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शिवसेना का भाजपा पर फिर करारा वार, कहा- बिहार हार से भाजपा में मचेगा हड़कंप

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मुंबई। शिवसेना ने सोमवार को कहा कि बिहार में करारी हार से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में हड़कंप मचेगा। पार्टी ने कहा कि ये नतीजे “राष्ट्रीय राजनीति का रुख बदल सकते हैं।” शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादकीय में लिखा गया है, “बिहार चुनाव का नतीजा राष्ट्रीय राजनीति पर असर डालेगा और साथ ही भाजपा में हड़कंप मचाएगा।”

महाराष्ट्र में फडणवीस सरकार में शामिल शिवसेना और भाजपा के रिश्तों में हाल के दिनों में खटास बढ़ी है। शिवसेना ने लिखा है कि ये नतीजे आत्ममंथन की मांग कर रहे हैं, क्योंकि ये लोकसभा चुनाव के नतीजों के महज डेढ़ साल के अंदर आए हैं। शिवसेना ने कहा कि बिहार का जनादेश 2014 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से मिलता-जुलता है। यहां शिवसेना और भाजपा ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था। चुनाव प्रचार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत भाजपा का पूरा वरिष्ठ कुनबा लग गया था। संपादकीय में कहा गया है कि सभी कुछ के बाद भी शिवसेना 63 सीटें जीत गई।

संपादकीय में कहा गया है, “आप धनबल और सत्ता के दम पर एक चुनाव जीत सकते हैं, आप एक बार लोगों को बेवकूफ बना सकते हैं..मोदी के खासमखास और लोकसभा चुनाव में भाजपा की जीत के सूत्रधार अमित शाह को बिहार चुनाव में धूल चाटनी पड़ी।” संपादकीय में लिखा गया है कि ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लंबे-चौड़े झूठे वादे नहीं किए। शिवसेना का इशारा लोकसभा चुनाव के दौरान मोदी द्वारा किए गए वादों की तरफ है।

अपने चुभते हुए संपादकीय में शिवसेना ने लिखा है कि बिहार के लोगों ने नीतीश को उनकी ईमानदारी के लिए मत दिया। जिन लोगों ने बिहार के चुनाव को हल्के में लिया था, बेहतर होगा कि अब वे गंभीरता से नतीजों का आकलन करें। संपादकीय में पूरे नतीजे आने से पहले ही भाजपा में मनाए गए शुरुआती जश्न की भी खिल्ली उड़ाई गई है।

बिहार चुनाव में शिवसेना को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन से अधिक मत मिले हैं। इस पर संपादकीय में कहा गया है, “यह हमारे लिए एक तरह की जीत है।” संपादकीय में सहयोगी भाजपा को निशाने पर लेते हुए लिखा गया है, “भविष्य शिवसेना का है..अगर महाराष्ट्र में अभी चुनाव हों तो हमें शानदार जीत मिलेगी।”

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केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां का निधन, दिल्ली एम्स में ली अंतिम सांस

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नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की माता व ग्वालियर राज घराने की राजमाता माधवी राजे सिंधिया का निधन हो गया है। उनका इलाज पिछले दो महीनों से दिल्ली के एम्स में चल रहा था। आज सुबह 9.28 बजे उन्होंने दिल्ली के एम्स में आखिरी सांस ली।

हाल ही में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताया था कि, राजमाता माधवी राजे को सांस लेने में तकलीफ होने पर उन्हें 15 फरवरी को दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया था। इसी साल 6 मार्च को भी उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई थी। उस समय भी उनकी हालत नाजुक थी और उनको लाइफ सपोर्टिंग सिस्टम पर रखा गया था।

पहली बार 15 फरवरी को माधवी राजे की तबीयत बिगड़ी थी, उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। उसके बाद से ही उनकी हालत नाजुक बनी हुई थे। वे लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर थीं। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कुछ समय पहले यह जानकारी शेयर की थी।

नेपाल राजघराने से माधवीराजे सिंधिया का संबंध है। उनके दादा शमशेर जंग बहादुर राणा नेपाल के प्रधानमंत्री थे। कांग्रेस के दिग्गज नेता माधवराव सिंधिया के साथ माधवी राजे के विवाह से पहले प्रिंसेस किरण राज्यलक्ष्मी देवी उनका नाम था। साल 1966 में माधवराव सिंधिया के साथ उनका विवाह हुआ था। मराठी परंपरा के मुताबिक शादी के बाद उनका नाम बदलकर माधवीराजे सिंधिया रखा गया था। पहले वे महारानी थीं, लेकिन 30 सितंबर 2001 को उनके पति और पूर्व केंद्रीय मंत्री माधवराव सिंधिया के निधन के बाद से उन्हें राजमाता के नाम से संबोधित किया जाने लगा।

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