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अमेरिकी सेना में सिख सैनिक को मिली दाढ़ी-पगड़ी की इजाजत

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न्यूयार्क। अमेरिकी सेना ने धार्मिक सामंजस्य के अपने तरह के अनूठे मामले में लड़ाई के मोर्चे पर तैनात एक सिख फौजी कैप्टन को दाढ़ी रखने और पगड़ी पहनने की फिलहाल इजाजत दे दी है। कहा जा रहा है कि यह मामला उन सैनिकों के मामले में काफी महत्व रख सकता है, जो अपनी धार्मिक पहचान के साथ सेना की सेवा करना चाहते हैं। लेकिन, यह छूट अभी सिर्फ एक महीने के लिए दी गई है। इसके बाद सेना तय करेगी कि क्या सिंह को दी गई अस्थाई छूट को स्थाई बना दिया जाए। लेकिन, सिंह ने न्यूयार्क टाइम्स से कहा कि अगर यह सुविधा स्थाई नहीं की गई तो वह मुकदमा दायर करने के लिए तैयार हैं।

न्यूयार्क टाइम्स की रपट के मुताबिक, कैप्टन सिमरत पाल सिंह को 10 साल पहले अमेरिकी सैन्य अकादमी में पहले दिन अपने केश और दाढ़ी के बाल कटवाने पड़े थे। वजह यह थी कि अमेरिकी सेना में किसी भी सैनिक को लंबे बाल और दाढ़ी रखने की इजाजत नहीं है। लेकिन, बीते हफ्ते कैप्टन सिंह के लिए तस्वीर बदल गई। सेना ने उन्हें दाढ़ी बढ़ाने और केश को पगड़ी में बांधने की इजाजत दे दी।

ब्रांज स्टार अवार्ड से सम्मानित किए जा चुके कैप्टन सिंह ने कहा, “यह अद्भुत है। मैं दोहरी जिंदगी जी रहा था। घर पर ही पगड़ी पहनता था।” न्यूयार्क टाइम्स के मुताबिक, सिंह ने कहा, “मेरी दो दुनिया आखिरकार एक साथ आ गई।” अखबार ने बताया है कि धार्मिक आस्था को मान्यता देने का यह दशकों में पहला मामला है, जब जंग के मोर्चे पर तैनात सैनिक को दाढ़ी रखने की छूट दी गई है। इससे मुसलमानों और अन्य समुदायों को अपनी धार्मिक आस्था के हिसाब से छूट मिलने की उम्मीद जगी है।

सैन्य प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल जेनिफर आर. जॉन्सन ने कहा कि सेना किसी के निजी फैसले पर टिप्पणी नहीं करती। उन्होंने कहा कि भविष्य में ऐसी सुविधा के लिए अर्जी मिलने पर उसका फैसला स्थिति के हिसाब से किया जाएगा।

कैप्टन सिंह से पहले तीन सिखों को सेना में दाढ़ी रखने की इजाजत मिल चुकी है, लेकिन ये सभी मोर्चे पर सक्रिय रूप से जंग लड़ने वाली सैन्य टुकड़ियों के सदस्य नहीं थे।

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इब्राहिम रईसी के निधन पर शोक पीएम मोदी ने जताया शोक, कहा- दुःख की इस घड़ी में भारत ईरान के साथ खड़ा है

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के निधन पर शोक जताया है। इब्राहिम रईसी की रविवार को को एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मौत हो गई थी। पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा, इस्लामी गणतंत्र ईरान के राष्ट्रपति डॉ. सैयद इब्राहिम रायसी के निधन से मुझे गहरा दुख और सदमा लगा है। भारत-ईरान द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। उनके परिवार और ईरान के लोगों के प्रति मेरी संवेदना है। दुख की इस घड़ी में भारत ईरान के साथ खड़ा है।

बता दें कि अजरबैजान के घने और पहाड़ी इलाके में रविवार को राष्ट्रपति का विमान क्रैश हो गया था। इसके बाद ईरान की सेना ने हेलीकॉप्टर की तलाश में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया, जिसमें विमान का मलबा मिल गया। हालांकि, दुर्घटनास्थल पर जीवन के कोई संकेत नहीं मिले हैं। रॉयटर्स की रिपोर्ट्स के मुताबिक, हेलीकॉप्टर दुर्घटना के बाद राष्ट्रपति रईसी के जीवित होने की उम्मीदें न के बराबर हैं।

बता दें कि अजरबैजान के जंगल में खराब मौसम की वजह से इब्राहिम रईसी के विमान की आपात लैंडिंग कराई गई थी, जिससे हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। कई घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद ईरान की जांच एजेंसियों को विमान का मलबा मिला। इसके बाद ईरानी मीडिया ने हेलीकॉप्टर हादसे में राष्ट्रपति और विदेश मंत्री की मौत की पुष्टि की। ईरानी रेड क्रिसेंट प्रमुख ने बताया कि बचाव टीमें दुर्घटनास्थल पर पहुंच चुकी हैं। इस हादसे में विमान का पूरा केबिन जलकर राख हो गया, जिसमें किसी के जिंदा होने के निशान नहीं मिले हैं। इस बीच ईरानी न्यूज एजेंसी ने बताया कि हादसे में किसी के बचने की कोई उम्मीद नहीं है, क्योंकि राष्ट्रपति का चॉपर पूरी तरह से तबाह हो गया।

ईरान के प्रेस टीवी के अनुसार, रेस्क्यू दल ने ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के हेलीकॉप्टर का पता लगा लिया है। दुर्घटनास्थल पर किसी भी जीवित व्यक्ति का कोई सुराग नहीं मिला है। आपको बता दें कि राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी पूर्वी अजरबैजान के दौरे गए थे। वे अपने विमान से राजधानी तेहरान लौट रहे थे, तभी उत्तर-पश्चिम में अजरबैजान देश की सीमा से सटे जुल्फा शहर के पास हादसा हो गया। उनके साथ हेलीकॉप्टर में विदेश मंत्री हुसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन, पूर्वी अजरबैजान प्रांत के गवर्नर और अन्य अधिकारी मौजूद थे।

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