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गोपाल सुब्रमण्यम ने डीडीसीए विवाद में दिया ‘निष्पक्ष’ जांच का आश्वासन

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नई दिल्ली| पूर्व सॉलिसिटर जनरल गोपाल सुब्रमण्यम ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सोमवार को दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) में कथित वित्तीय अनियमितताओं की ‘निष्पक्ष’ जांच का आश्वासन दिया। केजरीवाल को लिखे पत्र में सुब्रमण्यम ने कहा, “मैं जांच के लिए एक आयोग गठित करने के मंत्रिमंडल के निर्णय को स्वीकार करता हूं, जिसकी अध्यक्षता मैं करूंगा। मैं आश्वस्त करता हूं कि मैं खुले दिमाग और बिल्कुल निष्पक्ष तरीके से अपना काम शुरू कर रहा हूं।”
पूर्व सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि वह डीडीसीए में व्याप्त कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच में अपना पूरा सामथ्र्य लगा देंगे और ऐसे निष्कर्ष तक पहुंचेंगे, जो किसी भी न्यायिक मंच के सामने टिक सकेगा। इससे पहले दिल्ली विधानसभा ने एक विशेष सत्र में डीडीसीए में कथित अनियमितताओं की जांच के लिए एक जांच आयोग की नियुक्ति का प्रस्ताव पारित किया। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से डीडीसीए भ्रष्टाचार मामले में केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली की कथित संलिप्तता सामने आने के बाद उन्हें पद से हटाने की मांग भी की थी। जेटली कई वर्षो तक डीडीसीए के अध्यक्ष रह चुके हैं। उन्होंने स्वयं पर लगे आरोपों का खंडन किया है।

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कोर्ट ने बृजभूषण से पूछा- आप गलती मानते हैं, बोले- सवाल ही उठता, मेरे पास बेगुनाही के सारे सबूत

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नई दिल्ली। महिला पहलवानों से यौन शोषण मामले में भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह मंगलवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश हुए। कोर्ट ने उन्हें उनके खिलाफ तय किए आरोप पढ़कर सुनाए। इसके बाद कोर्ट ने बृजभूषण से पूछा कि आप अपने ऊपर लगाए गए आरोप स्वीकार करते हैं? इस पर बृजभूषण ने कहा कि गलती की ही नहीं मानने का सवाल ही नहीं उठता। इस दौरान कुश्ती संघ के पूर्व सहायक सचिव विनोद तोमर ने भी स्वयं को बेकसूर बताया। तोमर ने कहा कि हमनें कभी भी किसी पहलवान को घर पर बुलाकर न तो डांटा है और न ही धमकाया है। सभी आरोप झूठे हैं।

मीडिया द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या आरोपों के कारण उन्हें चुनावी टिकट की कीमत चुकानी पड़ी, इस पर बृजभूषण सिंह ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “मेरे बेटे को टिकट मिला है।” बता दें कि उत्तर प्रदेश से छह बार सांसद रहे बृजभूषण शरण सिंह को इस बार भाजपा ने टिकट नहीं दिया है। पार्टी उनकी बजाय, उनके बेटे करण भूषण सिंह को कैसरगंज सीट से टिकट दिया है, जिसका बृजभूषण तीन बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।

बृजभूषण सिंह ने सीसीटीवी रिकाॅर्ड और दस्तावेजों से जुड़े अन्य विवरण मांगने के लिए बृजभूषण सिंह ने आवेदन दायर किया है। उनके वकील ने कहा कि उनके दौरे आधिकारिक थे। मैं विदेश में उसी होटल में कभी नहीं ठहरा जहां खिलाड़ी स्टे करते थे। वहीं दिल्ली कार्यालय की घटनाओं के दौरान भी मैं दिल्ली में नहीं था। बता दें कि कोर्ट इस मामले में जल्द ही अपना फैसला सुना सकता है। कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि एमपी-एमएलए मामलों में लंबी तारीखें नहीं दी जाएं। हम 10 दिन से अधिक की तारीख नहीं दे सकते।

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