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केंद्र को भारी पड़ेगा अमेठी फूड पार्क रद्द करना : सचिन पायलट

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लखनऊ | पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं कांग्रेस के राजस्थान इकाई के अध्यक्ष सचिन पायलट ने कहा है कि अमेठी में बनने वाले फूड पार्क की योजना को रद्द करने की कीमत केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को चुकानी ही पड़ेगी। पायलट ने यह भी कहा कि यदि यही फूड पार्क बनारस में बनना होता तो उसे केंद्र सरकार हरगिज रद्द नहीं करती।

लखनऊ पहुंचे पायलट ने आईएएनएस से विशेष बातचीत के दौरान ये बातें कही। बातचीत के दौरान उन्होंने कई मुद्दों पर अपने विचार व्यक्त किए। पायलट ने इस दौरान केंद्र पर जमकर प्रहार किए।

पायलट ने कहा, “अमेठी फूड पार्क को केंद्र सरकार ने जानबूझकर कैंसिल किया है और उसे इसकी राजनीतिक कीमत चुकानी पड़ेगी। अमेठी में फूड पार्क बनने से आसपास के करीब 20 जिलों को लाभ मिलता और किसान खुशहाल होता, लेकिन मोदी ने किसानों का हक छीना है।”

जब यह पूछा गया कि जिस समय केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी, उस समय राहुल ने फूड पार्क क्यों नहीं बनवाया, तो पायलट ने कहा, “फूड पार्क को दो वर्ष पहले मंजूरी मिली थी। केंद्रीय योजनाओं को पूरा होने में थोड़ा समय तो लगता ही है।”

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार एक श्वेतपत्र जारी कर यह ऐलान कर दे कि जो कोई योजना तय समय में पूरी नहीं हुई तो उसे बंद कर दिया जाएगा।”

केंद्र सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए पायलट ने कहा कि मोदी सरकार के एक वर्ष के कार्यकाल में कृषि की उपेक्षा की गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि भाजपा किसानों को उनकी फसल पर लागत का 50 प्रतिशत मुनाफा सुनिश्चित कराएगी।

उन्होंने कहा, “सालभर में डीजल पेट्रोल के दाम आठ बार बढ़े। ओलावृष्टि व फसल तबाही के बाद किसानों को न तो मुआवजा मिला और न ही ऋ ण माफी की घोषणा की गई। उल्टे केंद्र सरकार छोटे व मझोले किसानों की जमीन हड़पने का षड्यंत्र रच रही है।”

उन्होंने कहा कि कुछ पूंजीपति मित्रों को फायदा पहुंचाने के लिए नरेंद्र मोदी किसानों से उनकी सबसे बहुमूल्य जमीन छीनने पर उतारू हैं। मोदी सरकार का भूमि अधिग्रहण अध्यादेश-2015 ने उचित मुआवजा कानून-2013 के शरीर और आत्मा की हत्या कर डाली। यह अध्यादेश अब वास्तव में किसान के लिए ‘जीवन अधिग्रहण’ अध्यादेश बन गया है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार बनने से पहले कृषि की विकास दर 4़7 प्रतिशत थी अब मात्र 1 प्रतिशत रह गई है। सरकार में आज पूरी ताकत वाले एक व्यक्ति के पास केंद्रित है। मोदी सत्ता का एकीकरण कर शासन चलाना चाहते हैं, इसलिए सरकार के मंत्री घुटन महसूस कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि कारपोरेट घरानों को फायदा पहुंचाने के लिए इनकम टैक्स में पांच प्रतिशत की कमी की गई।

पूर्व मंत्री सचिन पायलट ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वचछ भारत अभियान के बजट में भी कटौती कर दी है। पहले इस मद में 15 हजार करोड़ रुपये जारी किए गए थे, इस बार मात्र छह हजार करोड़ ही जारी किए गए।

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गाजियाबाद में बीच सड़क पर चलती कार बनी आग का गोला, ड्राइवर ने कूदकर बचाई जान

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गाजियाबाद। गाजियाबाद में शनिवार को एक चलती कार में अचानक आग लग गई। आग बेहद भीषण थी और कुछ पलों में ही आग की तेज लपटों ने पूरी गाड़ी को घेर लिया। दोनों तरफ से ट्रैफिक चल रहा था इसी दौरान कार में ब्लास्ट भी हुआ। हालांकि गनीमत रही कि इस हादसे में ड्राइवर को कोई नुक्सान नहीं हुआ है। उसने पहले से कार से कूदकर अपनी जान बचा ली।

मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड की एक गाड़ी ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया। गनीमत रही कि घटना में कोई जनहानि नहीं हुई। फायर विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, शनिवार को गाजियाबाद के फायर स्टेशन कोतवाली में दिन में 2 बजे चिरंजीव विहार के सामने हापुड़ रोड पर कार में आग की सूचना मिली।

सूचना मिलते ही फायर स्टेशन कोतवाली का एक फायर टेंडर यूनिट को घटनास्थल के लिए रवाना किया गया। घटनास्थल पर पहुंच कर फायर कर्मियों ने देखा कि गाड़ी से आग की लपटें काफी तेज हैं और आग पूरी गाड़ी में फैल चुकी है। फायर यूनिट ने शीघ्रता से होजलाइन फैलाकर फ़ायर फ़ाइटिंग कर आग को पूर्ण रूप से शांत किया। जानकारी के मुताबिक यह महिंद्रा कंपनी की केयूवी कार थी। गाड़ी डीजल की थी। गाड़ी के मालिक का नाम परवेज आलम है। वो गाड़ी से डासना की तरफ जा रहे थे।

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