बिजनेस
FPO को वापस लेने के बाद गौतम अदाणी ने कहा- निवेशकों का हित सर्वोपरि
नई दिल्ली। बुधवार रात को अपने 20 हजार करोड़ रुपये के FPO को वापस लेने के एलान के साथ ही अदाणी एंटरप्राइजेज समूह ने निवेशकों का पैसा लौटाने की घोषणा भी की हसी। अब इस एलान को लेकर गौतम अदाणी खुद वीडियो संदेश दिया है।
गौतम अदाणी ने अपने बयान में कहा है कि पूरी तरह से सब्सक्राइब्ड FPO के बाद कल इसे वापस लेने के फैसले ने कई लोगों को चौंका दिया होगा लेकिन कल देखे गए बाजार के उतार-चढ़ाव को देखते हुए बोर्ड ने दृढ़ता से महसूस किया कि एफपीओ के साथ आगे बढ़ना नैतिक रूप से सही नहीं होगा।
उन्होंने आगे कहा, उद्यमी के रूप में 4 दशकों से अधिक की मेरी विनम्र यात्रा में मुझे सभी हितधारकों विशेष रूप से निवेशक समुदाय से भारी समर्थन प्राप्त करने का सौभाग्य मिला है। मेरे लिए यह स्वीकार करना महत्वपूर्ण है कि मैंने जीवन में जो कुछ भी थोड़ा बहुत हासिल किया है, वह उनके विश्वास और भरोसे के कारण है। मैं अपनी सारी सफलता का श्रेय उन्हीं को देता हूं।
निवेशकों का हित सर्वोपरि
गौतम अदाणी ने कहा, मेरे लिए मेरे निवेशकों का हित सर्वोपरि है और सब कुछ गौण है। इसलिए निवेशकों को संभावित नुकसान से बचाने के लिए हमने एफपीओ वापस ले लिया है। इस निर्णय का हमारे मौजूदा परिचालनों और भविष्य की योजनाओं पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। हम परियोजनाओं के समय पर क्रियान्वयन और डिलीवरी पर ध्यान देना जारी रखेंगे।
हमारी बैलेंस शीट मजबूत
हमारी कंपनी के फंडामेंटल मजबूत हैं। हमारी बैलेंस शीट मजबूत है और संपत्ति मजबूत है। हमारा एबिट्डा स्तर और नकदी प्रवाह बहुत मजबूत रहा है और हमारे पास अपने ऋण दायित्वों को पूरा करने का एक त्रुटिहीन ट्रैक रिकॉर्ड है। हम दीर्घकालिक मूल्य निर्माण पर ध्यान केंद्रित करना जारी रखेंगे और विकास आंतरिक संसाधनों द्वारा प्रबंधित किया जाएगा। बाजार में स्थिरता आने के बाद हम अपनी पूंजी बाजार रणनीति की समीक्षा करेंगे।
उन्होंने आगे कहा, हमारा ईएसजी पर खासा फोकस है और हमारा हर बिजनेस जिम्मेदार तरीके से वैल्यू क्रिएट करता रहेगा। हमारे शासन के सिद्धांतों का सबसे मजबूत सत्यापन, कई अंतरराष्ट्रीय साझेदारियों से आता है, जिन्हें हमने अपनी विभिन्न संस्थाओं में बनाया है।
उन्होंने कहा, मैं इस अवसर पर एफपीओ को बेधड़क समर्थन देने के लिए देश के भीतर और बाहर के हमारे निवेश बैंकरों, संस्थागत निवेशकों और शेयरधारकों को धन्यवाद देता हूं। पिछले सप्ताह स्टॉक में उतार-चढ़ाव के बावजूद, कंपनी, इसके व्यवसाय और इसके प्रबंधन में आपका विश्वास और विश्वास हम सभी के लिए बेहद आश्वस्त और विनम्र रहा है। हमें पूरा विश्वास है कि भविष्य में भी हमें सहयोग मिलता रहेगा।
हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट आने के बाद से आई गिरावट
गौरतलब है कि जिस एफपीओ को अदाणी की तरफ से वापस लिया गया है कि उसे मंगलवार तक पूरी तरह सब्सक्राइब कर लिया गया था। इसके बावजूद इसे वापस लेने और निवेशकों को पैसा लौटाने की एक वजह हिंडनबर्ग की वह रिपोर्ट मानी जा रही है, जिसकी वजह से अदाणी ग्रुप की कई कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई।
