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अन्तर्राष्ट्रीय

अफगानिस्तान : अदालत में आतंकवादी हमला, 6 मरे

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काबुल | अफगानिस्तान के वरदक प्रांत में मंगलवार को आतंकवादियों ने एक स्थानीय अदालत परिसर में हमला कर दिया। इस हमले में दो पुलिसकर्मी और चार हमलावर मारे गए। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रपट के मुताबिक, अधिकारी ने बताया कि मैदान शार शहर स्थित प्रांतीय अदालत की इमारत में चार आतंकवादी घुसने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन सुरक्षा बलों ने उन्हें रोका जिसके बाद यह हमला हुआ।

अधिकारी ने बताया, “एक आतंकवादी ने मुख्य द्वार के सामने विस्फोटक से भरी अपनी जैकेट में विस्फोट कर लिया जबकि तीन अन्य आतंकवादियों ने विस्फोट के बाद परिसर के दूसरे द्वार तक पहुंचने की कोशिश की।” उन्होंने बताया कि हमलावर सेना की वर्दी पहनकर आए थे। दो पुलिसकर्मियों की विस्फोट में मौत हो गई, जबकि तीन आतंकवादियों को दूसरे द्वार तक पहुंचने के पहले ही सुरक्षा बलों ने गोली मार दी, और उनकी मौत हो गई।

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पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’

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नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।

इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।

रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”

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