Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

भोपाल गैस त्रासदी : राज ही रह गई एंडरसन की रिहाई

Published

on

Loading

भोपाल| भोपाल गैस हादसे के मुख्य आरोपी वारेन एंडरसन की रिहाई के रहस्य पर 30 वर्ष बाद भी पर्दा पड़ा हुआ है। हजारों लोगों की मौत का जिम्मेदार एंडरसन का कुछ ही घंटे पुलिस की हिरासत में रहना और फिर राज्य सरकार के विशेष विमान से अचानक दिल्ली चले जाना अब भी अबूझ पहेली है।

यूनियन कार्बाइड संयंत्र से दो-तीन दिसंबर 1984 की रात को रिसी जहरीली गैस ने भोपाल में जमकर तबाही मचाई थी। कई दिनों तक भोपाल में जहरीली गैस से मौत के आगोश में समाए लोगों के शवों को ठिकाने लगाने का दौर चलता रहा, उधर अस्पतालों में अपनों को तलाशने वाले डटे रहे। उन दिनों तो भोपाल के हर अस्पताल में हजारों मरीजों की कतारें लगी रहती थीं।

हादसे को लेकर यूनियन कार्बाइड के चेयरमैन वारेन एंडरसन के खिलाफ हर किसी में जबर्दस्त गुस्सा था। सभी यही मानते थे कि वही हजारों लोगों का कातिल है। हर तरफ से एंडरसन की गिरफ्तारी की मांग जोर पकड़ रही थी। धरना-प्रदर्शनों के बाद तीन दिसंबर की शाम हनुमानगंज थाने में एंडरसन के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया गया।

डॉन कर्जमैन की लिखी किताब ‘किलिंग विंड’ के मुताबिक, एंडरसन अपने अन्य सहयोगियों के साथ सात दिसंबर को सुबह साढ़े नौ बजे इंडियन एयरलाइंस के विमान से भोपाल पहुंचता है, हवाईअड्डे पर तत्कालीन पुलिस अधीक्षक स्वराज पुरी और जिलाधिकारी मोती सिंह मौजूद रहते हैं। दोनों एंडरसन को एक सफेद एंबेस्डर कार में कार्बाइड के रेस्ट हाउस ले जाते हैं और वहीं उन्हें हिरासत में लिए जाने की जानकारी देते हैं।

कर्जमैन आगे लिखते हैं कि दोपहर साढ़े तीन बजे एंडरसन को पुलिस अधिकारी द्वारा बताया जाता है, “हमने आपको भोपाल से दिल्ली जाने के लिए राज्य सरकार के विशेष विमान की व्यवस्था की है, जहां से आप अमेरिका लौट सकते हैं।” कुछ जरूरी कागजात पर दस्तखत करने के बाद एंडरसन दिल्ली के लिए उड़ गया। हजारों इंसान का ‘कातिल’ फिर कभी भोपाल नहीं आया, वहीं से उसे अमेरिका भेज दिया गया।

इधर भोपाल में उसे दोषी ठहराने की लड़ाई जारी रही। एक दिसंबर 1987 को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने एंडरसन के खिलाफ मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया। नौ फरवरी 1989 को सीजेएम की अदालत ने एंडरसन के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी किया, मगर वह नहीं आया। आखिरकार एक फरवरी 1992 को अदालत ने एंडरसन को भगोड़ा घोषित कर दिया।

एंडरसन के भोपाल न आने के बावजूद न्यायिक लड़ाई जारी रही। 27 मार्च 1992 को सीजेएम अदालत ने एंडरसन के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी कर गिरफ्तार कर पेश करने के आदेश दिए। साथ ही एंडरसन के प्रत्यार्पण के लिए केंद्र सरकार को निर्देश जारी किए, मगर जून 2004 में यूएस स्टेट एंड जस्टिस डिपार्टमेंट ने एंडरसन के प्रत्यार्पण की भारत की मांग खारिज कर दी।

भोपाल की सीजेएम अदालत ने सात जून 2010 को सात भारतीय अधिकारियों को दो-दो वर्ष की सजा सुनाई और जमानत पर रिहा कर दिया। एंडरसन के प्रत्यार्पण को लेकर यूएस स्टेट एंड जस्टिस डिपार्टमेंट के निर्णय का मामला अभी भी सीजेएम अदालत में विचाराधीन है। इस बीच खबर आई कि 29 सितंबर, 2014 को फ्लोरिडा के एक नर्सिग होम में एंडरसन की मौत हो गई।

राज्य सरकार ने एंडरसन की रिहाई और दिल्ली के लिए विशेष विमान उपलब्ध कराने की जांच के लिए एक सदस्यीय कोचर आयोग का गठन वर्ष 2010 में किया था। इस आयोग के सामने तत्कालीन पुलिस अधीक्षक स्वराज पुरी ने माना कि एंडरसन की गिरफ्तारी के लिए ‘लिखित’ आदेश दिया गया था, मगर रिहाई का आदेश ‘मौखिक’ था। यह आदेश वायरलेस सेट पर दिया गया था।

