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अन्तर्राष्ट्रीय

रूस संग व्यापार संबंध बढ़ाने की अपार संभावना : प्रणब

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मॉस्को | भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने नई दिल्ली तथा मॉस्को के बीच वाणिज्यिक तथा निवेश आदान-प्रदान की प्रचुर संभावना को रेखांकित करते हुए कहा है कि दो अर्थव्यवस्थाओं के बीच मौजूद नए अवसरों का पूरी तरह से दोहना किया जाना चाहिए। रूस में भारतीय राजदूत पी.एस.राघवन द्वारा भारतीय समुदाय के लिए आयोजित दावत में राष्ट्रपति ने शनिवार को कहा कि पिछले 15 सालों में भारत तथा रूस के संबंधों में गुणवत्तापूर्ण बदलाव देखा गया है।

एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, मुखर्जी ने कहा, “अक्टूबर में भारत-रूस रणनीतिक साझेदारी पर हस्ताक्षर कर भारत संभवत: किसी देश के साथ संस्थागत संबंधों के करीब आ गया है। यह संबंध तब से नए क्षेत्रों की तरफ फैल रहा है।” राष्ट्रपति ने कहा कि भारत आज रूस के साथ अपने संबंधों को, बहुआयामी द्विपक्षीय आदान-प्रदान के लिहाज से एक विशेष और गौरवान्वित रणनीतिक साझेदारी के रूप में देखता है। उन्होंने कहा कि रूस में भारतीय समुदाय ने भारत तथा रूस के बीच संबंधों को मजबूत करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

राष्ट्रपति ने कहा कि दोनों देशों के नेताओं तथा अधिकारियों के बीच बातचीत हमेशा गर्माहट भरी और मित्रवत रही है। उन्होंने कहा, “यह भारतीय सिनेमा, संस्कृति तथा धरोहर में रूस की रुचि और भारत में रूस के साहित्य, कला, सर्कस और विज्ञान की लोकप्रियता के कारण बढ़ा है।” राष्ट्रपति ने कहा कि भारत तथा रूस के बीच कुल व्यापार छह अरब डॉलर का रहा है, जो कि भारत के कुल व्यापार का एक प्रतिशत से भी कम है। भारत में एफडीआई प्रवाह 246 अरब डॉलर हो गया है, जिसमें रूस का हिस्सा सिर्फ एक अरब डॉलर है। उन्होंने कहा, “दोनों देशों की अर्थव्यवस्था के आकार को देखते हुए दोनों के बीच वाणिज्यिक तथा निवेश आदान-प्रदान को बढ़ाने की प्रचुर संभावना मौजूद है।”

अन्तर्राष्ट्रीय

इब्राहिम रईसी के निधन पर शोक पीएम मोदी ने जताया शोक, कहा- दुःख की इस घड़ी में भारत ईरान के साथ खड़ा है

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के निधन पर शोक जताया है। इब्राहिम रईसी की रविवार को को एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मौत हो गई थी। पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा, इस्लामी गणतंत्र ईरान के राष्ट्रपति डॉ. सैयद इब्राहिम रायसी के निधन से मुझे गहरा दुख और सदमा लगा है। भारत-ईरान द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। उनके परिवार और ईरान के लोगों के प्रति मेरी संवेदना है। दुख की इस घड़ी में भारत ईरान के साथ खड़ा है।

बता दें कि अजरबैजान के घने और पहाड़ी इलाके में रविवार को राष्ट्रपति का विमान क्रैश हो गया था। इसके बाद ईरान की सेना ने हेलीकॉप्टर की तलाश में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया, जिसमें विमान का मलबा मिल गया। हालांकि, दुर्घटनास्थल पर जीवन के कोई संकेत नहीं मिले हैं। रॉयटर्स की रिपोर्ट्स के मुताबिक, हेलीकॉप्टर दुर्घटना के बाद राष्ट्रपति रईसी के जीवित होने की उम्मीदें न के बराबर हैं।

बता दें कि अजरबैजान के जंगल में खराब मौसम की वजह से इब्राहिम रईसी के विमान की आपात लैंडिंग कराई गई थी, जिससे हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। कई घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद ईरान की जांच एजेंसियों को विमान का मलबा मिला। इसके बाद ईरानी मीडिया ने हेलीकॉप्टर हादसे में राष्ट्रपति और विदेश मंत्री की मौत की पुष्टि की। ईरानी रेड क्रिसेंट प्रमुख ने बताया कि बचाव टीमें दुर्घटनास्थल पर पहुंच चुकी हैं। इस हादसे में विमान का पूरा केबिन जलकर राख हो गया, जिसमें किसी के जिंदा होने के निशान नहीं मिले हैं। इस बीच ईरानी न्यूज एजेंसी ने बताया कि हादसे में किसी के बचने की कोई उम्मीद नहीं है, क्योंकि राष्ट्रपति का चॉपर पूरी तरह से तबाह हो गया।

ईरान के प्रेस टीवी के अनुसार, रेस्क्यू दल ने ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के हेलीकॉप्टर का पता लगा लिया है। दुर्घटनास्थल पर किसी भी जीवित व्यक्ति का कोई सुराग नहीं मिला है। आपको बता दें कि राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी पूर्वी अजरबैजान के दौरे गए थे। वे अपने विमान से राजधानी तेहरान लौट रहे थे, तभी उत्तर-पश्चिम में अजरबैजान देश की सीमा से सटे जुल्फा शहर के पास हादसा हो गया। उनके साथ हेलीकॉप्टर में विदेश मंत्री हुसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन, पूर्वी अजरबैजान प्रांत के गवर्नर और अन्य अधिकारी मौजूद थे।

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