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मुख्य समाचार

अभिषेक बनर्जी की साली मेनका गंभीर को एयरपोर्ट पर रोका गया, TMC नाराज

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कोलकाता। कोयला तस्करी मामले में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी की साली मेनका गंभीर को बैंकाक जाने से रोक दिया गया। शनिवार रात वह कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पहुंची थी। पासपोर्ट जांच के दौरान मेनका को रोककर एक कमरे में बैठा दिया गया। करीब ढ़ाई घंटे तक उन्हें एयरपोर्ट पर बैठाकर रखा गया।

बजने लगा सिक्योरिटी अलार्म

जानकारी के अनुसार मेनका की तस्वीर स्कैन होते ही सिक्योरिटी अलार्म बजने लगा। हवाई अड्डे पर मेनका रात करीब 7.45 बजे पहुंचीं। नौ बजकर 10 मिनट पर उनकी फ्लाइट थी। जैसे ही सुरक्षा कैमरे में मेनका की तस्वीर कैद हुई, सिक्योरिटी अलार्म बजने लगा। इसके बाद एयरपोर्ट अधिकारियों की टीम और सीआईएसएफ और ने उन्हें अपने घेरे में ले लिया और एक कमरे में बैठा दिया।

ईडी की टीम पहुंची हवाई अड्डे

कोयला तस्करी मामले में उनके खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी है। इस वजह से उन्हें देश छोड़ने से रोका गया। सूचना मिलने के कुछ देर बाद ईडी की टीम हवाई अड्डे पहुंची। पारगमन सेंटर पर ईडी अधिकारियों ने मेनका गंभीर को नोटिस थमाया और अगले हफ्ते पूछताछ के लिए बुलाया है।

मकसद अभिषेक को डराना है

मेनका गंभीर को एयरपोर्ट पर रोकने पर तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य सांतनु सेन ने आरोप लगाया कि असल मकसद मेनका गंभीर को रोकना नहीं, बल्कि अभिषेक बनर्जी को डराना है। भाजपा के राज्य प्रवक्ता शमिक भट्टाचार्य ने कहा कि कानून के सामने सब एक है। कौन किसकी साली या रिश्तेदार है उससे कानून नहीं चलता।

विदेशी बैंक में रुपये जमा होने का आरोप

बता दें कोयला तस्करी मामले में अभिषेक बनर्जी, उनकी पत्नी रुजिरा और साली मेनका गंभीर के विदेशी बैंक खाते में रुपये जमा होने का आरोप है। आरोप है कि मेनका गंभीर के बैंकाक स्थित खाते का इस्तेमाल हुआ है।

नेशनल

जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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