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अन्तर्राष्ट्रीय

संयुक्त राष्ट्र ने यमन के लिए राहत राशि जारी की

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संयुक्त राष्ट्र | संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार मामलों के समन्वय कार्यालय (ओसीएचए) ने संकट ग्रस्त यमन के लिए 2.5 करोड़ डॉलर की राहत राशि जारी की है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, ओसीएचए ने बयान जारी कर बताया कि संयुक्त राष्ट्र केंद्रीय आपातकालीन प्रतिक्रिया कोष की तरफ से जारी धन से संबंधित घोषणा गुरुवार को की गई।

इस धन का इस्तेमाल यमन में जरूरतमंद लोगों को ईंधन, दवा, स्वच्छ जल, स्वच्छता सेवाओं और पोषण कार्यक्रमों तथा आपात परिस्थितियों में आवश्यक चीजों की आपूर्ति के लिए किया जाएगा। संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन के सर्वेक्षण के मुताबिक, यमन में 60 लाख लोगों को मदद की जरूरत है। यमन पूर्व राष्ट्रपति अली अब्दुल्ला सालेह और शिया हौती विद्रोही समूह के बीच जारी संघर्ष में फंसा हुआ है। हौती समूह निर्वासित राष्ट्रपति अब्दु-रब्बु मनसौर हैदी को समर्थन दे रहे हैं।

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पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’

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नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।

इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।

रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”

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