मनोरंजन
परंपरा में विश्वास नहीं करता : शाहरुख
हिंदी फिल्म नगरी में परिवारवाद की परंपरा पुरानी है, लेकिन गैर फिल्मी पृष्ठभूमि से आए शाहरुख खान का मानना है कि उनके बच्चे उनके पदचिन्हों पर चलते हुए अभिनय कॅरियर को ही अपनाएं, यह जरूरी नहीं है। शाहरुख का हालांकि कहना है कि उनकी बेटी सुहाना अभिनेत्री बनने की इच्छुक है।
शाहरुख ने यहां एक समारोह में कहा, “मैं परंपरा में विश्वास नहीं करता। मेरे पिता अभिनेता नहीं थे और मुझे लगता है कि मेरे बच्चों को भी अभिनय के क्षेत्र में आना जरूरी नहीं है। मैं उन्हें नहीं कहूंगा कि उन्हें क्या करना चाहिए, क्योंकि मेरे माता-पिता ने भी कभी ऐसा नहीं कहा।”
शाहरुख ने कहा, “अगर मेरे बच्चे अभिनेता या अभिनेत्री नहीं बनते तो कोई फर्क नहीं पड़ता।”
शाहरुख के मुताबिक उन्हें नहीं लगता कि उनके बच्चों को उनसे अभिनय के गुण विरासत में मिले हैं।
शाहरुख ने कहा, “मेरा बेटा आर्यन अभी पढ़ रहा है और मैं चाहता हूं कि वह स्नातक की पढ़ाई पूरी करे, लेकिन मेरी बेटी अभिनय सीखना चाहती है। लेकिन मैं नहीं जानता कि इसके लिए उसे किस संस्थान में भेजना चाहिए।”
मनोरंजन
रामोजी ग्रुप के चेयरमैन रामोजी राव का निधन, 87 साल की उम्र में ली अंतिम सांस
हैदराबाद। रामोजी ग्रुप के चेयरमैन रामोजी राव का शनिवार सुबह निधन हो गया। उन्होंने 87 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। रामोजी 5 जून से ICU में भर्ती थे। वे हार्ट से जुड़ी दिक्कतों से जूझ रहे थे। तेलंगाना सरकार ने राजकीय सम्मान के साथ रामोजी राव का अंतिम संस्कार करने की घोषणा की है।
रामोजी राव मीडिया के क्षेत्र में बड़ा नाम थे। उन्होंने 1962 में रामोजी ग्रुप की नींव रखी थी,जिसमें हैदराबाद स्थित दुनिया का सबसे बड़ा फिल्म स्टूडियो रामोजी फिल्म सिटी, उषा किरण मूवीज, मयूरी फिल्म डिस्ट्रीब्यूटर्स, मार्गदर्शी चिट फंड और डॉल्फिन ग्रुप ऑफ होटल्स शामिल हैं। रामोजी फिल्म सिटी का निर्माण उन्होंने ही अपनी जमीन पर कराया था, जहां तमाम विश्व स्तरीय फिल्म की शूटिंग हुई। रामोजी फिल्म सिटी को भारत के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक बनाने का श्रेय भी उन्हीं को जाता है। मीडिया और भारतीय फिल्म उद्योग में रामोजी राव का योगदान बहुत बड़ा है और उनका निधन पूरे मनोरंजन समुदाय के लिए एक बड़ी क्षति है।
बता दें कि रामोजी राव ने साल 1983 में फिल्म निर्माण कंपनी उषाकिरण मूवीज़ की स्थापना की थी। उन्होंने चार फिल्मफेयर पुरस्कार और एक राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी जीता है। साल 2016 में उन्हें पत्रकारिता, साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए देश ने दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। रामोजी राव का जन्म आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले के पेदापरुपुडी में एक किसान परिवार में हुआ था। वह मार्गदर्शी चिट फंड, रमादेवी पब्लिक स्कूल और प्रिया फूड्स के संस्थापक भी थे। इसके अलावा वह आंध्र प्रदेश में डॉल्फिन ग्रुप ऑफ होटल्स के अध्यक्ष भी थे।
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