अन्तर्राष्ट्रीय
बेटी के जन्म पर 2 महीने की छुट्टी लेंगे जुकरबर्ग
न्यूयार्क। फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग अपनी बेटी के जन्म पर उसके पास रहने के लिए दो महीने की छुट्टी लेने की योजना बना रहे हैं। जुकरबर्ग ने 20 नवंबर को फेसबुक पोस्ट के जरिए यह जानकारी दी। उन्होंने पोस्ट में लिखा, “कामकाजी अभिभावकों को अपने नवजात बच्चों के साथ समय बिताना चाहिए, क्योंकि एक शोध में यह बात सामने आई है कि यह बच्चों और परिवार दोनों के लिए बेहतर होता है।”
इस पोस्ट को एक घंटे के अंदर 70 हजार लोगों ने पसंद किया। हालांकि वह कब से छुट्टी लेंगे, इसका खुलासा उन्होंने नहीं किया है। फेसबुक अपने स्टॉफ में माता-पिता बनने वाले लोगों को 4 महीनों की छुट्टी देता है। फेसबुक नीति के अनुसार बेटी के जन्म के बाद एक साल के अंदर दो महीने की छुट्टी भी ली जा सकती है।
पिछले कुछ वर्षों में जुकरबर्ग अपने फेसबुक प्रोफाइल में परिवार, समाजसेवा, कुत्ते आदि के बारे में पोस्ट करते हुए देखे जा रहे हैं। इस साल जुलाई में जुकरबर्ग ने घोषणा की थी, कि वह और उनकी पत्नी अपने पहले बच्चे के रूप में बेटी की उम्मीद कर रहे हैं।
अन्तर्राष्ट्रीय
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’
नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।
इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।
रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”
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