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मुख्य समाचार

‘भाजपा ने शहाबुद्दीन के शूटर को 2 करोड़ में टिकट बेचा’

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पटना। बिहार में भारतीय जनता पार्टी के एक विधायक ने आरोप लगाया है कि उनकी पार्टी ने जेल में बंद पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन के शूटर मनोज सिंह को 2 करोड़ रुपये लेकर टिकट दिया है।

सीवान जिले की रघुनाथपुर विधानसभा सीट से मौजूदा विधायक विक्रम कुंवर ने कहा, “भाजपा ने मुझे, मौजदूा विधायक को टिकट नहीं दिया। लेकिन, शहाबुद्दीन के शूटर मनोज सिंह को 2 करोड़ में टिकट बेच दिया।” एक ही दिन पहले भाजपा सांसद और पूर्व केंद्रीय गृह सचिव आर.के. सिंह ने कहा था कि उनकी पार्टी बिहार विधानसभा चुनाव में टिकट बेच रही है। पार्टी के प्रतिबद्ध कार्यकर्ताओं की उपेक्षा की जा रही है।

कुंवर ने कहा कि सिंह ने सही मुद्दा उठाया है। उन्होंने कहा, “आर. के. सिंह ने सार्वजनिक रूप से पैसा लेकर टिकट देने का जो मुद्दा उठाया है, मैं उसकी एक मिसाल हूं।” पूर्व सांसद शहाबुद्दीन हत्या के एक मामले में उम्र कैद काट रहे हैं। आरा संसदीय क्षेत्र से सांसद आर.के. सिंह ने कहा था, “भाजपा पैसे लेकर टिकट बांट रही है। पार्टी नेताओं के रिश्तेदारों और अपराधियों को टिकट दिया जा रहा है। आपमें (भाजपा) और लालू यादव में क्या फर्क रह जाता है जब आप भी अपराधियों को टिकट देते हैं? “

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नेशनल

पुणे पोर्श कार केस : आरोपी की मां गिरफ्तार, बेटे के बदले अपना ब्लड सैंपल देने का है आरोप

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पुणे। पुणे पोर्श कार केस में नाबालिग आरोपी की मां को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुणे पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने इसकी जानकारी दी है। नाबालिग आरोपी की मां पर अपने बेटे का ब्लड सैंपल बदलने के लिए अपना ब्लड सैंपल देने का आरोप है। पुलिस ने कोर्ट में कहा कि नाबालिग आरोपी का ब्लड सैंपल उसकी मां ने अपने ब्लज सैंपल से बदल दिया था, ताकि यह दिखाया जा सके कि घटना के वक्त वह नशे में नहीं था। साथ ही कुछ दिन पहले ही आरोपी की मां का एक वीडियो वायरल हुआ था। जहां उन्होंने पुलिस से अनुरोध किया था कि वो उसके बेटे की रक्षा करे। आरोपी की मां ने वीडियो में कहा था कि जो वीडियो वायरल हो रहा है वो उसके बेटे का नहीं है बल्कि किसी और का है।

बता दें कि पुणे के कल्याणी नगर में 19 मई को ‘पोर्श’ कार के 17 वर्षीय चालक ने मोटरसाइकिल सवार दो सॉफ्टवेयर इंजीनियरों को टक्कर मार दी थी। इस हादसे में दोनों की मौत हो गई थी। पुलिस ने दावा किया कि आरोपी नशे की हालत में कार चला रहा था। मामले के 17 वर्षीय आरोपी को एक सुधार गृह में भेज दिया गया, जबकि उसके पिता एवं रियल एस्टेट कारोबारी विशाल अग्रवाल और दादा सुरेंद्र अग्रवाल को परिवार के वाहन चालक का कथित तौर पर अपहरण करने और उस पर हादसे की जिम्मेदारी लेने का दबाव बनाने के लिए गिरफ्तार किया गया है।

इससे पहले न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी ए ए पांडे की अदालत ने दो डॉक्टरों, डॉ. श्रीहरि हरनोर और डॉ. अजय तवारे के साथ-साथ अस्पताल के एक कर्मचारी अतुल घाटकांबले को 30 मई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया था। ससून जनरल अस्पताल के दो डॉक्टरों और एक कर्मचारी को किशोर के ब्लड सैंपल में हेरफेर करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था ताकि यह दिखाया जा सके कि दुर्घटना के समय वह नशे में नहीं था। अभियोजन पक्ष ने कहा कि किशोर के पिता ने डॉक्टरों में से एक को बुलाया था और उसे नमूने बदलने के लिए कहा था, साथ ही पुलिस यह जांच करना चाहती थी कि नमूनों में हेरफेर करने के निर्देश किसने दिए थे।

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