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मुख्य समाचार

लालू यादव ने की बदजुबानी, शाह को बताया ‘नरभक्षी’ और ‘तड़ीपार’

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पटना। बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर जहां सभी राजनीतिक दलों ने प्रचार तेज कर दिया है, वहीं नेताओं के बीच जुबानी जंग भी तेज हो गई है। नेता ‘बदजुबानी’ पर उतर आए हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष अमित शाह द्वारा बुधवार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद को ‘चारा चोर’ कहे जाने पर लालू ने गुरुवार को पलटवार करते हुए उन्हें ‘नरभक्षी’ और ‘तड़ीपार’ तक कह दिया।

चुनाव प्रचार के लिए जाने से पहले यहां संवाददाताओं से बातचीत में लालू ने कहा, “देश ही नहीं, पूरी दुनिया जानती है कि गुजरात दंगे में शाह नरभक्षी के रूप में ‘कुख्यात’ हुए थे। बिहार में उनके घूमने का मतलब समझ में नहीं आ रहा है।” उन्होंने कहा, “गुजरात दंगे के समय शाह पर कौन-कौन सी धाराएं लगी थी, यह उन्हें जनता को बताना चाहिए।” गौरतलब है कि भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह ने बुधवार को बेगूसराय में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा था कि बिहार की पहचान ‘चारा चोर’ लालू से होती थी और आज उसी के साथ मिलकर नीतीश बिहार में सुशासन लाने की बात कर रहे हैं।

इससे पहले लालू ने भाजपा को गठबंधन धर्म निभाने की नसीहत देते हुए उपेन्द्र कुशवाहा, जीतन राम मांझी और रामविलास पासवान में से किसी एक के नाम की घोषणा करने की सलाह दी थी। लालू ने अपने फेसबुक अकाउंट पर लिखा, “भाजपा कुशवाहा, मांझी और पासवान में से किसी एक को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर गठबंधन धर्म निभाए, क्योंकि भाजपा के पास तो कोई मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार ही नहीं है।”

लालू ने बिना किसी का नाम लिए आगे लिखा, “एक नरभक्षी एवं तड़ीपार, बिहार को सदाचार ना सिखाए। पहले स्वयं के कुकर्म एवं खुद पर लगी जघन्य धाराओं के बारे में लोगों को बताए।” इसका आशय भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से लगाया जा रहा था। राजद अध्यक्ष ने जातिगत जनगणना की रपट जारी करने को लेकर भाजपा अध्यक्ष से सवाल करते हुए लिखा, “अमित शाह बताएं कि जातिगत जनगणना की रपट कब जारी करेंगे और अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ों की संख्या के अनुसार आरक्षण की हमारी मांग का समर्थन करते हैं या नहीं?”

उन्होंने भाजपा को चेतावनी देते हुए आगे लिखा, “भाजपा की इतनी औकात नहीं कि हमारे आरक्षण पर पुनर्विचार करे। अमित शाह एंड कम्पनी यह जान लें कि हम अपनी संख्या के बराबर आरक्षण लेकर रहेंगे।” उल्लेखनीय है कि इन दिनों आरक्षण को लेकर लालू लगातार भाजपा पर निशाना साध रहे हैं। बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा), उपेन्द्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) तथा जीतन राम मांझी की हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) शामिल है।

नेशनल

पश्चिम बंगाल के श्रीरामपुर में बोले अमित शाह, पीओके भारत का है और हम इसे लेकर रहेंगे

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श्रीरामपुर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल के हुगली के श्रीरामपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए विपक्ष पर जमकर प्रहार किया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और ममता बनर्जी, आपको डरना है तो डरते रहिए, ये पीओके भारत का है और हम उसे लेकर रहेंगे।

अमित शाह ने कहा कि ममता बनर्जी, कांग्रेस-सिंडिकेट कहती है कि धारा 370 को मत हटाओ। मैंने संसद में पूछा कि क्यों न हटाएं तो उन्होंने कहा कि खून की नदियां बह जाएंगी। 5 साल हो गए खून कि नदियां छोड़ो किसी की कंकड़ चलाने की हिम्मत नहीं है। जब INDI गठबंधन का शासन था तो हमारे कश्मीर में हड़तालें होती थीं। आज पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में हड़ताल होती है। पहले कश्मीर में आजादी के नारे लगते थे, अब पाक अधिकृत कश्मीर में नारेबाजी होती है। राहुल गांधी, आपको डरना है तो डरते रहिए, ममता बनर्जी आपको डरना है तो डरते रहिए लेकिन मैं आज श्रीरामपुर की धरती से कहता हूं कि ये पाक अधिकृत कश्मीर भारत का है और हम उसे लेकर रहेंगे।

अमित शाह ने कहा आने वाले चुनाव में आप सभी वोट डालने वाले हैं। इस चुनाव में एक ओर परिवारवादी पार्टियां हैं जिसमें ममता बनर्जी अपने भतीजे को, शरद पवार अपनी बेटी को, उद्धव ठाकरे अपने बेटे को, स्टालिन अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं और सोनिया गांधी, राहुल बाबा को पीएम बनाना चाहती हैं। वहीं दूसरी ओर गरीब चाय वाले के घर में जन्में इस देश के महान नेता नरेन्द्र मोदी जी हैं।

नरेन्द्र मोदी जी ने बंगाल के विकास के लिए ढेर सारे कार्य किए हैं। मैं ममता दीदी से पूछना चाहता हूं कि 10 साल तक आपके लोग सोनिया-मनमोहन सिंह की सरकार में मंत्री रहे, लेकिन सोनिया-मनमोहन सिंह की सरकार ने बंगाल के विकास के लिए क्या किया। उनकी सरकार ने 10 साल में बंगाल के विकास के लिए मात्र 2 लाख करोड़ रुपये दिए। जबकि मोदी जी ने 10 साल में 9 लाख, 25 हजार करोड़ रुपये देने का काम किया।

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