प्रादेशिक
व्यापमं से मप्र की छवि धूमिल : कांग्रेस
भोपाल| मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री और कांग्रेस के विधायक अजय सिंह ने कहा है कि व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) घोटाले और उससे जुड़े लोगों की हो रही मौतों से राज्य की छवि पूरे देश में धूमिल हुई है, जिसका असर आने वाले समय में राज्य में होने वाले संभावित निवेश पर पड़ना तय है। सिंह ने बुधवार को संवाददाताओं से राजधानी भोपाल में चर्चा करते हुए कहा कि एक तरफ राज्य में हुए व्यापमं घोटाले से लाखों छात्रों का भविष्य प्रभावित हुआ है, वहीं इस मामले से जुड़े 48 लोगों की मौत हो गई है। इससे राज्य में फैली अव्यवस्था व अराजकता का संदेश पूरे देश में गया है। एक तरफ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कई इंवेस्टर्स मीट करके निवेशकों को आमंत्रित करते रहे हैं, मगर व्यापमं ने उनकी इन मीट पर पानी फेर दिया है।
सिंह सवाल करते हैं कि हर तरफ यही संदेश जा रहा है कि प्रदेश में हर स्तर पर गड़बड़ियां हैं, नौकरी मिल जाती है, फिर चली जाती है, नौकरी पाने वाले जेल चले जाते हैं। गड़बड़ियों से जुड़े लोगों की मौतें हो जाती हैं, प्रदेश का हर व्यक्ति सोच रहा है, कि आखिर हो क्या रहा है। असुरक्षा का भाव बढ़ रहा है।
कांग्रेस नेता ने कहा है कि प्रदेश का सिस्टम गड़बड़ा गया है, भविष्य को लेकर हर कोई और मैं भी चिंतित हूं। इसमें सुधार जरूरी है। व्यापमं घोटाले से जुड़ा सबसे दुखद पक्ष यह है कि हजारों बच्चे जेल में है, जिन्होंने दलाली कर रकम कमाई है, वे मौज कर रहे हैं। सवाल उठ रहा है जो लड़का व लड़की जेल गया है, उसका भविष्य क्या होगा। कौन उससे शादी करेगा, कौन नौकरी देगा और समाज उसे कितना महत्व देगा।
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गुजरात बोर्ड परीक्षा में टॉपर रही छात्रा की ब्रेन हैमरेज से मौत, आए थे 99.70 फीसदी अंक
अहमदाबाद। गुजरात बोर्ड की टॉपर हीर घेटिया की ब्रेन हैमरेज से मौत हो गई है। 11 मई को गुजरात माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (GSEB) के नतीजे आए थे। हीर इसके टॉपर्स में से एक थी। उसके 99.70 फीसदी अंक आये थे। मैथ्स में उसके 100 में से 100 नंबर थे। उसे ब्रेन हैमरेज हुआ था। बीते महीने राजकोट के प्राइवेट अस्पताल में उसका ऑपरेशन हुआ था। ऑपरेशन के बाद उसे छुट्टी दे दी गई। वो घर चली गई, लेकिन क़रीब एक हफ़्ते पहले उसे सांस लेने में फिर दिक़्क़त होने लगी और दिल में भी हल्का दर्द होने लगा।
इसके बाद उसे अस्पताल में ICU में भर्ती कराया गया था। हाॅस्पिटल में एमआरआई कराने पर सामने आया कि हीर के दिमाग का 80 से 90 प्रतिशत हिस्सा काम नहीं कर रहा था। इसके बाद हीर को सीसीयू में भर्ती कराया गया। हालांकि डाॅक्टरों की लाख कोशिशों के बाद ही उसे बचाया नहीं जा सका और 15 मई को हीर ने दम तोड़ दिया। हीर की मौत के बाद परिवार ने मिसाल पेश करते हुए उसकी आंखों और शरीर को डोनेट करने का फैसला किया।
हीर के पिता ने कहा, “हीर एक डॉक्टर बनना चाहती थी। हमने उसका शरीर दान कर दिया ताकि भले ही वह डॉक्टर न बन सके लेकिन दूसरों की जान बचाने में मदद कर सकेगी।
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