प्रादेशिक
कृषि मंत्रालय के कैलेंडर में नजर आएगा स्वच्छ भारत अभियान
लखनऊ। नेशनल मीडिया क्लब ने अपने स्वच्छ भारत, सुन्दर भारत मिशन को आगे बढ़ाते हुए गुरुवार को कृषि मंत्रालय में फाइनेंशियल ईयर का कैलेंडर लॉन्च किया। इस कैलेंडर के लिए क्लब ने देश स्तर पर ड्राइंग और पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया, जिसमें स्वच्छ भारत अभियान पर सैकड़ों ड्राइंग और पेंटिंग प्राप्त हुई जिसमें 12 पेंटिंग को चुनते हुए अपने कैलेंडर में लगाया। इस कैलेंडर के लिए कई राज्यपाल, केन्द्रीय और राज्य मंत्रियों ने भी संदेश दिए जिन्हें इस कैलेंडर में जगह दी। कैलेंडर की लांचिंग कृषि राज्य मंत्री मोहन भाई कुन्दरिया ने की।
कैलेंडर लांचिंग के मौके पर प्रतियोगिताओं में विजयी बच्चे भी मौजूद रहे जिनको मंत्री मोहन भाई कुन्दरिया और नेशनल मीडिया क्लब की टीम ने सर्टिफिकेट व मोमैंटो देकर सम्मानित किया। इन बच्चों में दीपक कुमार, सबेस्टियन कुमार, सिद्धार्थ दास, अर्जुन शर्मा, यशी शर्मा, कुणाल चावला, सुवर्ना अग्निहोत्री, संजोय दास, मन्नू अग्निहोत्री, छवि मल्होत्रा, शुभम चौधरी, शिवानी आर., सूर्यांश कृष्णा शामिल थे।
इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री मोहन भाई कुन्दरिया ने बच्चों द्वारा बनाई गई पेटिंग की सराहना करते हुए कहा कि इससे उनकी स्वच्छता के प्रति भावनाओं को साकार रूप मिल सका है। उन्होंने कहा कि बच्चे हमारे देश का भविष्य हैं। यदि यह स्वच्छता के प्रति जागरूक रहेंगे तो उनकी जागरूकता समाज एवं अभिवावकों को भी स्वच्छता के प्रति जागरूक रखेगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा चलाए गये स्वच्छता अभियान के बाद पूरे देश में स्वच्छता के प्रति जागरूकता पैदा हुई है और समाज का प्रत्येक वर्ग धीरे-धीरे स्वच्छता अभियान से जुड़ रहा है। उन्होंने स्वच्छता अभियान के प्रति नेशनल मीडिया क्लब द्वारा चलाए जा रहे अभियान की भी प्रशंसा की।
इस अवसर पर नेशनल मीडिया क्लब के अध्यक्ष सचिन अवस्थी ने बताया कि इस कैलेंडर का उद्देश्य देश के हर व्यक्ति को स्वच्छता अभियान के लिए जागरूक करना है जिसमें बच्चो की बहुत अहम भूमिका है। उन्होंने बताया कि स्वच्छ भारत अभियान को आगे बढ़ाने के लिए क्लब निरंतर कार्य कर रहा है जिसके तहत 25 नवंबर को क्लब ने अपने स्वच्छ भारत अभियान की शुरूआत की। उस कार्यक्रम में देश के कई मंत्रियों और सांसदों एवं समाजसेवियों और पत्रकारों ने भाग लिया था। इस अवसर पर नेशनल मीडिया क्लब ने स्वच्छ भारत अभियान पर देश का पहला टोल फ्री नम्बर 1800 300 7121 भी जारी किया था। उन्होंने बताया कि इस नंबर पर नेशनल मीडिया क्लब को निरंतर कॉल्स मिल रही हैं और इस टोल फ्री नम्बर के जरिए नेशनल मीडिया क्लब के स्वच्छ भारत अभियान से अभी तक हज़ारों लोग जुड़ चुके हैं।
