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उत्तर प्रदेश

उमेश पाल हत्याकांड का एक और फुटेज, जमीन पर गिरा बम हमले से घायल सिपाही

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Another footage of Umesh Pal murder case latest

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प्रयागराज। प्रयागराज के उमेश पाल हत्याकांड से जुड़ा एक और सनसनीखेज सीसीटीवी फुटेज सामने आया है। फुटेज में शूटर गुड्डू मुस्लिम के बम के हमले से घायल सिपाही राघवेंद्र लहूलुहान जमीन पर गिरा दिखाई दे रहा है। इसमें आस-पास के लोगों में बमबाजी के चलते दहशत का माहौल दिखाई दे रहा है। पुलिस कर्मी हत्यारों से किस तरह जान बचाते हुए नजर आ रहा है।

बमबाजी और गोली बारी करने वालों के जाने के बाद आसपास के लोग सिपाही राघवेंद्र को उठाते दिखाई दे रहें हैं। बम के हमले से सिपाही का दाहिना हाथ पूरी तरह जख्‍मी हो गया। उमेश पाल की पत्नी भी फुटेज में घर से बाहर निकलते दिखाई दे रहीं हैं।

हत्‍या के पीछे आखिर क्‍या थी साजिश?

पुलिस के मुताबिक उमेश पाल कई मुकदमों में माफिया अतीक अहमद के विरुद्ध कोर्ट में लगातार पैरवी कर रहा था। इससे बौखलाए अतीक अहमद ने उसे हमेशा के लिए रास्ते से हटाने की ठान ली थी।

पुलिस की शुरुआती जांच में भी यही तथ्य सामने आए, पर वह कौन सा मुकदमा था या फिर उमेश व अतीक के बीच हुई कोई डील बिगड़ने से बढ़ी खटास इस जघन्य वारदात की मुख्य वजह बनी या अतीक ने महज अपने वर्चस्व को कायम रखने के लिए यह दुस्साहस किया। इसे लेकर तस्वीर अब तक पूरी तरह साफ नहीं हो सकी है।

विधायक राजू पाल केस में सीबीआई ने उमेश पाल को अपना गवाह नहीं बनाया था। पुलिस ने उमेश पाल को गवाह बनाया था, पर वह कोर्ट में मुकर गया था। यही वजह है कि सीबीआई ने उसे विश्वसनीय नहीं माना था और अपने गवाहों की सूची में शामिल ही नहीं किया था। ऐसे में इस मामले में उमेश पाल को रास्ते से हटाने में अतीक गिरोह को कोई फायदा नहीं था।

2006 में भी उमेश पाल ने दर्ज कराया था मुकदमा

उमेश पाल ने अपने अपहरण का एक मुकदमा वर्ष 2006 में प्रयागराज के धूमनगंज थाने में दर्ज कराया था, जिसमें अतीक अहमद व उसका भाई अशरफ समेत पांच नामजद आरोपित हैं। इस मामले में दोनों पक्षों की गवाही पूरी हो चुकी है।

अतीक अहमद पक्ष ने अभियोजन पक्ष के दो गवाहों के फिर से बयान कराए जाने की मांग की थी, जिसे एमपी-एमएलए कोर्ट ने स्वीकार कर लिया था। इसके विरुद्ध सरकार हाई कोर्ट गई थी। अतीक पक्ष ने हाई कोर्ट में एक याचिका दाखिल कर उनके पक्ष के 50 और गवाहों को सुने जाने की मांग भी की थी।

हाई कोर्ट ने अभियोजन पक्ष के दो गवाहों के फिर से बयान कराने व अभियुक्त पक्ष के अन्य गवाहों को सुने जाने से इनकार कर दिया था।अतीक पक्ष के लिए यह बड़ा झटका था और उमेश पाल को यह भी पता था कि अतीक पक्ष सुप्रीम कोर्ट जाएगा। इसी आशंका के चलते ही उसने सुप्रीम कोर्ट में पहले ही कैवियट दाखिल की थी। बाद में अतीक पक्ष को सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिल सकी थी।

सुप्रीम कोर्ट ने छह सप्ताह में ट्रायल पूरा करने का निर्देश भी दिया था। इस मामले में आरोपितों को आजीवन कारावास अथवा दस वर्ष का श्रम कारावास व जुर्माना की सजा हो सकती है।

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उत्तर प्रदेश

दो दिवसीय दौरे पर अयोध्या पहुंचे पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, परिवार संग किए रामलला के दर्शन

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नई दिल्ली। दो दिवसीय दौरे पर अयोध्या पहुंचे पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को अपने परिवार के साथ रामलला के दर्शन किए। इस दौरान पूर्व राष्ट्रपति मंदिर परिसर में करीब डेढ़ घंटे तक रहे। उन्होंने राम मंदिर निर्माण सहित पूरे परिसर को देखा। इस दो दिवसीय यात्रा में करीब 80 लोगों को समूह उनके साथ है।

उनकी अगवानी के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री चम्पत राय पहले से मंदिर परिसर में थे। पूर्व राष्ट्रपति रामलला के दर्शन-पूजन के बाद कुबेर टीला भी गये और पक्षिराज जटायु की विशाल प्रतिमा के समक्ष श्रद्धापूर्वक नतमस्तक हुए। पूर्व राष्ट्रपति कोविंद शुक्रवार दोपहर बाद ही परिवारजनों के साथ रामनगरी पहुंच गए थे। पहले से निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार वह वंदे भारत ट्रेन से परिवार समेत अयोध्या पहुंचे। अयोध्या कैंट रेलवे स्टेशन से सभी जैन मंदिर पहुंचे। इसके बाद पूरे परिवार के साथ पूर्व राष्ट्रपति मां सरयू के तट पर दर्शन-पूजन के लिए पहुंचे। उन्होंने सरयू की आरती उतारी। फिर हनुमान जी के दरबार पहुंचकर दर्शन किये।

पत्रकारों से बातचीत में पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि सरयू आरती में भाग लेना अपने आप में एक दिव्य अनुभूति है। ऐसा लगता है कि हम 500 वर्ष पूर्व के कालखंड में पहुंच गये हैं। सरयू की कृपा और बहुत सारे कारणों से राम मंदिर का निर्माण संभव हो सका है। जैन मंदिर के व्यवस्थापक विजय कुमार जैन ने बताया कि पूर्व राष्ट्रपति की यह पूर्ण रूप से धार्मिक यात्रा है।

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