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अन्तर्राष्ट्रीय

पर्वतारोहण अभी थोड़ा खतरनाक : नेपाल

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काठमांडू,नेपाल,भूकंप,माउंटेनियरिंग एसोसिएशन,पुनर्निर्माण

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काठमांडू | नेपाल में पर्वतारोहण अभियान अभी थोड़ा खतरनाक हो सकता है, क्योंकि भूकंप के बाद के झटके जहां जारी हैं, वहीं लोगों को इस बात की जानकारी नहीं है कि पर्वत की ढलानों के अंदर कोई दरार पड़ी है या नहीं। यह जानकारी नेपाल माउंटेनियरिंग एसोसिएशन ने रविवार को दी। एसोसिएशन के प्रथम उपाध्यक्ष संता बीर लामा ने समाचार एजेंसी सिन्हुआ को बताया कि 25 अप्रैल को आए भूकंप के बाद स्थानीय गाइड सहित 700 से 800 लोग हिमालय की विभिन्न चोटियों पर स्थित आधार शिविरों में हैं।

लेकिन अब, करीब 80 फीसदी लोग पर्वत से नीचे चले आए हैं। लामा ने कहा, “पर्वतारोही चिंतित हैं और गाइड को अभी पर्वतारोहण में रुचि नहीं है, क्योंकि इनमें से कइयों ने अपने परिवार के सदस्यों को खोया है और उनके मकान नष्ट हो गए हैं।” पर्वत से नीचे आ गए कई पर्वतारोही अपने-अपने देशों को लौटने पर विचार कर रहे हैं। माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई का सबसे बेहतर दो सप्ताह का समय (15-29 मई) नजदीक आ रहा है। लामा ने कहा कि सरकार अभी भी पर्वतारोहण रद्द करने को लेकर हिचकिचा रही है, जिससे देश को काफी कमाई होती है। लामा के अनुसार, भूकंप ने नेपाल में पर्यटन के लिए बड़ी समस्या खड़ी की है, क्योंकि सरकार को पहाड़ी इलाके में सड़कों तथा पुलों के पुनर्निर्माण करने हैं।

अन्तर्राष्ट्रीय

इब्राहिम रईसी के निधन पर शोक पीएम मोदी ने जताया शोक, कहा- दुःख की इस घड़ी में भारत ईरान के साथ खड़ा है

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के निधन पर शोक जताया है। इब्राहिम रईसी की रविवार को को एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मौत हो गई थी। पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा, इस्लामी गणतंत्र ईरान के राष्ट्रपति डॉ. सैयद इब्राहिम रायसी के निधन से मुझे गहरा दुख और सदमा लगा है। भारत-ईरान द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। उनके परिवार और ईरान के लोगों के प्रति मेरी संवेदना है। दुख की इस घड़ी में भारत ईरान के साथ खड़ा है।

बता दें कि अजरबैजान के घने और पहाड़ी इलाके में रविवार को राष्ट्रपति का विमान क्रैश हो गया था। इसके बाद ईरान की सेना ने हेलीकॉप्टर की तलाश में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया, जिसमें विमान का मलबा मिल गया। हालांकि, दुर्घटनास्थल पर जीवन के कोई संकेत नहीं मिले हैं। रॉयटर्स की रिपोर्ट्स के मुताबिक, हेलीकॉप्टर दुर्घटना के बाद राष्ट्रपति रईसी के जीवित होने की उम्मीदें न के बराबर हैं।

बता दें कि अजरबैजान के जंगल में खराब मौसम की वजह से इब्राहिम रईसी के विमान की आपात लैंडिंग कराई गई थी, जिससे हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। कई घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद ईरान की जांच एजेंसियों को विमान का मलबा मिला। इसके बाद ईरानी मीडिया ने हेलीकॉप्टर हादसे में राष्ट्रपति और विदेश मंत्री की मौत की पुष्टि की। ईरानी रेड क्रिसेंट प्रमुख ने बताया कि बचाव टीमें दुर्घटनास्थल पर पहुंच चुकी हैं। इस हादसे में विमान का पूरा केबिन जलकर राख हो गया, जिसमें किसी के जिंदा होने के निशान नहीं मिले हैं। इस बीच ईरानी न्यूज एजेंसी ने बताया कि हादसे में किसी के बचने की कोई उम्मीद नहीं है, क्योंकि राष्ट्रपति का चॉपर पूरी तरह से तबाह हो गया।

ईरान के प्रेस टीवी के अनुसार, रेस्क्यू दल ने ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के हेलीकॉप्टर का पता लगा लिया है। दुर्घटनास्थल पर किसी भी जीवित व्यक्ति का कोई सुराग नहीं मिला है। आपको बता दें कि राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी पूर्वी अजरबैजान के दौरे गए थे। वे अपने विमान से राजधानी तेहरान लौट रहे थे, तभी उत्तर-पश्चिम में अजरबैजान देश की सीमा से सटे जुल्फा शहर के पास हादसा हो गया। उनके साथ हेलीकॉप्टर में विदेश मंत्री हुसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन, पूर्वी अजरबैजान प्रांत के गवर्नर और अन्य अधिकारी मौजूद थे।

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