हेल्थ
मधुमेह के कारण अंग काटने की नौबत में कमी
लंदन| मधुमेह के इलाज में हर साल उन्नति हो रही है, नतीजतन वर्ष 1990 के मध्य से मधुमेह पीड़ितों में एंप्यूटेशन (शरीर के अंगों को काटकर अलग करना) की नौबत अब न के बराबर रह गई है। नए शोध में यह बात सामने आई है। मधुमेह की वजह से पहले पैर के निचले हिस्से को काटकर शरीर से अलग करना पड़ता था, जिससे मरीजों की पीड़ा और बढ़ जाती थी।
ऐसा करना तब जरूरी हो जाता था, जब मधुमेह की वजह से तंत्रिका कोशिकाएं व रक्त नलिकाएं बर्बाद हो जाती थीं, जिसके कारण पैरों के निचले हिस्से को रक्त संचरण मुश्किल हो जाता था।
मधुमेह से पीड़ित मरीजों को पैर से संबंधित गंभीर समस्याओं जैसे अल्सर के कारण उन्हें बार-बार अस्पतालों का चक्कर लगाना पड़ता है।
नए शोध में डेनमार्क में मधुमेह के पीड़ितों में साल 1996-2011 के दौरान एंप्यूटेशन का अध्ययन किया गया।
विश्लेषण में इस बात का खुलासा हुआ कि मधुमेह से पीड़ित लोगों के एंप्यूटेशन में बेहद कमी आई है।
शोधकर्ताओं ने मधुमेह के मरीजों में टखने से नीचे के एंप्यूटेशन की नौबत में 10 फीसदी की कमी, जबकि घुटने के नीचे के एंप्यूटेशन में 15 फीसदी की कमी पाई।
शोधकर्ताओं का मानना है कि मधुमेह के बेहतर इलाज से पीड़ितों के एंप्यूटेशन में कमी आई है।
यह शोध पत्रिका ‘डायबेटोलॉजिया’ में प्रकाशित हुआ है।
योग एवं आयुर्वेद
ये वर्कआउट्स डिप्रेशन से लड़ने में हैं मददगार, मूड को रखते हैं हैप्पी
नई दिल्ली। भागमभाग वाली जीवनशैली, काम का बोझ, खानपान व अन्य तनावों के चलते आजकल लोग डिप्रेशन में आ जाते हैं, जिसके चलते कभी-कभी हादसे भी हो जाते हैं। डिप्रेशन से लड़ने में कई वर्कआउट्स काफी मददगार साबित हो सकते हैं। तो आइए जानते हैं, डिप्रेशन में किस तरह के वर्कआउट्स फायदेमंद हैं-
- रनिंग
रनिंग करने से बॉडी में डोपामाइन और सेरोटोनिन जैसे हॉर्मोन्स का सिक्रिशन होता है और कोर्टिसोल का लेवल घटता है जो स्ट्रेस बढ़ाने वाला हॉर्मोन होता है। तनाव की स्थिति में ये हॉर्मोन ज्यादा बनने लगता है, तो रनिंग इसे कम करने में प्रभावी है। रनिंग से मसल्स बनने के साथ ही हार्ट व ब्रेन भी हेल्दी रहता है।
- वेट लिफ्टिंग
वेट लिफ्टिंग के जरिए भी हल्के-फुल्के तनाव और अवसाद के लक्षणों से निपटा जा सकता है। वेट ट्रेनिंग के दौरान पूरा फोकस हाथों और शरीर पर होता है बाकी दूसरी चीज़ों पर ध्यान ही नहीं जाता। वेट लिफ्टिंग से मसल्स टोन्ड और स्ट्रॉन्ग होती है। ओवरऑल बॉडी फिट नजर आती है।
- योगा
बिना दौड़भाग के की जाने वाली बहुत ही बेहतरीन फिजिकल एक्टिविटी है योगा। तरह-तरह के शारीरिक मुद्राएं, ब्रीदिंग एक्सरसाइज और मेडिटेशन शरीर के साथ आपके दिमाग पर भी काम करती हैं। तनाव दूर करने के लिए मेडिटेशन का सुझाव एक्सपर्ट्स भी देते हैं। योग के महज 1/2 घंटे के अभ्यास से ही आपको अच्छा फील होगा।
- धूप का सेवन
धूप का सेवन तनाव, चिंता और अवसाद को दूर रखने में मददगार होता है। धूप से बॉडी में सेरोटोनिन का प्रोडक्शन होता है जो मूड को हैप्पी रखता है।
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डिस्क्लेमर: उक्त लेख सिर्फ सूचना मात्र हैं। अपनाने से पहले विशेषज्ञों की सलाह अवश्य लें।
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