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प्रादेशिक

बिहार के जहानाबाद में विहिप के बंद के दौरान लाठी चार्ज

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जहानाबाद| बिहार के जहानाबाद में दो गुटों के बीच झड़प को शांत करने के दौरान पुलिस की ओर से चलाई गई गोली में कथित तौर पर चार लोगों के घायल हो जाने से नाराज विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के कार्यकर्ताओं ने शनिवार को जिले में एक दिवसीय बंद बुलाया। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों की कई स्थानों पर झड़प हुई और भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठी चार्ज किया। पुलिस के अनुसार, बाजार बंद रहे और वाहनों की आवाजाही पर भी रुकी रही। बंद समर्थकों ने एक यात्री ट्रेन पर भी पथराव किया। इस दौरान सड़क जाम कर रहे लोगों और पुलिस के बीच झड़प हो गई। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया तो पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठी चार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े।

जहानाबाद के पुलिस अधीक्षक (अभियान) अनिल कुमार सिंह ने बताया कि सभी संवेदनशील स्थानों पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि शहर में तनाव व्याप्त है, परंतु स्थिति नियंत्रण में है।

उल्लेखनीय है कि गुरुवार को भूमि विवाद को लेकर दो गुटों में झड़प हो गई थी। विहिप का आरोप है कि इस दौरान भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने 200 राउंड गोलियां चलाई, जिसमें चार लोग घायल हो गए, लेकिन पुलिस ने एक व्यक्ति के घायल होने की पुष्टि की है।

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प्रादेशिक

गुजरात बोर्ड परीक्षा में टॉपर रही छात्रा की ब्रेन हैमरेज से मौत, आए थे 99.70 फीसदी अंक

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अहमदाबाद। गुजरात बोर्ड की टॉपर हीर घेटिया की ब्रेन हैमरेज से मौत हो गई है। 11 मई को गुजरात माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (GSEB) के नतीजे आए थे। हीर इसके टॉपर्स में से एक थी। उसके 99.70 फीसदी अंक आये थे। मैथ्स में उसके 100 में से 100 नंबर थे। उसे ब्रेन हैमरेज हुआ था। बीते महीने राजकोट के प्राइवेट अस्पताल में उसका ऑपरेशन हुआ था। ऑपरेशन के बाद उसे छुट्टी दे दी गई। वो घर चली गई, लेकिन क़रीब एक हफ़्ते पहले उसे सांस लेने में फिर दिक़्क़त होने लगी और दिल में भी हल्का दर्द होने लगा।

इसके बाद उसे अस्पताल में ICU में भर्ती कराया गया था। हाॅस्पिटल में एमआरआई कराने पर सामने आया कि हीर के दिमाग का 80 से 90 प्रतिशत हिस्सा काम नहीं कर रहा था। इसके बाद हीर को सीसीयू में भर्ती कराया गया। हालांकि डाॅक्टरों की लाख कोशिशों के बाद ही उसे बचाया नहीं जा सका और 15 मई को हीर ने दम तोड़ दिया। हीर की मौत के बाद परिवार ने मिसाल पेश करते हुए उसकी आंखों और शरीर को डोनेट करने का फैसला किया।

हीर के पिता ने कहा, “हीर एक डॉक्टर बनना चाहती थी। हमने उसका शरीर दान कर दिया ताकि भले ही वह डॉक्टर न बन सके लेकिन दूसरों की जान बचाने में मदद कर सकेगी।

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