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प्रादेशिक

बिहार में 2 नाबालिग बहनों के साथ सामूहिक दुष्कर्म

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सासाराम| बिहार में रोहतास जिले के नगर थाना क्षेत्र में एक युवक को बंधक बना कर उसकी दो नाबालिग बहनों के साथ 15 लड़कों द्वारा सामूहिक दुष्कर्म किए जाने का मामला प्रकाश में आया है।

पुलिस के अनुसार, सासाराम के बौलिया रोड मुहल्ला निवासी युवक के पास रिश्ते की दो बहनें रहने आई थीं। वे सभी बुधवार को ताराचंडी मंदिर के दर्शन के लिए गई थीं। लौटने के क्रम में सभी लोग चंदन शहीद पहाड़ी के पास घूमने गए, जहां पहले से मौजूद 15 लड़कों ने भाई को बंधक बना लिया तथा दोनों लड़कियों के साथ हथियार के बल पर सामूहिक दुष्कर्म किया। इसके बाद उन्होंने युवक छोड़ दिया। युवक ने भागकर देर शाम इसकी जानकारी अपने परिजनों तथा स्थानीय लोगों को दी।

सासाराम नगर थाना प्रभारी पवन कुमार ने गुरुवार को बताया कि दोनों लड़कियों को इलाज के लिए सासाराम सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां दोनों की हालत गंभीर बनी हुई है। किशोरियों के बयान के आधार पर नगर थाना में सामूहिक दुष्कर्म के संबंध में प्राथमिकी दर्ज करा दी गई है। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है। अभी तक किसी की गिरफ्तारी की सूचना नहीं है। पीड़िता छठी और सातवीं कक्षा की छात्राएं हैं।

थाना प्रभारी ने बताया कि दोनों लड़कियां आपस में ममेरी और फुफेरी बहनें हैं, जिनमें एक बक्सर की और दूसरी रोहतास जिले के करगहर की रहने वाली है।

प्रादेशिक

गुजरात बोर्ड परीक्षा में टॉपर रही छात्रा की ब्रेन हैमरेज से मौत, आए थे 99.70 फीसदी अंक

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अहमदाबाद। गुजरात बोर्ड की टॉपर हीर घेटिया की ब्रेन हैमरेज से मौत हो गई है। 11 मई को गुजरात माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (GSEB) के नतीजे आए थे। हीर इसके टॉपर्स में से एक थी। उसके 99.70 फीसदी अंक आये थे। मैथ्स में उसके 100 में से 100 नंबर थे। उसे ब्रेन हैमरेज हुआ था। बीते महीने राजकोट के प्राइवेट अस्पताल में उसका ऑपरेशन हुआ था। ऑपरेशन के बाद उसे छुट्टी दे दी गई। वो घर चली गई, लेकिन क़रीब एक हफ़्ते पहले उसे सांस लेने में फिर दिक़्क़त होने लगी और दिल में भी हल्का दर्द होने लगा।

इसके बाद उसे अस्पताल में ICU में भर्ती कराया गया था। हाॅस्पिटल में एमआरआई कराने पर सामने आया कि हीर के दिमाग का 80 से 90 प्रतिशत हिस्सा काम नहीं कर रहा था। इसके बाद हीर को सीसीयू में भर्ती कराया गया। हालांकि डाॅक्टरों की लाख कोशिशों के बाद ही उसे बचाया नहीं जा सका और 15 मई को हीर ने दम तोड़ दिया। हीर की मौत के बाद परिवार ने मिसाल पेश करते हुए उसकी आंखों और शरीर को डोनेट करने का फैसला किया।

हीर के पिता ने कहा, “हीर एक डॉक्टर बनना चाहती थी। हमने उसका शरीर दान कर दिया ताकि भले ही वह डॉक्टर न बन सके लेकिन दूसरों की जान बचाने में मदद कर सकेगी।

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