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अन्तर्राष्ट्रीय

चीन-सिंगापुर की वार्षिक सहयोग बैठकें शुरू

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सिंगापुर। चीन और सिंगापुर ने मंगलवार सुबह सिंगापुर में द्विपक्षीय सहयोग के लिए तीन वार्षिक बैठकें शुरू कीं। दोनों देशों ने आपसी लाभ के द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने के लिए अंतर-सरकारी परियोजनाओं में सहयोग की प्रतिबद्धता जताई है। चीन के उप प्रधानमंत्री झांग गाओली और सिंगापुर के उप प्रधानमंत्री तेओ ची हेन ने शूझू औद्योगिक पार्क के लिए 17वें चीन-सिंगापुर संयुक्त स्टीयरिंग परिषद बैठक की सह अध्यक्षता की।

झांग ने उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि दोनों देश विकास अवसरों को साझा करने के तरीकों पर विचार करेंगे ताकि संयुक्त रूप से शूझू औद्योगिक पार्क को एक नए स्तर पर ले जाया जा सके। झांग और तेओ तिआनजिन पारिस्थितिकी (ईको) शहर के लिए आठवें चीन-सिंगापुर संयुक्त स्टीयरिग परिषद बैठक और द्विपक्षीय सहयोग के लिए 12वीं चीन-सिंगापुर संयुक्त परिषद (जेसीबीसी) की भी अध्यक्षता करेंगे। इस बैठक से जुड़े करीबी सूत्रों का कहना है कि जेसीबीसी बैठकों में पश्चिमी चीन की तीसरी अंतर-सरकारी परियोजना पर चर्चा की जाएगी। सिंगापुर में चीन के राजदूत चेन शियाडोंग का कहना है कि इस तीसरी परियोजना में कनेक्टिविटी, आधुनिक भंडारण और वित्त पर ध्यान दिया जाएगा।

 

अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’

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नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।

इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।

रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”

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