उल्लेखनीय है कि इसी अभियान के तहत 1 जनवरी 2015 को भी नेशनल मीडिया क्लब ने मथुरा मे 21 किलोमीटर गोवर्द्धन परिक्रमा मार्ग पर करीब साढ़े तीन हज़ार बच्चो के साथ स्वच्छ भारत अभियान चलाया था। इस कार्यक्रम में केन्द्रीय राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने साढ़े तीन हज़ार बच्चो को स्वच्छता के लिए शपथ दिलाई थी। इसी कार्यक्रम में हास्य कवि राजू श्रीवास्तव ने भी बांके बिहारी मंदिर पर नेशनल मीडिया क्लब की टीम के साथ स्वच्छता अभियान में भाग लिया था, जिसके लिए प्रधानमंत्री ने ट्वीट करके बधाई भी दी थी। इसी अभियान के तहत नेशनल मीडिया क्लब ने 26 मई से 30 मई 2015 तक हरिद्वार से वाराणसी तक ही देश की पहली स्वच्छता जनजागरण यात्रा भी निकाली थी। इस कार्यक्रम को हरिद्वार से पूर्व मुख्यमंत्री एवं वर्तमान सांसद रमेश पोखरियाल निशंक एवं स्वामी कैलाशानंद ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था।
उत्तर प्रदेश
हेल्थ सेक्टर में योगी सरकार की बड़ी उपलब्धि, 35 हेल्थ यूनिट्स को मिला ‘एनक्वास’
लखनऊ| योगी सरकार ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है। प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर करने के योगी सरकार के प्रयास का ही नतीजा है कि प्रदेश की 35 और स्वास्थ्य इकाइयों को नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड (एनक्वास) सर्टिफिकेट मिला है। इसके साथ ही प्रदेश में एनक्वास प्रमाणित स्वास्थ्य इकाइयों की संख्या बढ़कर 217 पहुंच गई है। यह प्रमाण पत्र प्रदेश की स्वास्थ्य इकाइयों को गुणवत्तापूर्ण इलाज, स्वास्थ्य के मानकों को पूरा करने एवं उस पर खरा उतरने पर मिला है। बता दें कि एनक्वास के तहत स्वास्थ्य इकाइयों की सेवा गुणवत्ता के मूल्यांकन के लिए किए गए ठोस प्रयासों से प्रेरित होकर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) की मिशन निदेशक डा. पिंकी जोवल ने हाल ही में प्रदेश के सभी अपर निदेशकों व सीएमओ को पत्र के माध्यम से निर्देशित किया है कि वर्ष 2025 तक 50 प्रतिशत और वर्ष 2026 तक सभी स्वास्थ्य इकाइयों को एनक्वास प्रमाणित कराने के निर्धारित लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए इस क्षेत्र में अपने कार्य को गति दें।
32 आयुष्मान आरोग्य मंदिर और 3 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को मिला प्रमाण पत्र
एनएचएम की मिशन निदेशक ने बताया कि सीएम योगी की नीतियों का असर प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं में दिखने लगा है। इसके तहत प्रदेश की स्वास्थ्य इकाइयों में प्रदेशवासियों को सस्ता और गुणवत्तापूर्ण इलाज दिया जा रहा है। यही वजह है कि पिछले पांच माह में 35 स्वास्थ्य इकाइयों को एनक्वास प्रमाण पत्र मिला है, जिसमें 32 आयुष्मान आरोग्य मंदिर और तीन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शामिल हैं। एनएचएम के महाप्रबंधक क्वालिटी एश्योरेंस डॉ. निशांत कुमार जायसवाल ने बताया कि इस वर्ष एनक्वास पाने वाली सीएचसी में वाराणसी की चोलापुर और रामपुर की बिलासपुर सीएचसी शामिल हैं। इसके