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मुख्य समाचार

उप्र : मुख्यमंत्री अखिलेश पत्नी डिंपल के साथ फ्रांस रवाना

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लखनऊ| उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव गुरुवार को छह सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ फ्रांस के लिए रवाना हो गए। 21 से 26 मई तक चलने वाले इस दौरे में वह फ्रांस के इत्र कारोबार के केंद्र ‘ग्रासे’ में कन्नौज के इत्र कारोबार को बढ़ाने पर चर्चा करेंगे। प्रतिनिधिमंडल में मुख्यमंत्री के साथ उनकी पत्नी और कन्नौज की सांसद डिंपल यादव व अभिषेक मिश्र भी शामिल हैं। ग्रासे दुनिया में इत्र राजधानी के तौर पर मशहूर है।

मुख्यमंत्री के दौरे का उद्देश्य इत्र नगरी कन्नौज और ग्रासे के बीच कारोबारी रिश्तों की शुरुआत करना है। इस दौरे के माध्यम से दोनों शहरों के बीच इत्र व्यवसाय से जुड़े सभी पहलुओं को जानने और समझने की कोशिश होगी, ताकि इत्र कारोबार को बढ़ावा मिल सके।

राज्य सरकार इत्र उद्योग को एक प्रमुख उद्योग के रूप में स्थापित करना चाहती है। अपनी विशेषज्ञता के आधार पर फ्रांस इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। इस दौरे में इत्र निर्माण की नई तकनीकों का पता लगाया जाएगा, ताकि कन्नौज के इत्र उद्योग को लाभकारी बनाया जा सके और उत्तर प्रदेश में फूलों की खेती को भी प्रोत्साहन मिल सके।

नेशनल

जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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