मुख्य समाचार
सार्वजानिक स्थलों पर अब होंगी महिलायें सुरक्षित : महिला सम्मान प्रकोष्ठ
उत्तर प्रदेश पुलिस महिला सम्मान प्रकोष्ठ की अपर पुलिस महानिदेशक सुतापा सान्याल ने कहा कि” महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराध की रोकथाम के लिए प्रकोष्ठ नई योजनाओं पर लगातार काम कर रहा है यह मुद्दा सिर्फ सामाजिक नहीं बल्कि हम सबके दिलों को झंझोड़ता भावनात्मक मुद्दा है। ब्रेक थ्रू संस्था के कैम्पेन “आस्किंग फॉर इट” के साथ इस काम को और भी कारगर करेगा। मीडिया और आम जनता सभी सभी से उम्मीद करते हैं कि वो सब हमारे साथ समाज से इस अपराध को ख़त्म करने के पहल करेंगे ।
“आस्क फॉर इट” के अन्तर्गत महिलाओं के साथ पब्लिक प्लेसिस पर होने वाले अपराधों को रोकने के लिए बस स्टॉप पर लड़कियों के साथ होने वाली यौनिक हिंसा की शिकायत दर्ज करने के लिए जिला पुलिस
की हेल्प डेस्क होगी जिसमें महिला कॉन्स्टेबल की भी नियुक्ती की जाएँगी। इतना ही नहीं बल्कि इस विषय पर एसएसपी लखनऊ से भी बात की गई है जिन्होंने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया है और प्राशासनिक तौर पर पूरी तरह कार्यवाही का आश्वासन भी दिया है।
कैम्पेनिंग में “ब्रेकथ्रू” किस तरह सहयोगी ?
ब्रेक थ्रू की कंट्री डाइरेक्टर हेड सोनाली खान ने कहा ” ख़ुशी है कि सार्वजानिक स्थलों पर यौनिक हिंसा के खिलाफ ब्रेक थ्रू के अभियान आस्किंग फॉर इट को महिला सम्मान प्रकोष्ट का साथ मिला है। हम साथ मिलकर समाज से इस अपराध को काफी हद तक ख़त्म कर सकते है। सोनाली खान ने अपनी ब्रेक थ्रू संस्था के बारे में और जानकारी दते हुए कहा कि ” हम चाहते है की हमारी इस मुहिम में और भी कई ऑर्गेनिसएशन जुड़ें। ब्रेक थ्रू चार विशेष मुद्दो पर काम कर रहा है जिनमें यौन उत्पीड़न,लिंगपात,घरेलू हिंसा,और बाल विवाह है। ब्रेक थ्रू वर्तमान में हरियाणा , बिहार , झारखण्ड, कर्नाटक आदि जगहों पर इन सभी विषयों पर काम कर रहा है।
नेशनल
जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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