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महाराष्ट्र में मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे पर हादसे में 17 की मौत

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महाराष्ट्र में मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे, हादसे में 17 की मौत

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महाराष्ट्र में मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे, हादसे में 17 की मौत

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रायगढ़| महाराष्ट्र में पनवेल के नजदीक मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे (ई-वे) पर रविवार को एक बस और दो निजी वाहनों के बीच हुई भीषण टक्कर में 17 लोगों की मौत हो गई और 21 अन्य घायल हो गए। राज्य राजमार्ग नियंत्रण के मुताबिक, दुर्घटना पुणे-मुंबई एक्सप्रेसवे पर शेन्डुंग मोड़ के पास तड़के करीब 4.00 बजे हुई। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि एक स्विफ्ट कार का टायर अचानक पंचर हो गया। टायर बदलने के लिए कार को पहली लेन में रोका गया था। पीछे से आती एक इनोवा कार उसकी मदद के लिए रुकी।

तभी अचानक तेज गति से पीछे से आ रही एक बस इनोवा से टकरा गई। टक्कर इतनी जोरदार थी कि बस और इनोवा दोनों 40 फीट गहरी खाई में गिर गईं। दुर्घटना में 10 यात्रियों की मौके पर ही मौत हो गई। पीड़ितों में आठ महिलाएं, छह पुरुष और तीन नाबालिग लड़कियां शामिल हैं। ज्यादातर पीड़ित सतारा के थे, जबकि अन्य पुणे, नवी मुंबई, थाणे और मुंबई के थे।

नेशनल

जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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