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अन्तर्राष्ट्रीय

भारत की मदद कभी नहीं मागूंगा : बलूच नेता

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इस्लामाबाद| बलूचिस्तान के अलगाववादी नेता हीरबायेर मरी ने कहा कि पाकिस्तान से बलूचिस्तान की आजादी के लिए बलूच लोग भारत से मदद नहीं मांगेंगे। मरी ने कहा कि वह स्वतंत्र बलूचिस्तान के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा मैं नहीं मानता कि बलूचिस्तान के अधिकांश लोग पाकिस्तान के साथ रहना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि न तो वह और न ही उनके सहयोगी प्रतिबंधित बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) के साथ किसी तरह से संबद्ध हैं।

मरी  ने कहा कि वह स्वतंत्रता के लिए भारत से मदद की मांग नहीं कर रहे। उन्होंने कहा मैंने कभी उनसे मदद की मांग नहीं की और न ही भविष्य में ऐसा करूंगा। उन्होंने उन खबरों को भी खारिज कर दिया, जिसके मुताबिक स्वतंत्र बलूचिस्तान आंदोलन के लिए वह भारत का दौरा करेंगे। हीरबायेर मरी  कथित तौर पर प्रतिबंधित बीएलए का कथित तौर पर नेतृत्व कर रहे हैं। उन्हें साल 2000 में ही निर्वासित कर दिया गया था और फिलहाल लंदन में रह रहे हैं। बीएलओ के एक प्रतिनिधि बलाच परदिली ने कहा है कि वह निकट भविष्य में नवाबजादा (हीरबायेर) मरी के दिल्ली दौरे की उम्मीद कर रहे हैं।

 

अन्तर्राष्ट्रीय

गहरी नींद में थे लोग, तभी भूस्खलन से गांव पर आ गिरा पहाड़ का मलबा, 100 से ज्यादा की हुई मौत

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नई दिल्ली। पापुआ न्यू गिनी में शुक्रवार को हुए भूस्खलन में 100 से अधिक लोगों के मारे जाने की आशंका है। एबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, भूस्खलन की घटना कथित तौर पर दक्षिण प्रशांत द्वीपीय देश की राजधानी पोर्ट मोरेस्बी से लगभग 600 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में एंगा प्रांत के काओकलाम गांव में घटी। यह हादसा स्थानीय समय के अनुसार तड़के 3 बजे करीब हुआ। इलाके के निवासियों का कहना है कि मृतकों की संख्या 100 से अधिक भी हो सकती है।

यह प्राकृतिक आपदा तब हुई, जब पूरा गांव अलसुबह करीब 3 बजे गहरी नींद में था और पहाड़ का मलबा गांव पर आ गिरा।ऑस्ट्रेलियाई ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन (ABC) की रिपोर्ट में जानकारी दी गई है कि शुक्रवार तड़के पापुआ न्यू गिनी के एक सुदूर गांव में हुए भूस्खलन में 100 से अधिक लोगों के मारे जाने की आशंका है। यह इलाका पापुआ न्यू गिनी की राजधानी पोर्ट मोरेस्बी से लगभग 600 किमी उत्तर-पश्चिम में स्थित एंगा प्रांत के काओकालम गांव में हुई है।

स्थानीय लोगों के हवाले से एबीसी ने जानकारी दी है कि इस प्राकृतिक आपदा में मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है। हालांकि अधिकारियों ने अभी तक मौत के आधिकारिक आँकड़ों की जानकारी नहीं दी है। सोशल मीडिया पर भी इस खौफनाक हादसे के कई वीडियो सामने आए हैं, जिससे बड़ी-बड़ी चट्टानों, पेड़ों और मलबे के नीचे से ग्रामीणों की लाशों को निकालते हुए दिखाया जा रहा है।

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