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श्रम सुधार पर श्रमिक संघों से बातचीत जारी रहेगी : मोदी

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को श्रमिकों को सम्मान देने पर जोर दिया और कहा कि श्रमिक संघों से परामर्श किए बिना श्रम कानून में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। मोदी ने 46वें भारतीय श्रम सम्मेलन में दो योजनाओं की घोषणा करते हुए कहा, “श्रमिक संघों के साथ विचार-विमर्श के बाद श्रम कानून में बदलाव किया जाएगा। हम श्रमिक संघों के साथ बातचीत जारी रखेंगे।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार श्रम सुधार कानून को सरल बनाना चाहती है, ताकि श्रमिकों लाभ हो और उनकी प्रतिभा को सम्मान मिले। उन्होंने कहा कि इसका अन्य उद्देश्य यह भी है कि गरीब से गरीब तबका भी अपने अधिकार को समझ सके। उन्होंने कहा कि सिर्फ कानून से इच्छित उद्देश्य पूरे नहीं हो सकते, बल्कि श्रमिक संघों, उद्योगपतियों तथा सरकार के संयुक्त प्रयास से ही वह परिणाम सामने आएगा, जिससे देश की अर्थव्यवस्था का हित जुड़ा है।

मोदी ने कहा कि हर किसी को यह भी समझने की जरूरत है कि श्रमिक तथा श्रम संघों के हितों में थोड़ा अंतर है, जैसा कि उद्योग तथा उद्योगपतियों के हितों में और सरकार और देश के हितों में अंतर होता है। प्रधानमंत्री ने सोमवार को राष्ट्रीय रोजगार सेवा पोर्टल तथा सुधारयुक्त बीमा योजना की घोषणा की। उन्होंने कहा कि 4.47 करोड़ कर्मचारियों को पोर्टेबल भविष्य निधि (पीपीएफ) से जोड़ा जा चुका है। इससे पहले, केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने प्रबंधन तथा कर्मचारियों को साथ मिलकर काम करने का सुझाव दिया और कहा कि सुस्त उद्योग निवेश का लाभ नहीं ले सकता, सिर्फ सक्षम अर्थव्यवस्था और विकास से श्रमिक हितों की रक्षा हो सकती है।

जेटली ने कहा, “उच्च विकास दर हमेशा कामगारों और श्रमिक हित की हिफाजत करेगा। अगर निवेश का प्रवाह रुकता है, तो आर्थिक गतिविधि रुक जाएगी, नौकरियों को खतरा पैदा हो जाएगा।” जेटली ने कहा कि सरकार एक उत्कृष्ट सामाजिक सुरक्षा प्रणाली तैयार करने की दिशा में कड़ी मेहनत कर रही है। इसके एक दिन पहले ही जेटली और मोदी ने श्रमिक नेताओं से मुलाकात की थी। जेटली ने कहा कि निवेश को बढ़ावा देना ही काफी नहीं है, बल्कि विकास के लिए वास्तविक मुद्रा का प्रवाह जरूरी है। उन्होंने कहा, “सुस्त अर्थव्यवस्था से रोजगार सृजन नहीं हो सकता। भारी भरकम कराधान वाली कर प्रणाली से रोजगार सृजन नहीं होगा।”

गौरतलब है कि रविवार को चाय पर हुई मुलाकात के दौरान केंद्रीय श्रमिक संघों तथा सरकार के बीच बैठक के दौरान ठेके के श्रमिकों तथा न्यूनतम मजदूरी के मुद्दे सहित श्रम कानून को लेकर मतभेद खुलकर सामने आ गए थे। प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री दोनों ने श्रमिकों को सम्मान दिए जाने की भी वकालत की। मोदी ने कहा, “यहां एक गलत आदत बनी हुई है कि हम अपने श्रमिकों को पर्याप्त सम्मान नहीं देते। एक समाज के रूप में हमें श्रमिकों का सम्मान करने की जरूरत है।”

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मणिशंकर अय्यर के पाक प्रेम पर बीजेपी का पलटवार, कही ये बात

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नई दिल्ली। बीजेपी ने मणिशंकर अय्यर के उस बयान पर कांग्रेस पर निशाना साधा है जिसमें उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान को सम्मान दिए जाने की जरुरत है क्योंकि उसके पास एटम बम है। केंद्रीय मंत्री राजीव चंदशेखर ने कहा कि धीरे-धीरे कांग्रेस और राहुल गांधी की विचारधारा देश के सामने साफ हो रही है। इन लोगों की विचारधारा पाकिस्तान और पाकिस्तान के आतंकवादियों की समर्थक बन गई है। मैं पूरी तरह से आश्वस्त हूं कि ये लोग मणिशंकर अय्यर के बयान से खुद को अलग कर लेंगे। जैसे इन लोगों ने दिग्विजय सिंह के बयान से खुद को अलग कर लिया था।

वहीं बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि ‘अब कांग्रेस भारत में आतंकवादी भेजने वाले पाकिस्तान को इज्जत देने की बात कर रही है। कांग्रेस का हाथ आतंकवादियों एवं पाकिस्तान के साथ दिख रहा है और अब इसका एक और प्रमाण सामने आ गया।’ उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने पाकिस्तान को ऐसा सबक सिखाया है कि वह अंतरराष्ट्रीय मंचों पर गिड़गिड़ा रहा है।

पूनावाला ने मणिशंकर अय्यर के बयान को लेकर गांधी परिवार और कांग्रेस पर सवाल खड़ा करते हुए कहा, ‘कांग्रेस परिवार के करीबी मणिशंकर अय्यर जो कि पीएम मोदी को हटाने के लिए एक बार पाकिस्तान से मदद मांगने भी गए थे। अब वह पाकिस्तान की ताकत और उसके परमाणु बम को दिखा रहे हैं। मणिशंकर अय्यर, भारत में आतंकवादी भेजने वाले पाकिस्तान को इज्जत देने की बात कर रहे हैं, जबकि इसी कांग्रेस के नेता हमारी सेना के लिए अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करते हैं। मणिशंकर अय्यर हमारी सेना के बंदूक लेकर घूमने, मोदी सरकार द्वारा सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक कर पाकिस्तान को सबक सिखाने जैसे कदमों की बजाय यह चाहते हैं कि भारत अपनी सुरक्षा के लिए कदम न उठाए।’

बीजेपी प्रवक्ता ने कि कांग्रेस सरकार के समय मुंबई में 26/11 के भयानक आतंकी हमले के बाद भी मनमोहन सिंह की सरकार ने पाकिस्तान को सबक सिखाने के बजाय उसे मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा दे दिया था। उन्होंने कहा, ‘उनकी सरकार के समय लगातार आतंकी घटनाएं होती थीं और भारत अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर मदद की गुहार लगाया करता था। लेकिन पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने जिस तरह से पाकिस्तान को सबक सिखाने का काम किया है, उसके बाद अब हालत यह हो गई है कि पाकिस्तान को अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर गिड़गिड़ाना पड़ रहा है।’

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