अब तो कोचर आयोग की रिपोर्ट ही इस बात का खुलासा करेगी कि एंडरसन की ‘शाही अंदाज में’ की गई रिहाई में किस-किस की भूमिका थी। आम तौर पर उसकी रिहाई में तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह की भूमिका व तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी की सहमति मानी जाती है।

भोपाल ग्रुप फॉर इंफॉर्मेशन एंड एक्शन की सदस्य रचना ढींगरा का कहना है कि भारत सरकार एंडरसन का प्रत्यार्पण कराने में तो कामयाब नहीं रही, लिहाजा अब यूनियन कार्बाइड के सचिव जॉन मैकडोनाल्ड का प्रत्यर्पण होना चाहिए। साथ ही अमेरिकी कंपनी डाओ केमिकल्स जब भोपाल गैस त्रासदी की जिम्मेदारी स्वीकार कर ले, तभी अमेरिका को भारत में पूंजीनिवेश की अनुमति दी जाना चाहिए।

भोपाल गैस पीड़ित महिला उद्योग संगठन के संयोजक अब्दुल जब्बार कहते हैं, “सरकारों की दृढ़ इच्छाशक्ति के अभाव में एंडरसन का प्रत्यपर्ण नहीं हो पाया। भोपाल वासियों के साथ तो तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह ने विश्वासघात किया था, उसके बाद वर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी वही कर रहे हैं। कोई फर्क ही नहीं दिखता।”

भोपाल गैस त्रासदी की 30वीं बरसी पर एक बार फिर लोगों के जेहन में एंडरसन की यादें ताजा हो गई हैं। हजारों लोग अपना हक न मिलने से दुखी हैं। उन्हें अफसोस इस बात का भी है कि तीन दशकों में कितनी सरकारें आईं, मगर कोई सरकार यह भी पता नहीं लगा पाई कि वारेन एंडरसन की रिहाई किसके कहने पर हुई थी।

उत्तर प्रदेश

अपने नकारात्मक नैरेटिव में फंस गई है बीजेपी, 140 सीटें जीतना भी मुश्किल: अखिलेश यादव

Published

on

Loading

लखनऊ। लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण के मतदान से पहले बुधवार को लखनऊ में इंडिया गठबंधन की संयुक्त प्रेस कांफ्रेस को संबोधित करते हुए अखिलेश यादव ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा। अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा का झूठ जितना परवान चढ़ना था चढ़ चुका है। इंडिया गठबंधन की सरकार बनने वाली है। 4 जून को प्रेस की स्वतंत्रता का भी दिन होगा। भाजपा 140 सीटें भी नहीं जीत पाएगी। उनका रथ फंसा ही नहीं धंस गया है। वो अपने ही नकारात्मक नैरेटिव में फंस गए हैं। अखिलेश यादव ने कहा कि इंडिया गठबंधन यूपी में 79 सीटें जीत रहा है और क्योटो (काशी) में लड़ाई में है। 4 जून को किसानों की सरकार बनेगी। बेरोजगार युवाओं की सरकार बनेगी।

बसपा द्वारा इंडिया गठबंधन के खिलाफ प्रत्याशी चुनाव में उतारने पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि मैं यही अपील करूंगा कि बहुजन समाज के लोग जो बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर में आस्था रखते हैं जो उनके बनाए हुए संविधान को बचाना चाहते हैं वे अपना वोट खराब न करें। इंडिया गठबंधन की मदद करें जिससे लोकतंत्र को मजबूत किया जा सके।

अखिलेश ने कहा कि दस साल दिल्ली की और सात साल यूपी की सरकार में उनकी हर बात झूठी निकली और उनकी बूथ कमेटियां, लूट कमेटी की तरह काम करने लग गई है। आने वाले समय में देश के 140 करोड़ की जनता बीजेपी को 140 सीट के लिए भी तरसा देगी।
अखिलेश यादव ने कहा, बुलंदेलखंद के लोग भाजपा को खंड खंड कर देंगे। वहां पर भाजपा का खाता खुलने वाला नहीं है। जो नौजवान देख रहा है कि उसकी हर परीक्षा लीक हुई। ये सरकार नौकरी नहीं देना चाहती, जिससे उनका भविष्य खराब हो रहा है। किसान, नौजवान, व्यापारी हर वर्ग के लोग इन्हें सुन-सुनकर थक गए हैं इसलिए परिवर्तन होना तय है।

सपा नेता ने कहा कि आज लोकतंत्र को ख़तरा है. ये लोकतंत्र के पीछे तो पड़े ही हमारी और आपकी जान के भी पीछे पड़े हैं। जो वैक्सीन हमारे शरीर में चली गई बताइए उसे ये कैसे वापस लेंगे। हर संस्था को इन्होंने खत्म कर दिया है इसलिए देश की जनता लोकतंत्र को भी बचाएगी और बीजेपी को भी हराएगी। बहुजन समाज के लोग जो संविधान को बचाना चाहते हैं वो इंडिया गठबंधन की मदद करें जिसमें देश को मजबूत किया जा सके।

Continue Reading

Trending