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अन्तर्राष्ट्रीय

ब्रिटेन में रहने वाले ईयू नागरिक नहीं दे पाएंगे जनमत-संग्रह में वोट

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लंदन| ब्रिटेन यूरोपीय संघ (ईयू) में रहेगा या नहीं, इस मुद्दे पर होने वाले जनमत-संग्रह में ब्रिटेन में रहने वाले यूरोपीय संघ के विभिन्न देशों के नागरिक वोट नहीं कर पाएंगे। ‘बीबीसी’ की रिपोर्ट के अनुसार, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने वर्ष 2013 में कहा था कि यदि उनकी पार्टी 2015 के आम चुनाव में जीत जाती है तो वह इस मुद्दे पर जनमत-संग्रह कराएंगे। इस साल सात मई के आम चुनाव में एक बार फिर जीत के बाद कैमरन ने जनमत-संग्रह को लेकर प्रतिबद्धता दोहराई है।

इस जनमत-संग्रह में ब्रिटिश, आयरिश और राष्ट्रमंडल के 18 साल से कम उम्र के नागरिक मतदान कर पाएंगे। विदेशों में पिछले 15 साल से रह रहे ब्रिटिश नागरिक भी इसमें मतदान कर पाएंगे।

कैमरन इस मुद्दे पर यूरोपीय संघ के अध्यक्ष जीन-क्लाउड से मिलने वाले हैं।

अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’

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नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।

इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।

रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”

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