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दिल्ली नगरनिगम को वेतन भुगतान के लिए 493 करोड़ रुपये मिलेंगे
नई दिल्ली | दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग ने शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी के नगरनिगमों को 493 करोड़ रुपये देने का आदेश जारी किया है। इस धनराशि का इस्तेमाल सफाई कर्मियों के पिछले दो महीने के वेतन भुगतान के लिए किया जाएगा। जंग ने इससे पहले तीनों नगरनिगमों के मेयरों और आयुक्तों से मुलाकात की और सफाई कर्मियों से हड़ताल समाप्त करने के लिए कहा।
दिल्ली नगरनिगम के कर्मचारियों ने अप्रैल और मई महीने के वेतन का भुगतान न करने पर काम रोक दिया है। इसके कारण शहर की सड़कों विशेषकर पूर्वी दिल्ली की सड़कों पर कचरा फैला हुआ है। उपराज्यपाल निवास से जारी आधिकारिक बयान के मुताबिक, “उप राज्यपाल ने तीनों मेयरों और आयुक्तों से मुलाकात की। जंग ने सभी को बताया कि दिल्ली सरकार आज 493 करोड़ रुपये जारी करेगी।” पूर्वी दिल्ली नगरनिगम (ईडीएमसी) के कर्मचारियों ने वेतन न मिलने पर मयूर विहार और पटपड़गंज इलाके में कचरा फैला दिया है।
सड़कों पर कचरा फैला हुआ है जिससे स्थानीय लोगों तथा राहगीरों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। ईडीएमसी वित्तीय संकट के कारण अपने 11,000 सफाई कर्मियों को वेतन नहीं दे पाया है। उपराज्यपाल निवास से जारी बयान में बताया गया है, “उन्होंने वेतन न मिलने से सफाईकर्मियों को हो रही दिक्कतों को समझते हुए उनसे अपील की कि कठिनाई झेलने के बावजूद उन्हें हड़ताल रोक देनी चाहिए। यह शहर के नागरिकों के हित में होगा, जो कि हमसे जुड़े हुए हैं।”
अरविंद केजरीवाल सरकार ने इसके पहले नगरनिगम कर्मचारियों के वेतन बकाए का भुगतान करने के लिए नौ जून को 500 करोड़ रुपये जारी किए थे। पूर्वी तथा उत्तरी नगरनिगम के सफाई कर्मी वेतन भुगतान न करने के विरोध में हड़ताल पर चले गए हैं।
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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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