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बिहार : सड़क हादसे में छात्र की मौत, 7 वाहन फूंके

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सासाराम| बिहार के रोहतास जिले के डालमियानगर थाना क्षेत्र में सड़क हादसे में एक छात्र की मौत से भड़के लोगों ने शनिवार को जमकर हंगामा किया। इस दौरान आक्रोशित लोगों ने कम से कम दो बसों सहित सात वाहनों को आग के हवाले कर दिया तथा पुलिस पर पथराव किया। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठी चार्ज किया। पुलिस के अनुसार, रत्तुबिगहा गांव के पास एनटीपीसी की एक बस से कुचलकर एक बच्चे की मौत हो गई। मृतक नौवीं कक्षा का छात्र बताया जा रहा है। इस घटना खिलाफ लोग सड़क पर उतर आए और सड़क जाम कर दिया।

इस दौरान कुछ लोग स्थानीय एनटीपीसी कार्यालय पहुंच गए और वहां तोड़फोड़ प्रारंभ कर दी। एनटीपीसी कार्यालय में खड़े सात वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया। मौके पर पहुंची पुलिस को भी भीड़ ने निशाना बनाया तथा पुलिस पर पथराव प्रारंभ कर दिया। इस पथराव में कई पुलिसकर्मी के घायल होने की सूचना है।

पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठी चार्ज किया तथा आंसू गैस के गोले छोड़े।

रोहतास के पुलिस अधीक्षक चंदन कुशवाहा ने बताया कि घटनास्थल पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में तनाव व्याप्त है परंतु स्थिति नियंत्रण में है।

प्रादेशिक

गुजरात बोर्ड परीक्षा में टॉपर रही छात्रा की ब्रेन हैमरेज से मौत, आए थे 99.70 फीसदी अंक

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अहमदाबाद। गुजरात बोर्ड की टॉपर हीर घेटिया की ब्रेन हैमरेज से मौत हो गई है। 11 मई को गुजरात माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (GSEB) के नतीजे आए थे। हीर इसके टॉपर्स में से एक थी। उसके 99.70 फीसदी अंक आये थे। मैथ्स में उसके 100 में से 100 नंबर थे। उसे ब्रेन हैमरेज हुआ था। बीते महीने राजकोट के प्राइवेट अस्पताल में उसका ऑपरेशन हुआ था। ऑपरेशन के बाद उसे छुट्टी दे दी गई। वो घर चली गई, लेकिन क़रीब एक हफ़्ते पहले उसे सांस लेने में फिर दिक़्क़त होने लगी और दिल में भी हल्का दर्द होने लगा।

इसके बाद उसे अस्पताल में ICU में भर्ती कराया गया था। हाॅस्पिटल में एमआरआई कराने पर सामने आया कि हीर के दिमाग का 80 से 90 प्रतिशत हिस्सा काम नहीं कर रहा था। इसके बाद हीर को सीसीयू में भर्ती कराया गया। हालांकि डाॅक्टरों की लाख कोशिशों के बाद ही उसे बचाया नहीं जा सका और 15 मई को हीर ने दम तोड़ दिया। हीर की मौत के बाद परिवार ने मिसाल पेश करते हुए उसकी आंखों और शरीर को डोनेट करने का फैसला किया।

हीर के पिता ने कहा, “हीर एक डॉक्टर बनना चाहती थी। हमने उसका शरीर दान कर दिया ताकि भले ही वह डॉक्टर न बन सके लेकिन दूसरों की जान बचाने में मदद कर सकेगी।

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