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अन्तर्राष्ट्रीय

यमन संकट वैश्विक कारोबार के लिए खतरा : भारत

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संयुक्त राष्ट्र| यमन में जारी संघर्ष का वैश्विक कारोबार पर पड़ रहे गंभीर आर्थिक प्रभाव पर भारत ने चिंता जाहिर की है और संघर्ष में शामिल समूहों से बातचीत की मेज पर आने का आग्रह किया है।

सुरक्षा परिषद में मध्य पूर्व पर आयोजित एक चर्चा को संबोधित करते हुए संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि अशोक कुमार मुखर्जी ने कहा, “चूंकि प्रमुख पोत परिवहन मार्ग बाब-अल-मंदेब जलडमरूमध्य से गुजरते हैं, लिहाजा यमन के मौजूदा संकट से पोत परिवहन की लागत पर काफी प्रभाव पड़ा है, जिससे क्षेत्रीय और वैश्विक कारोबार प्रभावित हुआ है।”

यमन संघर्ष से मानवीय संकट तो पैदा हुआ ही है, इससे क्षेत्र और पूरी दुनिया को गंभीर आर्थिक खामियाजा भी भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने कहा, “इसलिए हम यमन के सभी पक्षों से बातचीत की मेज पर लौटने का आग्रह करते हैं।”

उल्लेखनीय है कि यमन में शिया हौती विद्रोही राष्ट्रपति मंसूर हादी की सरकार से संघर्ष कर रहे हैं।

हौती विद्रोहियों ने फरवरी में हादी को देश से निर्वासित कर दिया था, लेकिन सऊदी अरब गठबंधन सेना द्वारा लगातार बमबारी के बाद निर्वासित हादी के समर्थकों ने पिछले सप्ताह अदन शहर पर दोबारा कब्जा कर लिया।

मुखर्जी ने मध्य पूर्व में आतंकवादियों द्वारा संयुक्त राष्ट्र के शांतिदूतों पर किए गए हमलों की निंदा की और इन्हें रोकने का आह्वान किया।

उन्होंने ईरान और सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों व जर्मनी के बीच समझौते के प्रति भारत के समर्थन को दोहराया। उन्होंने कहा, “भारत ने हमेशा कहा है कि मुद्द सुलझाने के लिए बातचीत ही एकमात्र प्रभावकारी मार्ग है।”

मुखर्जी ने एक संप्रभु, स्वतंत्र, व्यवहार्य और एकजुट फिलिस्तीन को भारत का समर्थन दोहराया, जिसकी सीमा इजरायल के साथ लगी होगी और शांतिपूर्ण होगी। जेरूशलम उसकी राजधानी होगी।

मुखर्जी के इस बयान से मीडिया में आ रहीं उन अफवाहों पर विराम लग गया है, जिनमें कहा जा रहा था कि भारत ने स्वतंत्र फिलिस्तीन को अपना समर्थन ठंढे बस्ते में डाल दिया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस वर्ष के अंत में प्रस्तावित इजरायल यात्रा से भारत और इजरायल के बीच घनिष्ठता बढ़ने की पूरी संभावना है। लिहाजा मुखर्जी ने फिलिस्तीन और इजरायल के बीच संघर्ष पर सधा हुआ दृष्टिकोण अपनाया। यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री का इजरायल का पहला दौरा होगा।

मुखर्जी ने शांति वार्ता की बहाली का आह्वान करते हुए कहा, “हम इस बात को लेकर चितित हैं कि सभी पक्षों के बीच गंभीर बातचीत के प्रयासों के बावजूद पिछले वर्ष से शांति प्रक्रिया की दिशा नकारात्मक रही है।”

 

अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्‍तानी अमेरिकी अरबपति साजिद तरार का बयान- मोदी फिर बनेंगे पीएम, उनके जैसे नेता की हमें भी जरुरत

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नई दिल्ली। पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी कारोबारी साजिद तरार ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक मजबूत नेता हैं जो भारत को नई ऊंचाइयों पर ले गए हैं और वह तीसरी बार देश के पीएम के रूप में लौटेंगे। साजिद तरार ने कहा कि मोदी न केवल भारत के लिए बल्कि क्षेत्र और दुनिया के लिए अच्छे हैं और उम्मीद है कि पाकिस्तान को भी उनके जैसा नेता मिलेगा।

पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी कारोबारी पीएम मोदी को दुनिया का मजबूत नेता बताया है। उन्होंने कहा कि मोदी न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया और दक्षिण एशिया के लिए अच्छे नेता हैं। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि पाकिस्तान को भी उनके जैसा नेता मिलेगा। तरार ने कहा कि वह एक जन्मजात नेता हैं। वह एक ऐसे पीएम हैं जिन्होंने अपनी राजनीति को जोखिम में डालकर पाकिस्तान का दौरा किया। मैं उम्मीद करता हूं वे पाकिस्तान के साथ बातचीत और व्यापार शुरू करेंगे।

उन्होंने आगे कहा कि भारत एक युवा देश है और उसे युवा लोगों का अच्छा साथ मिल रहा है। तरार ने आगे कहा कि यह एक चमत्कार है। भारत के 97 करोड़ लोग अपने मत डाल रहे हैं। भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। आप भविष्य में देखेंगे कि लोग भारतीय लोकतंत्र से सीख लेंगे। तरार ने पीओके में चल रहे विरोध प्रदर्शन को लेकर कहा कि आर्थिक स्थिति खराब होने और महंगाई के कारण वहां के लोग परेशान है। उन्होंने पाकिस्तानी पीएम के आर्थिक पैकेज को लेकर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि पूरे पाकिस्तान में फिलहाल पीओके जैसी ही स्थिति है। आतंकवाद-कानून व्यवस्था और राजनीतिक अस्थिरता के कारण आज देश कई संकटों से जूझ रहा हैं।

 

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