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सीट बंटवारे पर नजरअंदाजी से लोजपा सांसद नाराज

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पटना| लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के सांसद रामा सिंह ने पार्टी अध्यक्ष रामविलास पासवान पर बिहार में विधानसभा चुनाव के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के साथ सीट बंटवारे के मुद्दे पर उनसे राय नहीं लिए जाने का आरोप लगाया और इस पर नाराजगी जताते हुए कहा कि पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र नहीं है। यहां संवाददाताओं से बातचीत के दौरान सिंह ने कहा कि सीट बंटवारे जैसे अहम मुद्दे पर उनसे कोई राय नहीं ली गई। उन्होंने कहा कि इतने बड़े मुद्दे पर बड़े नेताओं की पूछ नहीं हो रही है।

उन्होंने कहा, “सभी बड़े निर्णय लोजपा अध्यक्ष रामविलास पासवान अपने बेटे और भाइयों के साथ मिलकर ले रहे हैं। इन पर पुराने नेताओं से चर्चा नहीं हो रही है। पार्टी में अंदरूनी व्यवस्था चरमरा गई है।”

उन्होंने यह भी कहा कि इसकी शिकायत पहले भी अध्यक्ष से की गई थी। सिंह ने अगाह करते हुए कहा कि अगर पार्टी में यही स्थिति रही तो इसे विधानसभा चुनाव में खामियाजा भुगतना होगा।

इस विरोध के बाद पार्टी से निष्कासित किए जाने के प्रश्न पर सांसद ने कहा, “पार्टी निकाल दे कोई बात नहीं। हम काम करने वाले आदमी हैं। जो सच है, वही बोलेंगे।”

उल्लेखनीय है कि लोजपा रजग का एक घटक दल है। राजग में सीट बंटवारे को लेकर दिल्ली में सभी घटक दलों के नेताओं के बीच बैठकों का सिलसिला जारी है। रपटों के मुताबिक, भाजपा नीत राजग में सीट बंटवारे पर सहमति बन गई है और शनिवार की शाम को इसकी औपचारिक घोषणा किए जाने की संभावना है।

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गुजरात बोर्ड परीक्षा में टॉपर रही छात्रा की ब्रेन हैमरेज से मौत, आए थे 99.70 फीसदी अंक

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अहमदाबाद। गुजरात बोर्ड की टॉपर हीर घेटिया की ब्रेन हैमरेज से मौत हो गई है। 11 मई को गुजरात माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (GSEB) के नतीजे आए थे। हीर इसके टॉपर्स में से एक थी। उसके 99.70 फीसदी अंक आये थे। मैथ्स में उसके 100 में से 100 नंबर थे। उसे ब्रेन हैमरेज हुआ था। बीते महीने राजकोट के प्राइवेट अस्पताल में उसका ऑपरेशन हुआ था। ऑपरेशन के बाद उसे छुट्टी दे दी गई। वो घर चली गई, लेकिन क़रीब एक हफ़्ते पहले उसे सांस लेने में फिर दिक़्क़त होने लगी और दिल में भी हल्का दर्द होने लगा।

इसके बाद उसे अस्पताल में ICU में भर्ती कराया गया था। हाॅस्पिटल में एमआरआई कराने पर सामने आया कि हीर के दिमाग का 80 से 90 प्रतिशत हिस्सा काम नहीं कर रहा था। इसके बाद हीर को सीसीयू में भर्ती कराया गया। हालांकि डाॅक्टरों की लाख कोशिशों के बाद ही उसे बचाया नहीं जा सका और 15 मई को हीर ने दम तोड़ दिया। हीर की मौत के बाद परिवार ने मिसाल पेश करते हुए उसकी आंखों और शरीर को डोनेट करने का फैसला किया।

हीर के पिता ने कहा, “हीर एक डॉक्टर बनना चाहती थी। हमने उसका शरीर दान कर दिया ताकि भले ही वह डॉक्टर न बन सके लेकिन दूसरों की जान बचाने में मदद कर सकेगी।

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