशीष ने राजन तिवारी की गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए बताया कि गोविंदगंज विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे राजन तिवारी के खिलाफ उप्र में कई मुकदमे दर्ज हैं। यूपी पुलिस ने राजन तिवारी पर 20 हजार रुपये का इनाम भी घोषित कर रखा है।

उन्होंने बताया कि यूपी पुलिस की टीम राजन तिवारी को अरेस्ट करने के लिए यहां आई थी। इस कार्रवाई में बिहार पुलिस ने उनकी मदद की है। बिहार पुलिस को सूचना थी कि राजन तिवारी रक्सौल के हरैया ओपी क्षेत्र में छुपा है। इसके बाद हरैया ओपी अध्यक्ष की मदद से उप्र पुलिस ने पूर्व विधायक राजन तिवारी को गिरफ्तार कर लिया है। पूर्व विधायक की गिरफ्तारी के बाद यूपी पुलिस उन्हें अपने साथ ले जाने के लिए आगे की प्रक्रिया में जुट गई है।

यूपी-बिहार दोनों जगह राजन तिवारी का रहा खौफ

राजन तिवारी ऐसे बाहुबली हैं जिनका जलवा दो राज्यों यूपी और बिहार दोनों जगह रहा है। उप्र के गोरखपुर में जन्मे राजन तिवारी ने कॉलेज के वक्त से ही अपराध की राह पकड़ ली थी। यूपी के कुख्यात गैंगस्टर श्रीप्रकाश शुक्ला का गैंग ज्वाइन कर राजन तिवारी ने जवानी के दिनों में साफ कर दिया था कि वह इसी राह पर चलेंगे।

पहली बार राजन तिवारी राष्ट्रीय स्तर पर तब फेमस हुए जब पूर्व विधायक वीरेंद्र प्रताप शाही पर हमले में उनका नाम आया। यूपी के महराजगंज की लक्ष्मीपुर विधानसभा सीट विधायक रहे वीरेंद्र प्रताप शाही मूल रूप से गोरखपुर कैंट के निवासी थे।

24 अक्टूबर 1996 को वह गोलघर कार्यालय से अपने घर जा रहे थे, वे कैंट में एक लॉज के पास पहुंचे तो उनकी कार पर बदमाशों ने जमकर फायरिंग की थी। हमले में शाही की जांघ में गोली लगी थी लेकिन उनके गनर जयराम की मौत हो गई थी। इस वारदात में श्रीप्रकाश शुक्ला और राजन तिवारी समेत चार लोगों को आरोपी बनाया गया था। हालांकि सबूतों के अभाव में राजन तिवारी को 2014 में बरी कर दिया गया था।

उप्र में श्रीप्रकाश शुक्ला का एनकाउंटर होने के बाद राजन तिवारी बिहार भाग आए। यहां आकर उन्होंने फिर से गैंग बना लिया। यूपी पुलिस के डर से राजन तिवारी बिहार में रहकर ही अपने डर के साम्राज्य को चलाने लगे। इस दौरान राजन तिवारी का नाम बिहार सरकार के मंत्री बृजबिहारी प्रसाद की हत्या में आया। इस हत्याकांड में राजन तिवारी को निचली अदालत से आजीवन करावास की सजा भी हुई, लेकिन सबूतों के अभाव में वह साल 2014 में पटना हाईकोर्ट से बरी हो गए।

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उत्तर प्रदेश

मेरी पत्नी से शिक्षक का था अफेयर, इसलिए मार डाला; वकील के कबूलनामे से आया नया ट्विस्ट

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कानपुर। उप्र के कानपुर के पनकी के पतरसा में शिक्षक दयाराम सोनकर की हत्या के आरोप में गिरफ्तार वकील संजीव कुमार के बयान ने पेंच फंसा दिया है। वकील ने जो बयान दिया, उसके मुताबिक शिक्षक के उसकी पत्नी से अवैध संबंध थे। चूंकि शिक्षक वर्तमान में कानपुर देहात में ही रह रहा था।

इसके चलते पत्नी भी कानपुर देहात स्थित मायके में ही थी। इसलिए उसने रविवार को दयाराम को बुलाकर अकेले ही बंद कमरे में जिंदा जलाकर मार डाला। वहीं, मृतक के भाई का कहना है कि भाभी के संबंध ढाबा संचालक से थे। विरोध करने पर भाभी ने प्रेमी और वकील के साथ मिलकर भाई की हत्या कर दी।

मृतक दयाराम के छोटे भाई अनुज ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि भाई दयाराम ने अपने मोबाइल फोन से उन्हें कॉल करके बताया था कि संजीव, पवन और संगीता ने उन्हें कमरे में बंद करके आग लगा दी है और भाग गए हैं। तहरीर के आधार पर पुलिस ने जब वकील संजीव को उठाकर पूछताछ शुरू की तो कहानी में नया मोड़ आ गया।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक संजीव ने बताया कि दयाराम जिस कॉलेज में पढ़ाता था, उसी में संजीव का साला शिक्षक है। दोनों में गहरी दोस्ती थी। दयाराम का संजीव के साले के घर में भी आना-जाना था। संजीव को दयाराम और उसकी पत्नी के बीच अवैध संबंध का शक था।

संजीव के अनुसार, पत्नी को कई बार घर लाने की कोशिश की, लेकिन वो राजी नहीं हुई। पत्नी से संबंधों को लेकर बातचीत के लिए दयाराम को घर बुलाया। इसके बाद पेट्रोल डालकर आग लगा दी। हालांकि, पुलिस को अन्य हत्यारोपियों की घटनास्थल के आसपास लोकेशन भी नहीं मिली है। दोनों कहानियों की तह तक जाने के लिए पुलिस अब सक्ष्यों की मदद ले रही है।

संजीव कई बार बुला चुका था दयाराम को

अनुज ने बताया कि संजीव कई बार दयाराम को फोन करके उसकी पत्नी से समझौता कराने की बात कहकर बुला चुका था। परिवार वालों की राय के बाद वे समझौते के लिए गए थे, वहां सभी ने मिलकर उनके भाई की हत्या कर दी।

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