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मनोरंजन

‘मसान’ अब तक की सबसे उम्दा फिल्मों में शामिल : जावेद

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मुंबई| प्रख्यात कवि, गीतकार जावेद अख्तर का कहना है कि फिल्म ‘मसान’ हिंदी सिनेमा की अब तक की सबसे उम्दा फिल्मों में से एक है। जावेद के अलावा शबाना आजमी, राजकुमार हिरानी, राजकुमार राव, कल्कि कोच्लिन, एली अवराम, राधिका आप्टे जैसी हस्तियों ने भी ‘मसान’ की विशेष स्क्रीनिंग में शामिल होने के बाद फिल्म की प्रशंसा की।

जावेद ने कहा, “जब मैं यह फिल्म देखने आया, तो मुझे पता था कि मैं एक अच्छी फिल्म देखने जा रहा हूं। फिर भी फिल्म देखकर मैं अचंभित रह गया।”उन्होंने कहा, “यह हिंदी सिनेमा की आज तक की सबसे उम्दा फिल्मों में से एक है। यह बेहतरीन फिल्म है। अभिनय, निर्देशन, सिनेमेटोग्राफी, लेखन सब अविश्वसनीय है। यह विश्व के किसी भी स्तर में सबसे बढ़िया फिल्म है।”

फिल्म अभिनेत्री शबाना भी ‘मसान’ से काफी प्रभावित हैं। उन्होंने कहा, “फिल्म ‘मसान’ हिंदी सिनेमा के आने वाले युग की फिल्म है। मुझे गर्व है कि मैं ऐसे वक्त में जी रही हूं, जब हमारे यहां ‘मसान’ जैसी फिल्में बनाई जा रही हैं।”नीरज घेवन निर्देशित ‘मसान’ में ऋचा चड्ढा, संजय मिश्रा, श्वेता त्रिपाठी और विकी कौशल ने मुख्य भूमिकाएं निभाई हैं। फिल्म को इस साल कांस अंतर्राष्ट्रीय फिल्म फेस्टीवल में दो पुरस्कारों से नवाजा गया था।

प्रादेशिक

13 साल बाद एक्ट्रेस को मिला इंसाफ, कोर्ट ने हत्यारे बाप को सुनाई फांसी की सजा

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मुंबई। एक्ट्रेस लैला खान और उसके पूरे परिवार के हत्यारे सौतेले पिता को मुंबई की सेशन कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है। कोर्ट ने इस महीने की शुरुआत में परवेज टाक को लैला, उनकी मां और चार भाई-बहन की हत्या और सबूतों को नष्ट करने का दोषी ठहराया था। यह मामला 13 वर्ष पुराना है। सौतेले प‍िता ने लैला, उसकी मां व चार भाई-बहनों की हत्या की थी, इसके बाद शवों को फार्म हाउस में गड्ढा खोदकर दफन कर दिया था।

बता दें कि बीते सप्ताह सरकारी वकील पंकज चव्हाण ने दोषी परवेज टाक के लिए मौत की सजा की मांग की थी। उनका कहना था कि इस हत्या को पूरी तरह से प्लान करके किया गया था, जिसमें एक ही परिवार के छह लोगों को बड़ी ही बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया गया और शवों को ठिकाने लगा दिया गया।

लैला खान हत्याकांड में मंगलवार को कोर्ट में सुनवाई हुई थी। इस दौरान आरोपी के वकील वहाब खान ने दलील पेश की, जिसमें उन्होंने कम से कम आजीवन कारावास की सजा की मांग की। वकील ने कहा कि कोई प्रत्यक्ष सबूत नहीं है और शव उनके कहने पर बरामद किए गए थे। इतना ही नहीं बल्कि दोषी के वकील ने जेल में टाक के अच्छे व्यवहार की ओर इशारा करते हुए कहा कि उसमें सुधार हुआ है और इसलिए उन्होंने इसे भी सजा को कम करने का आधार बताया है। हालांकि कोर्ट ने उनकी एक न सुनी और परवेज टाक को फांसी की सजा सुना दी।

बता दें कि परवेज टाक, लैला का सौतेला पिता है। परवेज ने लैला की मां संग तीसरी शादी की थे। साल 2011 में फरवरी में लैला खान, उनकी मां और चार भाई-बहनों की महाराष्ट्र के नासिक जिले के इगतपुरी स्थित उनके बंगले में हत्या कर दी गई थी। रिपोर्ट्स की मानें तो कहा गया कि संपत्तियों पर बहस के बाद परवेज ने इस घटना को अंजाम दिया था।

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