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नेशनल

रेप पीड़ित नेपाली महिलाओं का दोबारा परीक्षण

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गुड़गांव। चार चिकित्सकों की एक टीम ने उन दो नेपाली महिलाओं का फिर से चिकित्सकीय परीक्षण किया है जिन्होंने सऊदी अरब के एक राजनयिक और उसके दोस्तों पर दुष्कर्म और सामूहिक दुष्कर्म का आरोप लगाया है। पुलिस ने गुरुवार को यह जानकारी दी।

मामले के जांच अधिकारी के अनुरोध पर चिकित्सकों ने बुधवार को महिलाओं का फिर से चिकित्सकीय परीक्षण किया। गुड़गांव के पुलिस प्रमुख नवदीप सिंह विर्क का कहना है कि दूसरा परीक्षण पहले वाले चिकित्सकीय परीक्षण की रपट के विस्तार का हिस्सा है। साथ ही कोशिश यह है कि एक चिकित्सक के बजाए चिकित्सकों की एक समिति की राय ली जाए। उन्होंने कहा कि चिकित्सकीय रपट इन मामलों में काफी महत्वपूर्ण साक्ष्य होती हैं और अंतिम निष्कर्ष तक पहुंचने में मददगार भी होती हैं।

गुड़गांव पुलिस ने इस मामले में अब तक की जांच की पूरी रपट गुरुवार को विदेश मंत्रालय को सौंपी। राजनयिकों को वियना समझौते के तहत मिली छूट को दिमाग में रखते हुए गुड़गांव पुलिस ने विदेश मंत्रालय से इस मामले में मदद करने को कहा है। मंत्रालय ने भी पुलिस को मामले की संवेदनशीलता और अंतर्राष्ट्रीय प्रोटोकाल को ध्यान में रखने को कहा है।

सऊदी दूतावास के आरोपों के संबंध में गुड़गांव पुलिस ने मंत्रालय को बता दिया है कि उसने सभी कार्रवाई भारतीय कानून के दायरे में रहकर की है और किसी राजनयिक समझौते या प्रोटोकाल का उल्लंघन नहीं किया है। मंगलवार को पुलिस में दी गई शिकायत में दो नेपाली महिलाओं ने सऊदी राजनयिक और उसके दोस्तों पर दुष्कर्म, सामूहिक दुष्कर्म, अप्राकृतिक यौन संबंध का आरोप लगाया है। महिलाओं ने कहा कि चाकू दिखाकर उन्हें डराया जाता था और दुष्कर्म किया जाता था। महिलाओं ने कहा कि उन्हें राजनयिक के हाथों बेचा गया था। शिकायत में यह भी कहा गया है कि सऊदी राजनयिक की पत्नी और बेटी दोनों महिलाओं को पीटती थीं।

महिलाओं को गुड़गांव स्थित सऊदी राजनयिक के अपार्टमेंट से नेपाली दूतावास और मैतेई नेपाल-इंडिया नाम के स्वयंसेवी संगठन की मदद से छुड़ाया गया था। विर्क ने गुरुवार को कहा, “मेरा मानना है कि हमने मामले में तेजी से, पारदर्शी और वैज्ञानिक तरीके से जांच की है। अपनी रपट विदेश मंत्रालय को दे दी है। हम मंत्रालय के अगले आदेश की प्रतीक्षा कर रहे हैं। मंत्रालय हमें इस मामले की जांच के संबंध में निर्देश और सलाह देगा। जांच की बातों को अभी बताया नहीं जा सकता क्योंकि मामला संवेदनशील है और दो देशों के संबंध पर असर डाल सकता है।” गुड़गांव पुलिस ने सऊदी राजनयिक और अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। इस मामले में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।

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नेशनल

बाबा रामदेव की सोन पापड़ी भी टेस्ट में ‘फेल’, असिस्टेंट मैनेजर समेत 3 को 6 महीने की जेल

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नई दिल्ली। योग गुरु बाबा रामदेव की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। भ्रामक विज्ञापनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि को फटकार लगाई थी। अब पतंजलि कंपनी की सोन पापड़ी फूड टेस्‍ट में फेल गई है। मुख्‍य न्‍यायिक मजिस्‍ट्रेट ने पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के असिस्‍टेंट मैनेजर सहित तीन लोगों को छह महीने जेल की सजा सुना दी है। तीनों पर जुर्माना भी लगाया गया है। खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 की धारा 59 के तहत सजा सुनाई गई है। असिस्टेंट मैनेजर को 50 हजार और अन्य 2 दोषियों को 10 और 25 हजार रुपये जुर्माना भरना होगा। मामले में शिकायतकर्ता की ओर से रितेश वर्मा ने पैरवी की।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 17 अक्टूबर 2019 को जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने उत्तराखंड के पिथौरागढ़ बेरीनाग बाजार का दौरा किया था। इस दौरान बेरीनाग बाजार स्थित लीलाधर पाठक की दुकान में रेड मारी गई। जांच करते हुए रेड टीम ने पतंजलि नवरत्न इलायची सोन पापड़ी के सैंपल लिए और उन्हें जांच के लिए रुद्रपुर की लैंब में भेजा गया। साथ ही सप्लायर रामनगर कान्हा जी और पतंजलि को नोटिस जारी किए गए।

जांच में मिठाई की क्वालिटी घटिया मिली। सैंपल फेल हो गया और पुलिस ने एक्शन लेकर पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के असिस्टेंट जनरल मैनेजर अभिषेक कुमार, कान्हा जी डिस्ट्रीब्यूटर प्राइवेट लिमिटेड रामनगर के असिस्टेंट मैनेजर अजय जोशी, दुकानदार लीलाधर पाठक को गिरफ्तार कर लिया। तीनों के खिलाफ सुनवाई पूरी होने के बाद बीते दिन जेल और जुर्माने की सजा सुनाई गई।

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