साथ ही प्रदेश में एनक्वास प्रमाणित स्वास्थ्य इकाइयों की संख्या बढ़कर 217 पहुंच गई है। एनक्वास प्रमाण पत्र के लिए राष्ट्रीय गुणवत्ता मूल्यांकनकर्ता डॉ. मुस्तफा खान ने बताया कि एक बार जब किसी स्वास्थ्य इकाई को एनक्वास प्रमाणपत्र मिल जाता है तो यह निश्चित है कि वहां आने वाले सभी रोगियों के लिए अंतरराष्ट्रीय संचालन प्रक्रिया और मानक उपचार दिशानिर्देशों का पालन होगा। इसका मतलब है कि सभी रोगियों को यह विश्वास हो जाता है कि उनका इलाज उसी प्रक्रिया से किया जा रहा है, जिस प्रक्रिया से अमेरिका या ब्रिटेन में किसी अन्य रोगी का इलाज किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रमाणपत्र रोगी के अधिकारों, जिम्मेदारी और अस्पताल के कर्मचारियों की संतुष्टि को भी सुनिश्चित करता है।
प्रदेश में एनक्वास पाने वाली स्वास्थ्य इकाइयों में राजधानी अव्वल
प्रदेश में अब तक कुल 95 आयुष्मान आरोग्य मंदिर और 122 अन्य स्वास्थ्य इकाइयों को एनक्वास प्राप्त हो चुका है। इनमें लखनऊ में अब तक सबसे अधिक 15 स्वास्थ्य इकाइयों को एनक्वास मिला है। इस संबंध में बलरामपुर अस्पताल के निदेशक डॉ. पवन कुमार अरुणा ने बताया कि एनक्वास मिलने के बाद उनके अस्पताल में मरीजों के लिए सुविधाएं बढ़ी हैं। आईसीयू अपडेट हुआ है। अस्पताल का जो स्टाफ एनक्वास पाने की प्रक्रिया में शामिल था, उन सबमें जिम्मेदारी की भावना बढ़ी है। इनमें पहले स्थान पर राजधानी है। राजधानी के सिविल अस्पताल, झलकारी बाई अस्पताल, अवंती बाई अस्पताल, रानी लक्ष्मी बाई अस्पताल, लोकबंधु अस्पताल, आरएमएल अस्पताल, बख्शी का तालाब व सरोजनी नगर सीएचसी व पांच आयुष्मान आरोग्य मंदिर को एनक्वास प्रमाण पत्र मिला है। वहीं दूसरे नंबर पर प्रयागराज है, जहां 12 स्वास्थ्य इकाइयों को अब तक एनक्वास मिल चुका है। सिर्फ एक स्वास्थ्य इकाई में एनक्वास पाने वाले जिलों में सीतापुर, हरदोई, बरेली, मुरादाबाद, औरेया, बागपत, बहराइच, मैनपुरी, मथुरा, मऊ, सिद्धार्थनगर, बुलंदशहर शामिल हैं।
इन मानकों पर खरा उतरने पर मिलता है एनक्वास
एनक्वास, भारत सरकार की संस्था ‘नेशनल हेल्थ सिस्टम रिसोर्स सेंटर” द्वारा दिया जाने वाला राष्ट्रीय प्रमाणपत्र है जो स्वास्थ्य इकाइयों को विभिन्न मानकों पर परखने और मानक पूरा होने पर प्राप्त होता है। एनक्वास न सिर्फ जिला अस्पताल, बल्कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व आयुष्मान आरोग्य मंदिर को मिल सकता है। इसके तहत सरकारी अस्पतालों के मुख्य आठ विभागों की सेवाएं को मापदंड पर परखा जाता है। इन विभागों में अंत: रोगी विभाग, रेडियोलॉजी विभाग, प्रसूति वार्ड, ओपीडी, ऑपरेशन थिएटर, प्रयोगशाला, फार्मेसी, प्रशासनिक विभाग, सेवा विभाग का कामकाज देखा जाता है। इनके अलावा बायोमैट्रिक हाजिरी, ई-उपचार, मरीजों को मिलने वाला भोजन भी टीम परखती है। साथ ही सेवा प्रदाताओं के व्यवहार का भी आकलन किया जाता है।
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