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, अदाणी एंटरप्राइजेज के एफपीओ के तहत 4.55 करोड़ शेयरों की पेशकश की गई थी, जबकि इसपर 4.62 करोड़ शेयरों के लिए आवेदन मिले थे। यानी पेशकश से 1.12 फीसदी ज्यादा आवेदन। गैर संस्थागत निवेशकों के लिए आरक्षित 96.16 लाख शेयरों पर करीब तीन गुना बोलियां मिली थीं। वहीं पात्र संस्थागत खरीदारों के खंड के 1.28 करोड़ शेयरों पर पूर्ण अभिदान मिला था। हालांकि, एफपीओ को लेकर खुदरा निवेशकों और कंपनी के कर्मचारियों की प्रतिक्रिया ठंडी रही थी।
‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ की पिछले हफ्ते आई रिपोर्ट के बाद अदाणी समूह की कंपनियों के शेयरों में लगातार गिरावट आ रही है। गिरावट का यह सिलसिला बजट पेश होने के दिन भी जारी रहा। पिछले पांच कारोबारी सत्रों में समूहों की कंपनियों का सामूहिक बाजार पूंजीकरण सात लाख करोड़ रुपये घट गया है।
बिजनेस
Whatsapp ने दी भारत छोड़ने की धमकी, कहा- अगर सरकार ने मजबूर किया तो
नई दिल्ली। व्हाट्सएप ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि अगर उसे उसे संदेशों के एन्क्रिप्शन को तोड़ने के लिए मजबूर किया गया तो वह भारत में अपनी सेवाएं बंद कर देगा। मैसेजिंग प्लेटफॉर्म की ओर से पेश एक वकील ने कहा कि लोग गोपनीयता के लिए व्हाट्सएप का उपयोग करते हैं और सभी संदेश एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड हैं।
व्हाट्सऐप का कहना है कि WhatsApp End-To-End Encryption फीचर यूजर्स की प्राइवेसी को सिक्योर रखने का काम करता है। इस फीचर की वजह से ही मैसेज भेजने वाले और रिसीव करने वाले ही इस बात को जान सकते हैं कि आखिर मैसेज में क्या लिखा है। व्हाट्सऐप की तरफ से पेश हुए वकील तेजस करिया ने अदालत में बताया कि हम एक प्लेटफॉर्म के तौर पर भारत में काम कर रहे हैं। अगर हमें एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर को तोड़ने के लिए मजबूर किया जाता है तो व्हाट्सऐप भारत छोड़कर चला जाएगा।
तेजस करिया का कहना है कि करोड़ों यूजर्स व्हाट्सऐप को इसके एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर की वजह से इस्तेमाल करते हैं। इस वक्त भारत में 40 करोड़ से ज्यादा व्हाट्सऐप यूजर्स हैं। यही नहीं उन्होंने ये भी तर्क दिया है कि नियम न सिर्फ एन्क्रिप्शन बल्कि यूजर्स की प्राइवेसी को भी कमजोर बनाने का काम कर रहे हैं।
व्हाट्सऐप के वकील ने बताया कि भारत के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसा कोई नियम नहीं है। वहीं सरकार का पक्ष रखने वाले वकील कीर्तिमान सिंह ने नियमों का बचाव करते हुए कहा कि आज जैसा माहौल है उसे देखते हुए मैसेज भेजने वाले का पता लगाने की जरूरत पर जोर दिया है। कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई अब 14 अगस्त को करेगा।
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