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मनोरंजन

..तो यह हमारी असफलता होती : कबीर खान

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मुंबई| ‘बजरंगी भाईजान’ के निर्देशक कबीर खान इसकी सफलता से बेहद खुश हैं। उन्होंने कहा कि अगर दर्शक इससे स्वयं को नहीं जोड़ पाते, तो यह बतौर फिल्मकार उनकी असफलता होती। कबीर ने यहां कहा, “यह अच्छी बात है कि दर्शक फिल्म देखकर भावुक हो रहे हैं, क्योंकि इसका मतलब हमारी कहानी काम कर रही है। अगर कोई भावनात्मक रिश्ता नहीं जुड़ पाता, तो हम बतौर फिल्मकार असफल हो गए होते।”

फिल्म की कहानी एक गूंगी पाकिस्तानी बच्ची मुन्नी (हर्षाली मल्होत्रा) के इर्दगिर्द घूमती है, जो भटकते हुए गलती से भारत की सीमा में दाखिल हो जाती है। यहां उसकी मुलाकात एक दयालु और दूसरों की परवाह करने वाले व्यक्ति (सलमान) से होती है।

17 जुलाई को रिलीज हुई अपनी फिल्म के बारे में कबीर ने कहा, “मेरे ख्याल से यह एक ऐसी कहानी है, जिसमें हमें एक सीधे-सादे और प्यारे सलमान की जरूरत थी। यह एक बेहद प्यारी कहानी है। हमने इसे जिस तरह बनाया, यह चीज भी इसे सफल बनाने में कारगर रही।”

प्रादेशिक

सीएम सुक्खू के मंत्री का विवादित बयान, कहा- कंगना को कोई बिना मेकअप देख ले तो दूसरी बार नहीं देखेगा

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नई दिल्ली। हिमाचल प्रदेश सरकार में राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कंगना रनौत के चेहरे को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की है, जिसके बाद उनका काफी विरोध हो रहा है। उन्होंने कहा कि कंगना रनौत अपने कार्यक्रमों में मेकअप करके आती है। मेकअप वाली टीम भी हमेशा उनके साथ रहती है। मेकअप को देख ही लोगों की भीड़ उन्हें देखने आती है। अगर सुबह के समय कोई व्यक्ति कंगना को बिना मेकअप देख लें तो दूसरी बार नहीं देखेगा।

उधर कंगना ने भी नेगी केइस बयान पर पलटवार किया है। कंगना ने कहा कि उन्होंने फिल्मों में बिना मेकअप के भी रोल निभाए हैं। आज अगर वह अच्छे कपड़े पहनकर और पाउडर-लिपस्टिक लगाकर जनता से मिलना चाहती हैं तो उसमें भी यह आपत्ति जताते हैं। कंगना ने आगे कहा कि उन्हें समझ नहीं आता कि शक्ल से उनको क्या परेशानी हो गई। क्या इनके खूबसूरत चेहरों पर वोट दिए हैं। सुक्खू जी को लगता है उनकी खूबसूरत शक्ल पर वोट मिले हैं।

कंगना ने आगे कहा कि राजनीति में एक भाव है और यह भाव किसी में भी आ सकता है। किसी का चेहरा कैसा है या आपकी उम्र और लिंग क्या है यह देश इस सबसे बाहर निकलकर काफी आगे जाना चाहता है। ये देश की बहनों को काली-पीली और उनकी शक्ल को लेकर बातें करते हैं। उन्हें मेरी शक्ल से क्या लेना-देना। मेरी शक्ल चाहे जैसी भी हो जब तक मैं बुजुर्गों भाइयों, माता-बहनों और बच्चों की सेवा में तत्पर हूं तो मेरी शक्ल से तुम्हें क्या लेना-देना। आपको बता दें कि कंगना अलग-अलग इलाकों में जाकर वहां की वेशभूषा पहन रही हैं।

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